अंबालाः कोरोना काल में आर्थिक मंदी से जूझ रहे व्यापारियों के हालात दिन प्रतिदिन और खराब होते जा रहे हैं. क्योंकि कोरोना के बाद अब किसान आंदोलन व्यापारियों पर हावी हो रहा है. किसान आंदोलन का सीधा असर अंबाला शहर स्थित एशिया की सबसे बड़ी होलसेल कपड़ा मार्केट के व्यापारियों पर पड़ रहा है. बार्डर पर ट्रक फंसे होने के कारण उत्पाद की आपूर्ति बूरी तरह से प्रभावित है.
ग्राहक की राह ताक रहे दुकानदार
पहले से आर्थिक मंदी से जूझ रहे व्यापारियों पर किसान आंदोलन का क्या प्रभाव पड़ा है. इस बात का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम अंबाला शहर स्थित एशिया की सबसे बड़ी होलसेल कपड़ा मार्केट पहुंची. इस दौरान व्यापारियों का कहना है कि किसानों के इस आंदोलन से उन्हें काफी नुकसान हो रहा है. ना तो माल आ रहा है और ना ही ग्राहक उनकी दुकानों में आ रहे हैं.
अर्थव्यवस्था को बड़ी चोट
अंबाला मार्केट में पहले की तरह भीड़भाड़ और चहल-पहल दिखाई नहीं दी. कपड़ा मार्केट के व्यापारियों की दुकानों में इक्का-दुक्का ग्राहक ही नजर आए. वहीं कई दुकानदार ग्राहकों की राह ताकते दिखाई दिए. व्यापारियों का कहना है कि किसानों के आंदोलन की वजह से उन्हें गाड़ियों का दोगुना किराया भरना पड़ रहा है. व्यापारियों का कहना है कि किसानों के इस आंदोलन से हरियाणा की अर्थव्यवस्था को 'बड़ी चोट' पहुंच रही है.
व्यापारियों की सरकार से मांग
कड़कड़ाती ठंड और आंसू गैस के गोलों के बीच बैठे किसानों का आंदोलन थमता नजर नहीं आ रहा. जिसका सीधा असर व्यापार पर पड़ रहा है. व्यापारियों ने सरकार से जल्द से जल्द किसानों की समस्या के समाधान की मांग की है. ताकि आर्थिक मंदी से जूझ रहे व्यापार को पटरी पर लाया जा सके.
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बता दें पिछले 23 दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है. केंद्र सरकार द्वारा लागू नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसान देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. जिसके कारण ट्रांस्पोर्टेशन प्रभावित है और व्यापार वर्ग भी इससे अछूता नहीं है.