फरीदाबाद: उत्तर प्रदेश का कुख्यात बदमाश विकास दुबे फिल्मी अंदाज में पुलिस वालों की आंखों के सामने से निकल गया और खाकी उसकी तलाश में अभी भी खाक छान रही है. अब पुलिस का कहना है कि छापेमारी से पहले ही विकास दुबे वहां से फरार हो गया. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक हम आपको बतातें है कि गैंगस्टर विकास दुबे दिन दहाड़े पुलिस की नजरों से बचते हुए फरीदाबाद में कहां-कहां गया था.
फरीदाबाद में विकास दुबे का रोडमैप
फरीदाबद की इंद्रा कॉलोनी के मकान नंबर 38 में पिछले दो से तीन दिन तक विकास दुबे के छिपे होने की खबर थी. यहीं से पुलिस ने विकास दुबे के कथित रिश्तेदार श्रवण और अंकुर को गिरफ्तार किया, लेकिन इस रेड में पुलिस विकास दुबे को गिरफ्तार कर पाती, इससे पहले शातिर विकास दुबे वहां से निकल चुका था.
खबर आई कि विकास इंद्रा कॉलोनी से करीब साढ़े 7 किलोमीटर दूर बड़खल चौक स्थित एक OYO होटल में कमरा लेकर रह रहा था, पुलिस इस होटल में छापे मारी करने पहुंची. इस होटल में पुलिस ने विकास के एक और रिश्तेदार प्रभाष को गिरफ्तार किया, लेकिन विकास दुबे यहां से भी फरार हो चुका था.
अब सबसे पहले बड़खल चौक की भगौलिक स्थिति को समझ लेते हैं, बड़खल चौक से गुरुग्राम जिला 45 किलोमीटर है और दिल्ली सिर्फ 8 किलोमीटर दूर है. वहीं आगरा 250 किलोमीटर दूर है. शायद विकास दुबे को पहले से ही होटल में रेड की खबर थी, वो रेड से पहले ही फरीदाबाद बाइपास रोड से करीब साढ़े 7 किलोमीटर फरीदाबाद बाइपास से होते हुए लेफ्ट साइड दिल्ली आगार रोड स्थित इंद्रा कॉलोनी वापस पहुंचा, लेकिन शायद उसे वहां भी खतरा महसूस हुआ होगा.
विकास दुबे मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे फिर इंद्रा कॉलोनी से निकला. उसने इंद्रा कॉलोनी रोड पार कर बीकानेर मिष्ठान भंडार के सामने से ऑटो लिया और वहां से दिल्ली-आगरा रोड़ की तरफ निकल गया.
इंद्रा कॉलोनी में भी पहुंचा ईटीवी भारत
पुलिस के मुताबिक ओयो होटल से फरार होने के बाद विकास दुबे फरीदाबाद के सेक्टर-86 के रोड पर देखा गया. जहां वो एक बीकानेर मिष्ठान भंडार के सामने से ऑटो पकड़ कर जाते हुए देखा. ये पूरी घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया.
'पुलिस ने माना सामने से निकल गया, पहचान नहीं पाए'
ईटीवी भारत को बातचीत करते हुए बीकानेर मिष्ठान भंडार के मालिक ने बताया कि, पुलिस उनके यहां पर आई और उनका सीसीटीवी चेक किया. सीसीटीवी में पाया गया कि विकास दुबे ठीक उनकी दुकान के सामने से ऑटो में बैठकर निकल गया.
दुकान मालिक ने कहा कि पुलिस ने उसके सामने माना कि गैंगस्टर विकास दुबे उनकी आंखों के सामने ऑटो में बैठकर फरार हो गया और वो उसको पहचान नहीं सकी. उसके बाद ही कुछ समय बाद पुलिस वहां पर पहुंची. पुलिस की दूसरी जिप्सी में सवार पुलिस के लोगों का कहना था कि उन्होंने विकास दुबबे को बॉर्डर के पास ऑटो में देखा है, लेकिन पहचान नहीं सके. विकास दुबे ने मास्क पहना हुआ था, जिस वजह से वह उनके हाथ से निकल गया.
अदालत में पेश हुए विकास दुबे के गुर्गे
फिलहाल फरीदाबाद से विकास के तीन गुर्गों को फरीदाबाद क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. जिन्हें अदालत में पेश किया गया. अदालत ने इनमें से प्रभाष को 24 घंटे के लिए यूपी पुलिस को ट्रांजिट रिमांड पर दिया है. जबकि बाकी दो अंकुर और उसके पिता श्रवण को फरीदाबाद पुलिस की कस्टडी में दिया गया है. इन दोनों ज्यूडिशियल कस्टडी में रखने के आदेश दिए गए हैं. बताया जा रहा है कि श्रवण नाम का गुर्गा कोरोना पॉजिटिव है.
गैंगस्टर को पकड़ने में लगी 40 टीमें
बता दें कि कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में यूपी पुलिस की 40 टीमें लगी हुई हैं. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कानपुर के आसपास का पूरा इलाका छान दिया है. पुलिस यूपी-एमपी बॉर्डर, यूपी-नेपाल बॉर्डर तक पर नजर गड़ाए है. कानपुर से निकल कर जाने वाले सभी हाईवे और सड़कों पर पुलिस ने चेकिंग तेज कर दी है. हर रोज पुलिस टोल पर लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है. लेकिन विकास दुबे का कोई सुराग नहीं मिल रहा है.
विकास दुबे ने की 8 पुलिसकर्मियों की हत्या
गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके साथियों ने जमकर फायरिंग की थी. इस हमले में डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जिसके बाद पूरे प्रदेश भर में हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि विकास दुबे को पुलिस की दबिश की पहले से जानकारी थी. जब पुलिस वहां पहुंची तो विकास दुबे और उसको साथी पूरी तरीके से तैयार थे और उन्हें अपने साथियों को बुलाने का मौका मिल गया. उन्होंने एक नहीं बल्कि आसपास के तीन चार मकानों की छतों से चढ़कर घेराबंदी की थी. जैसे ही पुलिस पार्टी वहां पहुंची, उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग करना शुरू कर दिया, जिससे पुलिस के पास संभलने तक का वक्त नहीं मिला. एक लाख का इनामी विकास दुबे और उसके गुर्गे ने पेशेवर शूटरों की तरीके से ऊंचाई का भरपूर लाभ उठाते हुए पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया.
विकास दुबे पर चौबेपुर थाने में दर्ज केस
कानपुर के चौबेपुर थाने में विकास दुबे के खिलाफ 8 केस दर्ज हैं. इनमें हत्या और हत्या के प्रयास जैसे कई गंभीर मुकदमे हैं. पिछले करीब तीन दशक से अपराध की दुनिया से विकास दुबे का नाम जुड़ा हुआ है. कई बार उसकी गिरफ्तारी भी हुई लेकिन उसे अभी तक किसी मामले में सजा नहीं मिली. इस पर एक लाख का इनाम भी था.
इन केसों के विकास दुबे पर आरोप
- 2000 में कानपुर के शिवली थाना क्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या के केस में विकास दुबे के खिलाफ नामजद केस दर्ज
- 2000 में ही विकास दुबे के पर रामबाबू यादव की हत्या के मामले में साजिश रचने का आरोप
- 2004 में एक केबल व्यवसायी की हत्या में विकास दुबे का नाम
- साल 2001 में विकास दुबे पर थाने के अंदर घुसकर यूपी के तत्कालीन राज्य मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या का आरोप
- 2018 में विकास दुबे पर अपने चचेरे भाई अनुराग पर भी जानलेवा हमला कराने का आरोप