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बिना लेबर के कैसै होगी धान की रोपाई, किसानों के सामने फिर खड़ी हुई मुसीबत - paddy crop irrigation ambala

लॉकडाउन के कारण पहले से ही नुकसान झेल रहे किसान के सामने एक और मुश्किल खड़ी हो गई है. किसानों के पास लेबर नहीं है जिसके चलते किसान सोच में है कि वे धान की रोपाई कैसे करें.

farmer of ambala
अंबाला का किसान
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Published : May 13, 2020, 4:32 PM IST

अंबाला: गेंहू की फसल की कटाई के बाद अब किसान धान की रोपाई को लेकर दुविधा में है. किसानों के पास लेबर नहीं है जिसके चलते किसान सोच में हैं कि वे धान की रोपाई कैसे करेंगे. वहीं कृषि विभाग का कहना किसानों के लिए सरकार ने मेरा पानी-मेरी विरासत योजना शुरू की है जिसमें सरकार किसानों को बेनिफिट दे रही है.

गेहूं की फसल कटाई का काम लगभग पूरा हो चुका है. अब धान की फसल की रोपाई का सीजन आ चुका है लेकिन अब किसान धान की फसल की रोपाई को लेकर दुविधा में है क्योंकि क्षेत्र में लेबर नहीं है.

बिना लेबर के कैसै होगी धान की रोपाई, किसानों के सामने फिर खड़ी हुई मुसीबत

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किसानों का कहना है उनके पास लेबर नहीं है और लोकल लेबर काफी महंगी है. उन्हें धान की रोपाई के लिए मशीनें भी नहीं मिल पा रही. सरकार की तरफ से उन्हें जो योजना दी जा रही है वो उसका भी फायदा नहीं उठा सकते क्योंकि उनके खेत लो लाइन में हैं जहां मक्का या दाल नहीं बिज सकते इसलिए उन्हें सरकार से काफी उम्मीद है.

वहीं कृषि विभाग में डिप्टी डायरेक्टर गिरीश नागपाल का कहना है सरकार ने किसानों के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना शुरू की है जिसमें किसान फायदा उठा सकते हैं. यदि वे धान के अलावा किसी और फसल को बीजते हैं तो सरकार उन्हें सात हजार रु प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देगी.

पहले से ही मौसम की मार झेल रहे किसानों पर अब लॉकडाउन ने कहर बरपाया है. प्रदेश से मजदूरों के चले जाने के बाद अब किसान अपनी धान की फसल की रोपाई को लेकर फिर चिंता में हैं. वहीं, कई इलाकों के किसानों ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना पर असमर्थता जताई है. ऐसे में अब देखना होगा की किसान इस मुसीबत से कैसे पार पाएगा.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम प्रशासन ने 100 बेड का एक और कोविड-19 अस्पताल बनाया

अंबाला: गेंहू की फसल की कटाई के बाद अब किसान धान की रोपाई को लेकर दुविधा में है. किसानों के पास लेबर नहीं है जिसके चलते किसान सोच में हैं कि वे धान की रोपाई कैसे करेंगे. वहीं कृषि विभाग का कहना किसानों के लिए सरकार ने मेरा पानी-मेरी विरासत योजना शुरू की है जिसमें सरकार किसानों को बेनिफिट दे रही है.

गेहूं की फसल कटाई का काम लगभग पूरा हो चुका है. अब धान की फसल की रोपाई का सीजन आ चुका है लेकिन अब किसान धान की फसल की रोपाई को लेकर दुविधा में है क्योंकि क्षेत्र में लेबर नहीं है.

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किसानों का कहना है उनके पास लेबर नहीं है और लोकल लेबर काफी महंगी है. उन्हें धान की रोपाई के लिए मशीनें भी नहीं मिल पा रही. सरकार की तरफ से उन्हें जो योजना दी जा रही है वो उसका भी फायदा नहीं उठा सकते क्योंकि उनके खेत लो लाइन में हैं जहां मक्का या दाल नहीं बिज सकते इसलिए उन्हें सरकार से काफी उम्मीद है.

वहीं कृषि विभाग में डिप्टी डायरेक्टर गिरीश नागपाल का कहना है सरकार ने किसानों के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना शुरू की है जिसमें किसान फायदा उठा सकते हैं. यदि वे धान के अलावा किसी और फसल को बीजते हैं तो सरकार उन्हें सात हजार रु प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देगी.

पहले से ही मौसम की मार झेल रहे किसानों पर अब लॉकडाउन ने कहर बरपाया है. प्रदेश से मजदूरों के चले जाने के बाद अब किसान अपनी धान की फसल की रोपाई को लेकर फिर चिंता में हैं. वहीं, कई इलाकों के किसानों ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना पर असमर्थता जताई है. ऐसे में अब देखना होगा की किसान इस मुसीबत से कैसे पार पाएगा.

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