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हरियाणा: कई पुश्तों से तिरंगा बना रहा ये परिवार, कारगिल पर पहली बार लहराया था यहीं का बना झंडा - अंबाला भारतीय झंडे की दुकान

हरियाणा में एक परिवार ऐसा है जो कई पीढ़ियों से भारतीय ध्वज बनाने का काम कर रहा हैं. आज ये परिवार 50 रुपये से लेकर 12 हजार रुपये तक की कीमत वाला तिरंगा बनाता है, लेकिन इससे भी खास बात ये है कि इनके हाथों के बने तिरंगे देश के कई बहुमुल्यों ऐतिहासिक लम्हों में लहराया गया है. पढ़िए इस परिवार की रोचक कहानी.

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कारगिल पर पहली बार लहराया था यहीं का बना तिरंगा
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Published : Aug 9, 2021, 11:20 AM IST

Updated : Aug 9, 2021, 1:54 PM IST

अंबाला: 15 अगस्त की याद आते ही सबसे पहले खयाल आता है लाल किले पर फहरा रहे तिरंगे (Indian Tricolor) का. क्या आप जानते हैं कि ये तिरंगा कहां और कैसे बनाया जाता है. वैसे तो देश के अलग-अलग हिस्सों में तिरंगे का निर्माण होता है. लेकिन अंबाला में बनने वाला तिरंगा (India Flags shop in Ambala) कई मायनों में अहम है. हरियाणा में अंबाला ही एकमात्र ऐसा जिला है, जहां तिरंगे को बनाया जाता है और यहां से बना तिरंगा देश के बहुत से ऐतिहासिक लम्हों पर शान से लहराया गया है. सबसे खास बात ये है कि इनके हाथ के बने तिरंगे को कारगिल पर फतेह पाने वाले वीरों ने कारगिल की चोटी पर लहराया था.

आपको ये जानकर गर्व होगा कि 26 जुलाई 1999 को भारतीय जवानों ने पाकिस्तान के दांत खट्टे कर, कारगिल की सबसे ऊंची चोटियों में एक, जिस टाइगर हिल पर तिरंगा फहराया था वो अंबाला की लिबर्टी एम्ब्रायडर्स नाम की दुकान (Liberty Embroidery Shop of Ambala) में बना था. यही नहीं जिन शूरवीरों ने कारगिल में शहादत दी थी. उनके लिए भी तिरंगा इसी दुकान से गया था. ये दुकान साल 1965 से चल रही है. ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत के दौरान दुकान संचालक गुरप्रीत ने बताया कि वो कई पीढ़ियों से तिरंगा बनाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध जीता तो उनके पिता ने 5 झंडे जीती हुई चोटियों पर लगाने के लिए आर्मी को मुफ्त में बनाकर दिए.

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कई पुश्तों से तिरंगा बना रहा है लिबर्टी एम्ब्रायडर्स चला रहे परिवार

ये पढ़ें- आजाद हिंद फौज के सैनिक से जानिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अनसुने, अनसुने किस्से

जिसके बाद उन्हें तत्कालीन 102 इन्फेंट्री ब्रिगेड के ब्रिगेडियर पीसी कटोच ने प्रशंसा पत्र दिया. गुरप्रीत सिंह का कहना है कि 15 अगस्त और 26 जनवरी पर औसतन 700-800 तिरंगे वो तैयार करते हैं. इन तिरंगों की कीमत 50 रुपये से लेकर 12 हजार रुपये तक होती है. छोटे बच्चों के लिए एक बाई डेढ़ फुट का तिरंगा 50 रुपये का बनता है. तो 20 बाई 30 फीट के तिरंगे की कीमत 8 हजार से 12 हजार तक होती है. इसे तैयार करने में दो-तीन दिन लगते हैं.

ये पढे़ं- आजाद देश के वो परवाने जिन्होंने देश के लिए दे दी जान लेकिन सरकार ने किया निराश

अंबाला: 15 अगस्त की याद आते ही सबसे पहले खयाल आता है लाल किले पर फहरा रहे तिरंगे (Indian Tricolor) का. क्या आप जानते हैं कि ये तिरंगा कहां और कैसे बनाया जाता है. वैसे तो देश के अलग-अलग हिस्सों में तिरंगे का निर्माण होता है. लेकिन अंबाला में बनने वाला तिरंगा (India Flags shop in Ambala) कई मायनों में अहम है. हरियाणा में अंबाला ही एकमात्र ऐसा जिला है, जहां तिरंगे को बनाया जाता है और यहां से बना तिरंगा देश के बहुत से ऐतिहासिक लम्हों पर शान से लहराया गया है. सबसे खास बात ये है कि इनके हाथ के बने तिरंगे को कारगिल पर फतेह पाने वाले वीरों ने कारगिल की चोटी पर लहराया था.

आपको ये जानकर गर्व होगा कि 26 जुलाई 1999 को भारतीय जवानों ने पाकिस्तान के दांत खट्टे कर, कारगिल की सबसे ऊंची चोटियों में एक, जिस टाइगर हिल पर तिरंगा फहराया था वो अंबाला की लिबर्टी एम्ब्रायडर्स नाम की दुकान (Liberty Embroidery Shop of Ambala) में बना था. यही नहीं जिन शूरवीरों ने कारगिल में शहादत दी थी. उनके लिए भी तिरंगा इसी दुकान से गया था. ये दुकान साल 1965 से चल रही है. ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत के दौरान दुकान संचालक गुरप्रीत ने बताया कि वो कई पीढ़ियों से तिरंगा बनाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध जीता तो उनके पिता ने 5 झंडे जीती हुई चोटियों पर लगाने के लिए आर्मी को मुफ्त में बनाकर दिए.

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कई पुश्तों से तिरंगा बना रहा है लिबर्टी एम्ब्रायडर्स चला रहे परिवार

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जिसके बाद उन्हें तत्कालीन 102 इन्फेंट्री ब्रिगेड के ब्रिगेडियर पीसी कटोच ने प्रशंसा पत्र दिया. गुरप्रीत सिंह का कहना है कि 15 अगस्त और 26 जनवरी पर औसतन 700-800 तिरंगे वो तैयार करते हैं. इन तिरंगों की कीमत 50 रुपये से लेकर 12 हजार रुपये तक होती है. छोटे बच्चों के लिए एक बाई डेढ़ फुट का तिरंगा 50 रुपये का बनता है. तो 20 बाई 30 फीट के तिरंगे की कीमत 8 हजार से 12 हजार तक होती है. इसे तैयार करने में दो-तीन दिन लगते हैं.

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Last Updated : Aug 9, 2021, 1:54 PM IST
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