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अंबाला: प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने कोरोना टेस्ट पर पैसे वसूलने पर जताई आपत्ति

स्कूल खोलने के आदेशों के बावजूद अंबाला में निजी स्कूल बंद दिखाई दिए. फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने सरकार पर भेदभाव के आरोप लगाए हैं. प्राइवेट स्कूलों के संचालकों का कहना है कि सरकारी अध्यापकों की तरह उनका भी मुफ्त में कोरोना टेस्ट कराया जाए.

private school association objected to the recovery of money on the corona test
अंबाला:प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने कोरोना टेस्ट पर पैसे वसूलने पर जताई आपत्ति.
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Published : Sep 22, 2020, 8:50 AM IST

अंबाला: 21 सितंबर से प्रदेश में स्कूलों को कुछ शर्तों के साथ खोलने की अनुमति दे दी गई थी. जिसके तहत स्कूल खुले भी दिखाई दिए लेकिन कुछ जिलों में निजी स्कूल बंद ही दिखाई दिए. निजी स्कूलों के ना खुलने की वजह रही शिक्षकों के कोरोना टेस्ट का ना हो पाना.

निजी स्कूलों के दरवाजे अभी भी बंद

सरकार के निर्देशानुसार अध्यापकों को कोरोना टेस्ट कराने और उसकी नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही स्कूल आने की अनुमति दी जाएगी. इसके तहत सरकारी स्कूलों के अध्यापकों के तो मुफ्त में कोरोना टेस्ट करवाए जा रहे हैं, लेकिन निजी स्कूलों के अध्यापकों को कोरोना टेस्ट करवाने के लिए 1600 रुपए देने होंगे. जिसको लेकर फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कड़ी आपत्ति जताई है.

अंबाला: प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने कोरोना टेस्ट पर पैसे वसूलने पर जताई आपत्ति

सरकार पर लगाए भेदभाव के आरोप

कुलभूषण शर्मा ने सरकार पर भेदभाव करने और अपनी तिजोरियां भरने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कुलभूषण शर्मा ने मनोहर सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि क्या निजी स्कूलों के अध्यापक और बच्चे हरियाणा के नागरिक नहीं हैं? उन्होंने कहा कि यदि सरकार इन आदेशों को तुरंत प्रभाव से वापस नहीं लेती तो सरकार को इसका करारा जवाब दिया जाएगा.

ये भी पढ़िए: निजी स्कूल द्वारा फीस वसूलने को लेकर सरकार ने फिर खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

आपको बता दें कि लॉक डाउन के लंबे अंतराल के बाद 21 सितंबर से प्रदेशभर में स्कूलों को खोलने की अनुमति दी गई थी, जिसमें 9वीं कक्षा से 12वीं की कक्षाएं शुरू की जानी थी. कई जिलों में सरकारी स्कूल तो खुले दिखे लेकिन अंबाला में निजी स्कूल अभी भी बंद हैं.

अंबाला: 21 सितंबर से प्रदेश में स्कूलों को कुछ शर्तों के साथ खोलने की अनुमति दे दी गई थी. जिसके तहत स्कूल खुले भी दिखाई दिए लेकिन कुछ जिलों में निजी स्कूल बंद ही दिखाई दिए. निजी स्कूलों के ना खुलने की वजह रही शिक्षकों के कोरोना टेस्ट का ना हो पाना.

निजी स्कूलों के दरवाजे अभी भी बंद

सरकार के निर्देशानुसार अध्यापकों को कोरोना टेस्ट कराने और उसकी नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही स्कूल आने की अनुमति दी जाएगी. इसके तहत सरकारी स्कूलों के अध्यापकों के तो मुफ्त में कोरोना टेस्ट करवाए जा रहे हैं, लेकिन निजी स्कूलों के अध्यापकों को कोरोना टेस्ट करवाने के लिए 1600 रुपए देने होंगे. जिसको लेकर फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कड़ी आपत्ति जताई है.

अंबाला: प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने कोरोना टेस्ट पर पैसे वसूलने पर जताई आपत्ति

सरकार पर लगाए भेदभाव के आरोप

कुलभूषण शर्मा ने सरकार पर भेदभाव करने और अपनी तिजोरियां भरने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कुलभूषण शर्मा ने मनोहर सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि क्या निजी स्कूलों के अध्यापक और बच्चे हरियाणा के नागरिक नहीं हैं? उन्होंने कहा कि यदि सरकार इन आदेशों को तुरंत प्रभाव से वापस नहीं लेती तो सरकार को इसका करारा जवाब दिया जाएगा.

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आपको बता दें कि लॉक डाउन के लंबे अंतराल के बाद 21 सितंबर से प्रदेशभर में स्कूलों को खोलने की अनुमति दी गई थी, जिसमें 9वीं कक्षा से 12वीं की कक्षाएं शुरू की जानी थी. कई जिलों में सरकारी स्कूल तो खुले दिखे लेकिन अंबाला में निजी स्कूल अभी भी बंद हैं.

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