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अंबाला: शंभू टोल प्लाजा पर किसानों ने किया अनिश्चितकालीन धरने का एलान

अंबाला के शंभू टोल प्लाजा पर 25 दिसंबर से किसान दिन रात बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान किसानों ने कहा कि वो टोल प्लाजा पर तबतक प्रदर्शन करेंगे. जब तक सरकार इन कानूनों को वापस नहीं ले लेती.

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शंभू टोल प्लाजा किसान प्रदर्शन अंबाला
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Published : Dec 28, 2020, 3:38 PM IST

अंबाला: कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन आज 33वें दिन में प्रवेश कर चुका है. इस दौरान किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच कई दौर की वार्ता और पत्राचार भी हुआ, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. जिसके बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने समूचे हरियाणा के टोल प्लाजा को फ्री करवाने की मुहिम को अनिश्चितकालीन के लिए कर दिया है.

इसी मुहिम के तहत अंबाला के शंभू टोल प्लाजा पर पिछले 25 दिसंबर से किसान दिन रात बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान ईटीवी भारत की टीम शंभू प्लाजा पर जाकर किसानों की आगामी रणनीति के बारे में बात की. इस संबंध में किसानों ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार तीनों काले कानूनों को वापस नहीं ले लेती. तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा. किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार जबतक उनकी मांग नहीं मान लेती. तब तक समूचे हरियाणा का टोल फ्री रहेगा.

शंभू टोल प्लाजा पर किसानों का धरना अनिश्चितकालीन के लिए हुआ

बाबा रामदेव के उत्पादों का किसान करेंगे बहिष्कार

गौरतलब है कि किसानों ने अंबानी, अडानी के साथ अब बाबा रामदेव की कंपनी के उत्पादों का भी बहिष्कार करना शुरू कर दिया है. जिसपर किसानों ने कहा कि 2014 से पहले बाबा रामदेव का कोई नाम तक नहीं जानता था, लेकिन जब से केंद्र में बीजेपी की सरकार आई है. रामदेव का व्यापार हजारों गुणा बढ़ गया है. किसानों ने कहा कि बाबा रामदेव भी सरकार के ही आदमी है, इसलिए उनके उत्पादों का वो बहिष्कार किया जा रहा है.

सिंघु बॉर्डर हर दिन दो से तीन किसानों की हो रही है मौत: किसान

किसानों के समर्थन में आम लोगों द्वारा की जा रही आत्महत्या पर किसानों ने कहा कि वो हमारे लिए अपनी जान दे रहे हैं. वो शहीद हैं. किसानों ने कहा कि दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर हर दिन दो से तीन किसान ठंड की वजह से दम तोड़ रहे हैं, लेकिन ये सरकार किसानों की बात मानने को तैयार ही नहीं है.

ये भी पढ़ें: फतेहाबाद: किसान आंदोलन में शामिल होने जा रही महिला की सड़क हादसे में मौत

कानून वापस लेने तक करेंगे प्रदर्शन: किसान

किसानों ने कहा कि ये पहली बार हो रहा है कि जिन किसानों के लिए सरकार ने कानून बनाई है. उन कानूनों को किसान ही वापस लेने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों ने कहा कि ये निकम्मी सरकार है. ये किसानों के हित की बात कभी नहीं कर सकती. इसलिए वो तबतक प्रदर्शन करेंगे. जबतक सरकार इस काले कानूनों को वापस नहीं ले लेती.

अंबाला: कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन आज 33वें दिन में प्रवेश कर चुका है. इस दौरान किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच कई दौर की वार्ता और पत्राचार भी हुआ, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. जिसके बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने समूचे हरियाणा के टोल प्लाजा को फ्री करवाने की मुहिम को अनिश्चितकालीन के लिए कर दिया है.

इसी मुहिम के तहत अंबाला के शंभू टोल प्लाजा पर पिछले 25 दिसंबर से किसान दिन रात बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान ईटीवी भारत की टीम शंभू प्लाजा पर जाकर किसानों की आगामी रणनीति के बारे में बात की. इस संबंध में किसानों ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार तीनों काले कानूनों को वापस नहीं ले लेती. तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा. किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार जबतक उनकी मांग नहीं मान लेती. तब तक समूचे हरियाणा का टोल फ्री रहेगा.

शंभू टोल प्लाजा पर किसानों का धरना अनिश्चितकालीन के लिए हुआ

बाबा रामदेव के उत्पादों का किसान करेंगे बहिष्कार

गौरतलब है कि किसानों ने अंबानी, अडानी के साथ अब बाबा रामदेव की कंपनी के उत्पादों का भी बहिष्कार करना शुरू कर दिया है. जिसपर किसानों ने कहा कि 2014 से पहले बाबा रामदेव का कोई नाम तक नहीं जानता था, लेकिन जब से केंद्र में बीजेपी की सरकार आई है. रामदेव का व्यापार हजारों गुणा बढ़ गया है. किसानों ने कहा कि बाबा रामदेव भी सरकार के ही आदमी है, इसलिए उनके उत्पादों का वो बहिष्कार किया जा रहा है.

सिंघु बॉर्डर हर दिन दो से तीन किसानों की हो रही है मौत: किसान

किसानों के समर्थन में आम लोगों द्वारा की जा रही आत्महत्या पर किसानों ने कहा कि वो हमारे लिए अपनी जान दे रहे हैं. वो शहीद हैं. किसानों ने कहा कि दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर हर दिन दो से तीन किसान ठंड की वजह से दम तोड़ रहे हैं, लेकिन ये सरकार किसानों की बात मानने को तैयार ही नहीं है.

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कानून वापस लेने तक करेंगे प्रदर्शन: किसान

किसानों ने कहा कि ये पहली बार हो रहा है कि जिन किसानों के लिए सरकार ने कानून बनाई है. उन कानूनों को किसान ही वापस लेने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों ने कहा कि ये निकम्मी सरकार है. ये किसानों के हित की बात कभी नहीं कर सकती. इसलिए वो तबतक प्रदर्शन करेंगे. जबतक सरकार इस काले कानूनों को वापस नहीं ले लेती.

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