सोनीपत: बहुचर्चित सोनीपत शराब घोटाले में पुलिस की ओर से पहली गिरफ्तारी की गई है. शराब माफिया भूपेंद्र ठेकेदार ने खुद खरखौदा पुलिस के आगे सरेंडर किया, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. इसकी जानकारी खुद डीएसपी हैडक्वार्टर जितेंद्र सिंह ने दी है.
बता दें कि भूपेंद्र ठेकेदार पर पुलिस लगातार शिकंजा कस रही थी. 9 मई की सुबह भूपेंद्र ठेकेदार के चंडीगढ़ स्थित आवास पर भी पुलिस की ओर से छापेमारी की गई थी. इस दौरान पुलिस ने मौके से 97 लाख रुपये कैश, दो हथियार, सोना और 3 मोबाइल फोन भी बराबद किए थे. पुलिस की इस छापेमारी के बाद भूपेंद्र ठेकेदार पर दबाव बना और आज उसने खुद खरखौदा थाने में जाकर सरेंडर किया.
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पुलिस ने शराब माफिया भूपेंद्र ठेकेदार को गिरफ्तार कर सबसे पहले उसके स्वास्थ्य की जांच कराई. अब उसे कोर्ट में पेश करने की तैयारी की जा रही है. बता दें कि भूपेंद्र ठेकेदार के खिलाफ शराब तस्करी के पहले से ही 11 मामले दर्ज हैं. वहीं खरखौदा-मटिंडू बाइपास पर बने गोदाम में रखी गई करोड़ों रुपये की शराब में से करीब 25 लाख रुपये की शराब गायब होने के पीछे भी भूपेंद्र ठेकेदार का हाथ माना जा रहा है.
कई पुलिस कर्मियों और सचिवालय के अधिकारी भी शामिल!
बताया जा रहा है कि भूपेंद्र ठेकेदार का सचिवालय भी आना जाना था. मामले के बारे में जानकारी देते हुए डीएसपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि सोनीपत शराब घोटाले में कई पुलिसकर्मियों के नाम भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि SIT मामले की जांच कर रही है और जांच के बाद ही सब साफ हो पाएगा.
क्या है पूरा मामला ?
सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. जिसमें कई पुलिसकर्मियों का नाम भी सामने आया था. जिस गोदाम से शराब गायब हुई थी. वो गोदाम भूपेंद्र ठेकेदार का है. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. जिसके गायब होने के बाद गृह मंत्री अनिल विज काफी सख्त नजर आ रहे हैं और अब एसआईटी इसकी जांच कर रही है. इसी सिलसिले में दो एसएचओ पर पहले केस भी दर्ज किया गया था.