अंबाला: लॉकडाउन के दौरान हजारों प्रवासी श्रमिक सड़कों पर आ गए. हरियाणा में भी प्रवासी मजदूर दर-दर भटकने को मजबूर हैं, लेकिन अब सरकार का दावा है कि वो इन मजदूरों को उनके गृह श्रेत्र भेजने के लिए काम शुरू कर चुकी है. हरियाणा सरकार इन मजदूरों को रास्ते से लाकर पहले शेल्टर होम में रखेगी और फिर इनके प्रदेश से एनओसी मिलने के बाद बसों और ट्रेन से घर भेज दिया जाएगा.
ईटीवी भारत लॉकडाउन के दौरान हरियाणा में प्रवासी मजदूरों की परेशानियों की खबर लगातार आमजन तक पहुंचा रहा है. इसी कड़ी में आज हम पहुंचे अंबाला शहर के सैनी आश्रम में, जहां 30-35 मजदूरों को मार्च से रखा गया था. वहीं आज भी पुलिस प्रशासन की तरफ से लगभग 30 प्रवासी मजदूरों को शेल्टर होम लाया गया, इनमें महिलाएं और बच्चें भी शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक पहले से रह रहे प्रवासी मजदूरों को किसी और शेल्टर होम में शिफ्ट किया जाएगा और नए आए मजदूरों को सैनी आश्रम में रखा जाएगा.
आश्रम में नहीं मिल रही सुविधाएं- मजदूर
हमारी टीम ने यहां पहले से रह रहे प्रवासी मजदूरों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि यहां पर उनके हालात ठीक नहीं है, ना तो उन्हें समय पर खाना मिलता है और ना ही आश्रम को समय अनुसार सैनिटाइज किया जाता है. मास्क और हैंड सैनिटाइजर तो दूर की बात है इन मजदूरों को साबुन तक मुहैया नहीं करवाया गया है.
किसी भी तरह गृह क्षेत्र पहुंचना चाहते हैं मजदूर
वहीं पुलिस की तरफ से आज लाए गए प्रवासी मजदूरों ने कहा कि वो सरकार से बस एक ही अपील करते हैं कि जल्द से जल्द अपने परिवार पहुंच सकें. एक प्रवासी मजदूर ने बताया कि उसकी पत्नी का देहांत 17 अप्रैल को हो गया था तब से लेकर अब तक वो सिर्फ इसी जद्दोजहद में लगा हुआ है कि वो कब अपने गृह प्रदेश झारखंड पहुंच सके, लेकिन अभी तक उसकी हर कोशिश नाकाम साबित हुई है.
हालांकि सरकार ने इन मजदूरों को घर भेजने की घोषणा तो की है, लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि हरियाणा सरकार की तरफ से किया गया यह दावा कितना खरा साबित होता है और आखिरकार कब तक प्रवासी मजदूर अपने घर सकुशल पहुंच पाते हैं.
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