अंबाला: कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसान लगातार दिल्ली के बॉर्डरों पर आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में किसान नेताओं ने एक बार फिर आंदोलन को धार देने की रणनीति तैयार की है. किसान नेता हरियाणा के कई जिलों में जाकर ना सिर्फ किसानों को संबोधित कर रहे हैं, बल्कि आगे की रणनीति भी बना रहे हैं.
हरियाणा के कई जिलों में हुई राकेश टिकैत की जनसभा के बाद अब किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने भी मोर्चा संभाल लिया है. चढूनी बुधवार को प्रदेश के कई जिलों में जाकर धरना दे रहे किसानों को संबोधत कर रहे हैं. इसी कड़ी में गुरनाम सिंह चढूनी बुधवार को अंबाला के शंभू बॉर्डर पर भी किसानों को संबोधित करने पहुंचेंगे. वहीं चढूनी की जनसभा में शामिल होने के लिए हजारों की तादात में किसान हरियाणा और पंजाब से शंभू बॉर्डर पहुंचना शुरू हो गए हैं.
शंभू बॉर्डर पर चढूनी की जनसभा आज
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान शंभू बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन अंबाला के जिला उपाध्यक्ष गुलाब सिंह ने बताया कि गुरनाम सिंह चढूनी प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं. इसी सिलसिले में वो अंबाला के शंभू बॉर्डर पर भी हरियाणा और पंजाब के किसानों को संबोधित करेंगे और आगे की रूपरेखा भी तैयार करेंगे.
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वहीं इस दौरान किसानों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में आंसू बहा रहे हैं, लेकिन उनके मुंह से किसान आंदोलन में अपनी जान देने वाले किसानों के लिए एक शब्द नहीं निकला. ये बेहद अफसोस की बात है. किसानों ने कहा कि जबतक कृषि कानून वापस नहीं होंगे, तबतक उनका ये आंदोलन जारी रहेगा.