अंबाला: सरकारी दावों और सरकारी मुहिम को ठेंगा दिखाकर शहर को गंदगी के ढेर में तब्दील किया जा रहा है. अंबाला शहर को गंदगी के ढेर में कोई और नहीं बल्कि खुद सरकारी कर्मचारी तब्दील करने में जुटे हैं.
अंबाला में सफाई कर्मचारी यूं तो गली मोहल्लों से कूड़ा इकट्ठा कर लेते हैं, लेकिन उसे मुख्य चौराहों पर डाल दिया जाता है. आज शहर की सफाई व्यवस्था का रियलिटी चेक किया तो सफाई कर्मी सरकारी मुहिम को ठेंगा दिखाते कैमरों में कैद हो गए.
अंबाला में चरमराई सफाई व्यवस्था
हरियाणा के सबसे पुराने शहर अंबाला हम सबसे गंदा शहर कहें तो गलत नहीं होगा, क्योंकि यहां सड़कों पर गंदगी और कूड़े के इतने बड़े-बड़े ढेर लगे हुए हैं जिन्हें देखकर आप हैरान रह जाएंगे. शहर की अलग-अलग जगहों पर हमने सफाई व्यवस्था का जायजा लिया तो तस्वीरें सफाई अभियान और स्वच्छ भारत अभियान के मुंह पर तमाचे का काम कर रही थी.
सफाई कर्मी खुद लगा रहे कूड़े के ढेर
शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर और उनमें मुंह मार रहे आवारा जानवर ये बताने के लिए काफी थे कि यहां सफाई के नाम पर शहर से खिलवाड़ किया जा रहा है. इतना ही नहीं, शहर को गंदा बनाने में सफाई कर्मी ही सबसे आगे दिखाई दिए.
कैमरे में साफ दिखाई दिया कि सफाई कर्मचारी ही जगह-जगह से कूड़ा इकट्ठा करके सड़कों पर ढेर लगा रहे हैं. शहर में चरमराई सफाई व्यवस्था का आलम ये है कि स्कूलों के बाहर भी गंदगी के बड़े-बड़े ढेर लगे हुए हैं.
ये भी पढ़ें- जींद में हुई इनेलो की बैठक, SYL आंदोलन को लेकर लिया गया फैसला
अपनी पीठ थपथपाते नज़र आए अधिकारी
शहर में बिगड़ती सफाई व्यवस्था को लेकर हमने नगर निगम के अधिकारियों से बात की तो अधिकारी अपनी ही पीठ थपथपाते नजर आए. अधिकारियों का कहना है कि निगम सफाई के लिए भरपूर जोर लगा रहा है और समय समय पर कर्मियों को भी हिदायतें दी जाती हैं. वहीं अधिकारियों ने ये भी बताया कि रात के समय लोग भी चौक चौराहों पर कूड़ा फेंकते हैं, जिससे सफाई व्यवस्था खराब हो रही है.
'अधिकारी कागजों में करते हैं सफाई'
शहर में बिगड़ती सफाई व्यवस्था को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मीडिया कॉर्डिनेटर रहे दिलीप चावला ने भी अधिकारियों और कर्मचारियों को घेरा. उन्होंने बताया कि अधिकारी सिर्फ कागजों में ही सफाई करते नजर आ रहे हैं, जबकि जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट है.