अंबाला: जिले में स्थित भारतीय वायुसेना के एयरबेस पर पक्षियों के चलते लड़ाकू विमानों के लिए मुश्किल खड़ी होने को लेकर एयर मार्शल ने हरियाणा की मुख्य सचिव और अंबाला प्रशासन को पत्र लिखा था. बता दें कि, अंबाला एयरबेस पर बीती 29 जुलाई को आधुनिक फाइटर प्लेन राफेल की पहली खेप भी पहुंची थी. देश की सुरक्षा में लगे राफेल व अन्य लड़ाकू विमानों को एयरबेस के पास उड़ने वाले पक्षियों से खतरे की आशंका जताई जा रही थी.
वहीं अब इस पूरे मामले की जब ईटीवी भारत की टीम ने छानबीन की तो जो तथ्य सामने आए वो चौंकाने वाले थे. अंबाला छावनी नगर परिषद के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर विनोद नेहरा का इस मामने पर ये कहना है कि अंबाला छावनी का इलाका एरोड्रोम में आता ही नहीं है. साथ ही अंबाला छावनी की गार्बेज डंपिंग साइट एयरफोर्स स्टेशन की सीमा से काफी दूर है. इसके अलावा अगर किसी जानवर की मौत हो जाती है तो उसको सही तरीके से डिस्पोज ऑफ करने के लिए कॉन्ट्रेक्टर को ठेका दिया गया है.
वहीं कबूतरों की समस्या को बढ़ता देख अंबाला शहर नगर निगम ने भी अपने स्तर पर एक्शन लेना शुरू किया. निगम ने कबूतर पालकों को नोटिस भेजा और उसमें स्पष्ट किया गया कि एयरड्रोम एरिया में कबूतरों के उड़ने पर रोक लगानी होगी. अगर इसकी पालना नहीं की गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
एयर मार्शल मानवेन्द्र सिंह के पत्र के बाद प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने भी मामले का संज्ञान लिया है. उन्होंने अंबाला छावनी, अंबाला शहर, कंटोनमेंट बोर्ड और एयरफोर्स स्टेशन के अधिकारियों के साथ बैठक की और साफ शब्दों में ये कहा कि किसी भी मूल्य पर एयर मार्शल द्वारा दिए गए सुझावों को अमल में लाना है.
गृहमंत्री अनिल विज ने दिए ये निर्देश
- अंबाला शहर और अंबाला छावनी में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को जल्द से जल्द शुरू करवाया जाएगा
- अंबाला शहर और अंबाला छावनी में कव्वाल मंडियों को अंबाला की सीमा से बाहर बसाया जाएगा
- दोनों विधानसभाओं में स्थित खुले नालों को बंद किया जाएगा
- दोनों विधानसभाओं में जो बड़े नाले हैं जिन्हें हाथों से साफ नहीं किया जा सकता उनके लिए मशीनें उपलब्ध करवाई जाएंगी
- एक टीम को भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर भेजा जाएगा ताकि वहां के सिस्टम को समझा जाए और उसे अंबाला में लागू किया जाए
- कबूतर पालन और पतंगबाजी पर रोक लगाई जाएगी
- दोनों विधानसभाओं में खुले में मीट बेचने वाली दुकानों पर रोक लगाई जाएगी
गौरलतब है कि अंबाला एयरबेस पर पिछले दिनों फ्रांस से आए पांच राफेल विमान रखे गए हैं. इसके साथ ही एयरबेस पर जगुआर सहित अन्य लड़ाकू विमान भी रखे गए हैं. अपनी मारक क्षमता के कारण राफेल विमान बेहद खास है. वहीं अंबाला एयरबेस से राफेल चीन और पाकिस्तान को धूल चटाने के लिए चंद मिनटों में उनके इलाके तक पहुंच सकता है.
फिलहाल एयरबेस की सुरक्षा को लेकर मीटिंग में तय किये गए फैसलों के पालन के लिए तीन अधिकारियों की टीम भी गठित की गई है. साथ ही अनिल विज ने अंबाला जिला प्रशासन के अधिकारियों को साफ कहा है कि राफेल और जगुआर देश की शान हैं और राफेल व अन्य लड़ाकू जहाजों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
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