अंबाला: 6 फरवरी को नए कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने 3 घंटे के लिए देशव्यापी चक्का जाम किया. किसान संगठनों के इस ऐलान का असर हरियाणा के शम्भू बॉर्डर पर सबसे ज्यादा देखने को मिला. यहां हजारों की संख्या में किसान पहुंचे और नेशनल हाईवे को ब्लॉक किया. ईटीवी भारत की टीम ने किसान नेताओं और किसानों से बातचीत की.
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किसान नेता गुलाब सिंह ने बताया कि उन्हें चक्का जाम में किसानों का भारी समर्थन मिल रहा है. हजारों की संख्या में किसान शम्भू बॉर्डर पहुंचे और चक्का जाम को सफल बनाया. उन्होंने बताया कि आज शम्भू बॉर्डर पर सिंघु बॉर्डर से भी ज्यादा किसान मौजूद हैं.
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किसानों के चक्का जाम का विपक्षी पार्टियों ने भी समर्थन किया है. शम्भू बॉर्डर पर भी कांग्रेस पार्टी के कई प्रतिनिधि पहुंचे. इसी को लेकर किसान नेता गुलाब सिंह ने कहा कि वो विपक्षी पार्टियों का सम्मान करते हैं, लेकिन उन्हें किसानों के साथ मंच साझा करने नहीं दिया जाएगा.
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एक अन्य किसान नेता ने बताया कि 70 दिनों से ज्यादा का समय हो चुका है. लेकिन सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है. 150 से ज्यादा किसान आंदोलन में अपनी जान गंवा चुके हैं और सरकार है कि कानून रद्द नहीं कर रही. कृषि मंत्री हर बार बैठक में सिर्फ संशोधन की बात करते हैं. लेकिन वो कानून रद्द करवाकर ही घर जाएंगे.