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अंबाला में फेल हुआ स्वच्छ भारत अभियान, शौचालयों में लगा कूड़े का अंबार

अंबाला में स्वच्छता अभियान का बुरा हाल है. ना तो पब्लिक टॉयलेट्स में सफाई की जा रही है और ना ही पार्कों में साफ सफाई का ध्यान रखा जा रहा है.

clean India campaign fail ambala
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Published : Feb 3, 2021, 3:42 PM IST

अंबाला: एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार देश में स्वच्छता को लेकर तरह-तरह के अभियान चला रही है. जिस पर सरकार लाखों करोड़ रुपये खर्च कर रही है.

सूबे के मुखिया मनोहर लाल भी स्वच्छता को लेकर बड़े-बड़े दावे करते दिखाई देते हैं, लेकिन क्या सिर्फ दावे करने से योजनाएं सफल हो जाती हैं. जवाब है नहीं, क्योंकि अगर सिर्फ दावे करने से स्थिति सुधर जाती तो गृहमंत्री अनिल विज के गृह जिले में इतनी गंदगी नहीं दिखाई देती.

अंबाला नगर निगम में स्वच्छता अभियान का बुरा हाल है. निगम में ही साफ-सफाई नहीं है. इतना ही नहीं पब्लिक टॉयलेट का भी बुरा हाल है. इन टॉयलेट्स में सफाई नाम की चीज बिल्कुल नहीं है. वहीं कुछ टॉयलेट्स पर तो नगर निगम ने ताला भी लटका दिया है.

अंबाला नगर निगम में फेल हुआ पीएम मोदी का स्वच्छ भारत अभियान

नगर निगम में फैला है कूड़े का अंबार

जब ईटीवी भारत की टीम ने नगर निगम का दौरा किया. तो वहां भी साफ-सफाई कुछ खास नहीं दिखी. निगम के नजदीक जगाधरी गेट पर ही बने पब्लिक टॉयलेट में सफाई नहीं थी. वहीं अंबाला शहर के पार्क के नजदीक बने टॉयलेट्स पर ताला लगा मिला. वहां भी सफाई व्यवस्था ठीक नहीं थी. कूड़ादान साइड में रखा पड़ा था जहां गंदगी के अंबार लगे हुए थे.

ये भी पढ़ें: खबर दिखाने के बाद जागा प्रशासन! गोहाना सब्जी मंडी में नियमित रूप से की जा रही सफाई

शिकायत के बाद भी नहीं होती कोई सुनवाई: स्थानीय लोग

इस संबंध में जब लोगों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहां हर समय गंदगी का ढेर लगा रहता है. साफ-सफाई को लेकर कोई ध्यान नहीं रखा जाता है. इसको लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायतें भी की, लेकिन शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. लोगों ने कहा कि पब्लिक टॉयलेट की हालत खराब होने के चलते महिलाओं को खुले में टॉयलेट जाना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: सीवर की सफाई करते हुए दो सफाई कर्मियों की दम घुटने से हुई मौत

आश्वासन देते नजर आए निगम अधिकारी

अंबाला नगर निगम आए दिन अपने भ्रष्टाचार, विवादों व गलतियों को लेकर चर्चा में रहता है. अंबाला नगर निगम कभी बेहतर काम के लिए कभी सुर्खियों में नहीं रहा. निगम के अधिकारी अपने दफ्तरों से बाहर निकल व्यवस्था को शायद कभी जांचना नहीं चाहते. जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है. नगर निगम में साफ सफाई और पब्लिक टायलेट्स की गंदगी को लेकर जब निगम के अधिकारियों से सवाल किया गया. तो हर बार की तरह इस बार भी आश्वासन ही सुनने को मिला.

ये भी पढ़ें: पंचकूला: नगर निगम के महापौर ने सफाई कर्मचारियों को वितरित किए कोरोना सुरक्षा किट

अंबाला: एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार देश में स्वच्छता को लेकर तरह-तरह के अभियान चला रही है. जिस पर सरकार लाखों करोड़ रुपये खर्च कर रही है.

सूबे के मुखिया मनोहर लाल भी स्वच्छता को लेकर बड़े-बड़े दावे करते दिखाई देते हैं, लेकिन क्या सिर्फ दावे करने से योजनाएं सफल हो जाती हैं. जवाब है नहीं, क्योंकि अगर सिर्फ दावे करने से स्थिति सुधर जाती तो गृहमंत्री अनिल विज के गृह जिले में इतनी गंदगी नहीं दिखाई देती.

अंबाला नगर निगम में स्वच्छता अभियान का बुरा हाल है. निगम में ही साफ-सफाई नहीं है. इतना ही नहीं पब्लिक टॉयलेट का भी बुरा हाल है. इन टॉयलेट्स में सफाई नाम की चीज बिल्कुल नहीं है. वहीं कुछ टॉयलेट्स पर तो नगर निगम ने ताला भी लटका दिया है.

अंबाला नगर निगम में फेल हुआ पीएम मोदी का स्वच्छ भारत अभियान

नगर निगम में फैला है कूड़े का अंबार

जब ईटीवी भारत की टीम ने नगर निगम का दौरा किया. तो वहां भी साफ-सफाई कुछ खास नहीं दिखी. निगम के नजदीक जगाधरी गेट पर ही बने पब्लिक टॉयलेट में सफाई नहीं थी. वहीं अंबाला शहर के पार्क के नजदीक बने टॉयलेट्स पर ताला लगा मिला. वहां भी सफाई व्यवस्था ठीक नहीं थी. कूड़ादान साइड में रखा पड़ा था जहां गंदगी के अंबार लगे हुए थे.

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शिकायत के बाद भी नहीं होती कोई सुनवाई: स्थानीय लोग

इस संबंध में जब लोगों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहां हर समय गंदगी का ढेर लगा रहता है. साफ-सफाई को लेकर कोई ध्यान नहीं रखा जाता है. इसको लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायतें भी की, लेकिन शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. लोगों ने कहा कि पब्लिक टॉयलेट की हालत खराब होने के चलते महिलाओं को खुले में टॉयलेट जाना पड़ रहा है.

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आश्वासन देते नजर आए निगम अधिकारी

अंबाला नगर निगम आए दिन अपने भ्रष्टाचार, विवादों व गलतियों को लेकर चर्चा में रहता है. अंबाला नगर निगम कभी बेहतर काम के लिए कभी सुर्खियों में नहीं रहा. निगम के अधिकारी अपने दफ्तरों से बाहर निकल व्यवस्था को शायद कभी जांचना नहीं चाहते. जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है. नगर निगम में साफ सफाई और पब्लिक टायलेट्स की गंदगी को लेकर जब निगम के अधिकारियों से सवाल किया गया. तो हर बार की तरह इस बार भी आश्वासन ही सुनने को मिला.

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