अंबाला: कोरोना के बढ़ते संक्रमण और बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए हरियाणा सरकार ने अंबाला के गोविंदपुरी श्मशान घाट में दाह संस्कार के लिए एलपीजी संचालित इलेक्ट्रॉनिक मशीन लगवाई थी, ये मशीन करीब एक साल तक बंद पड़ी रही.
एक बड़ी वजह ये भी है कि धार्मिक आस्था और पुरानी परंपरा के चलते लोग एलपीजी मशीन में दाह संस्कार करवाने के लिए तैयार नहीं होते. लोगों का माना है कि वो परंपराओं के मुताबिक ही लकड़ी जलाकर संस्कार करेंगे. नहीं तो मृतक की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी. वहीं श्मशान घाट मैनेजर लोगों को इस बारे में समझा रहे हैं.
हरियाणा सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ये प्रोजेक्ट लगाया था. अब जब कोरोना केस दोबारा बढ़ने लगे हैं तो इस मशीन को चलाया गया है. क्योंकि लोगों की अब मजबूरी भी बन गई हैं. क्योंकि कोरोना की वजह से मौत का आंकडा बढ़ा है. जिसकी वजह से संस्कार प्रक्रिया में भी तेजी आ गई है.
इस मशीन की कई खासियत भी हैं. एक तो इस मशीन से दाह संस्कार का खर्च लकड़ियों के मुकाबले कम होता है. इससे प्रदूषण भी बहुत कम होता है. इस मशीन से वक्त भी बचता है. इसलिए अब लोगों ने इस मशीन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.