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गृहमंत्री अनिल विज के जिले में डॉक्टर्स का टोटा ! - अंबाला में स्वास्थ्य विभाग की बुरी हालत

अनिल विज दूसरी बार स्वास्थ्य मंत्रालय का पदभार संभाल रहे हैं. लेकिन विज साहब के खुद के गृह जिले के स्वास्थ्य महकमे का हाल खस्ताहाल है. जिले में चार सीएचसी, 16 पीएचसी, दो एसडीएच और एक नागरिक अस्पताल हैं, लेकिन आलम ये है कि 270 डॉक्टर्स की सैंक्शन पोस्ट होने के बावजूद अंबाला में सिर्फ 139 ही डॉक्टर हैं.

bad condition of health department in ambala
गृहमंत्री के जिले में डॉक्टर्स का टोटा!
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Published : Dec 3, 2019, 5:01 PM IST

अंबाला: ‘गब्बर’ के एक्शन में आने के बाद हरियाणा के अधिकारियों से लेकर अपराधी तक कांपने लगे हैं. नशा तस्करों को हरियाणा छोड़ने की चेतावनी मिल गई है.वहीं दूसरी तरफ गृहमंत्री अनिल विज ने आला अधिकारियों को सही ढंग से काम करने के आदेश दिए हैं, लेकिन लगता है कि अनिल विज गृहमंत्री का पद संभालते-संभालते ये भूल गए हैं कि उनके पास स्वास्थ्य मंत्रालय का अतिरिक्त भार भी है. अगर ऐसा नहीं होता तो गृहमंत्री के गृह जिले का ये हाल ना होता.

अंबाला में 270 में से 139 डॉक्टर्स ही हैं

बता दें कि अनिल विज दूसरी बार स्वास्थ्य मंत्रालय का पदभार संभाल रहे हैं. लेकिन विज साहब के खुद के गृह जिले के स्वास्थ्य महकमे का हाल खस्ताहाल है. जिले में चार सीएचसी, 16 पीएचसी, दो एसडीएच और एक नागरिक अस्पताल हैं, लेकिन आलम ये है कि 270 डॉक्टर्स की सैंक्शन पोस्ट होने के बावजूद अंबाला में सिर्फ 139 ही डॉक्टर हैं.

गृहमंत्री अनिल विज के जिले में डॉक्टर्स का टोटा ! क्लिक कर देखें रिपोर्ट

सिर्फ 4 गायनेकोलॉजिस्ट संभाल रही पूरा जिला !

हैरानी की बात तो ये है कि पूरे अंबाला जिले में महिलाओं के लिए सिर्फ 5 गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं, जिनमें से एक डॉक्टर काफी दिनों से विभाग को बिना बताए छुट्टियों पर है. अंबाला जिले में 4 विधानसभा क्षेत्र हैं. अंबाला शहर विधानसभा क्षेत्र में एक नागरिक अस्पताल है. जहां पर 3 महिला गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं. नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र के सब डिविजनल अस्पताल में एक कांट्रेक्चुअल महिला गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर है. जो हफ्ते में एक दिन मरीजों को देखती है.

किस विधानसभा क्षेत्र में हैं कितने अस्पताल ?

अगर अंबाला कैंट विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में एक सब डिविजनल अस्पताल है. जहां एक महिला गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर है, जो काफी दिनों से विभाग को बिना बाते छुट्टियों पर है. वहीं जिले की चौथी और आखिरी मुलाना विधानसभा क्षेत्र में एक सीएचसी है. जहां पर एक भी महिला गायनेकोलॉजिस्ट नहीं है.

अंबाला में स्वास्थ्य विभाग की बुरी हालत

कुल मिलाकर जो 3 गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर्स अंबाला शहर नागरिक अस्पताल में हैं. उन्हीं के ऊपर पूरे अंबाला जिले का कार्यभार है. ये तो थी सिर्फ अंबाला में डॉक्टर्स की कमियों की बात. इसके अलावा भी जिले में दूसरी स्वास्थ्य कमियां भी हैं. डॉक्टर पूनम जैन ने बताया कि अंबाला में नर्सिंग स्टाफ, टेक्निकल स्टाफ, फार्मासिस्ट भी कम हैं. जिस वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

क्या बोले अनिल विज ?

वहीं जब इस बारे में गृहमंत्री अनिल विज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट पर डॉक्टर्स की भर्ती करने के आदेश जारी कर दिए हैं. जल्द ही कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड डॉक्टर्स की नियुक्ति अंबाला जिले में की जाएगी.

अंबाला: ‘गब्बर’ के एक्शन में आने के बाद हरियाणा के अधिकारियों से लेकर अपराधी तक कांपने लगे हैं. नशा तस्करों को हरियाणा छोड़ने की चेतावनी मिल गई है.वहीं दूसरी तरफ गृहमंत्री अनिल विज ने आला अधिकारियों को सही ढंग से काम करने के आदेश दिए हैं, लेकिन लगता है कि अनिल विज गृहमंत्री का पद संभालते-संभालते ये भूल गए हैं कि उनके पास स्वास्थ्य मंत्रालय का अतिरिक्त भार भी है. अगर ऐसा नहीं होता तो गृहमंत्री के गृह जिले का ये हाल ना होता.

अंबाला में 270 में से 139 डॉक्टर्स ही हैं

बता दें कि अनिल विज दूसरी बार स्वास्थ्य मंत्रालय का पदभार संभाल रहे हैं. लेकिन विज साहब के खुद के गृह जिले के स्वास्थ्य महकमे का हाल खस्ताहाल है. जिले में चार सीएचसी, 16 पीएचसी, दो एसडीएच और एक नागरिक अस्पताल हैं, लेकिन आलम ये है कि 270 डॉक्टर्स की सैंक्शन पोस्ट होने के बावजूद अंबाला में सिर्फ 139 ही डॉक्टर हैं.

गृहमंत्री अनिल विज के जिले में डॉक्टर्स का टोटा ! क्लिक कर देखें रिपोर्ट

सिर्फ 4 गायनेकोलॉजिस्ट संभाल रही पूरा जिला !

हैरानी की बात तो ये है कि पूरे अंबाला जिले में महिलाओं के लिए सिर्फ 5 गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं, जिनमें से एक डॉक्टर काफी दिनों से विभाग को बिना बताए छुट्टियों पर है. अंबाला जिले में 4 विधानसभा क्षेत्र हैं. अंबाला शहर विधानसभा क्षेत्र में एक नागरिक अस्पताल है. जहां पर 3 महिला गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं. नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र के सब डिविजनल अस्पताल में एक कांट्रेक्चुअल महिला गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर है. जो हफ्ते में एक दिन मरीजों को देखती है.

किस विधानसभा क्षेत्र में हैं कितने अस्पताल ?

अगर अंबाला कैंट विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में एक सब डिविजनल अस्पताल है. जहां एक महिला गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर है, जो काफी दिनों से विभाग को बिना बाते छुट्टियों पर है. वहीं जिले की चौथी और आखिरी मुलाना विधानसभा क्षेत्र में एक सीएचसी है. जहां पर एक भी महिला गायनेकोलॉजिस्ट नहीं है.

अंबाला में स्वास्थ्य विभाग की बुरी हालत

कुल मिलाकर जो 3 गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर्स अंबाला शहर नागरिक अस्पताल में हैं. उन्हीं के ऊपर पूरे अंबाला जिले का कार्यभार है. ये तो थी सिर्फ अंबाला में डॉक्टर्स की कमियों की बात. इसके अलावा भी जिले में दूसरी स्वास्थ्य कमियां भी हैं. डॉक्टर पूनम जैन ने बताया कि अंबाला में नर्सिंग स्टाफ, टेक्निकल स्टाफ, फार्मासिस्ट भी कम हैं. जिस वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

क्या बोले अनिल विज ?

वहीं जब इस बारे में गृहमंत्री अनिल विज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट पर डॉक्टर्स की भर्ती करने के आदेश जारी कर दिए हैं. जल्द ही कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड डॉक्टर्स की नियुक्ति अंबाला जिले में की जाएगी.

Intro:प्रदेश के अंदर लगातार दूसरी बार स्वास्थ्य मंत्रालय का पदभार संभाल रहे अनिल विज के अपने गृह जिले अंबाला में स्वास्थ्य विभाग का खस्ताहाल। बता दें कि अंबाला जिले में चार सीएचसी, 16 पीएचसी,दो एसडीएच और एक नागरिक हस्पताल अम्बाला शहर में हैं। लेकिन आलम यह है कि 270 डॉक्टर की सैंक्शनएड पोस्ट होने के बावजूद अंबाला में सिर्फ 139 ही डॉक्टर हैं। और सबसे बड़ी बात पूरे अंबाला जिले में सिर्फ 5 गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर है जिनमें से एक डॉक्टर काफी दिनों से विभाग को बिना बताए छुट्टियों पर है।




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बता दें कि पूरे अंबाला जिले में 4 विधानसभा क्षेत्र हैं जिनमें से अंबाला शहर विधानसभा क्षेत्र में नागरिक हस्पताल है जहां पर 3 महिला गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं, नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र के सब डिविजनल अस्पताल में एक कांट्रेक्चुअल महिला गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर है जो हर हफ्ते वीरवार को मरीजों को देखती हैं, अंबाला कैंट विधानसभा क्षेत्र के सब डिविजनल हस्पताल में एक महिला गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर है जो कि काफी दिनों से विभाग को बिना सूचित किए छुट्टियों पर हैं और मुलाना विधानसभा क्षेत्र में एक सीएचसी है जहां पर एक भी महिला गायनेकोलॉजिस्ट नहीं है। कुल मिलाकर जो गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर्स अंबाला शहर नागरिक हस्पताल में हैं उन्हीं पर पूरे अंबाला जिले का कार्यभार है।


ओफ्फिशटिंग सिविल सर्जन डॉक्टर पूनम जैन ने बताया कि अंबाला जिले में सिर्फ पांच गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर से है जिनमें से एक डॉक्टर विभाग को बिना सूचित किए काफी दिनों से छुट्टियों पर हैं और एक हमारे पास कांट्रेक्चुअल गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि पूरे अंबाला जिले में 270 डॉक्टर्स की सैंक्शन पोस्ट हैं जिनमें से सिर्फ 139 पोस्टें ही भरी हुई है।
डॉक्टर पूनम जैन ने बताया कि अंबाला जिले में सिर्फ डॉक्टर्स की ही कमी नहीं है बल्कि स्वास्थ्य विभाग के अंदर नर्सिंग स्टाफ वेरीकोस्टॉप टेक्निकल स्टाफ फार्मासिस्ट ऑफ आदि विभागों में भी भारी कमी है जिसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि हमने स्वास्थ्य विभाग को काफी बार स्टाफ की कमी के बारे में लिखकर भेजा लेकिन अभी तक कोई रिस्पांस नहीं आया है।

बाइट- डॉक्टर पूनम जैन, ओफ्फिशटिंग सिविल सर्जन अंबाला

वहीं इस मामले को लेकर जब हमने सूबे के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से बात करी तो उन्होंने कहा कि हमने कॉन्ट्रैक्ट पर डॉक्टरों की भर्ती करने के आदेश जारी कर दिए हैं और बहुत जल्द इसी हफ्ते डॉक्टरों को भर्ती कर लिया जाएगा।

बाइट- अनिल विज कैबिनेट मंत्री


Conclusion:
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