कैथल: गुलहा चीका में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. अधिकारी सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर सरेआम पलीता लगा रहे हैं. लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों पर एक शिकायतकर्ता ने निर्माणाधीन नाले की मिट्टी बेचने और नाले में घटिया सामग्री के प्रयोग के आरोप लगाया है.
ठेकेदार पर अधिकारियों से मिलीभगत कर मिट्टी बेचने का आरोप
मामले की जानकारी देते हुए शिकायतकर्ता शीशपाल ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार द्वारा अधिकारियों से मिलीभगत करके गुहला चीका में फोर लेन के साथ-साथ बनाए जा रहे नाले के निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नाले की खुदाई में निकली मिट्टी को ₹2500 डंपर के हिसाब से सरेआम बेचा जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस नाले की खुदाई 7 से 8 फुट तक की गई है जबकि नाला की चौड़ाई मात्र 3 फुट है. इसकी खुदाई इसलिए इतनी अधिक की गई है ताकि मिट्टी को बेचा जा सके.
मिट्टी बेचने का पुख्ता प्रमाण है मेरे पास- शिकायतकर्ता
शिकायतकर्ता ने कहा कि उसके पास लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार द्वारा मिट्टी बेचने के पुख्ता प्रमाण और वीडियो मौजूद है. शिकायतकर्ता शीशपाल ने बताया कि मिट्टी के लगभग 80 डंपर भारतीय जनता पार्टी के पार्षद को बेचे गए हैं. इस बारे उन्होंने सीएम विंडो में शिकायत दी है. उन्होंने कहा कि शिकायत देने के 17 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई.
एसडीएम की जांच के दौरान निकली थी भारी खामियां
बीते दिनों एसडीएम गुहला शशि वसुंधरा ने भी शिकायत मिलने पर निर्माणाधीन नाले का निरीक्षण किया था.जहां पर उन्हें भारी खामियां नजर आई. खामियां नजर आने पर उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर जमकर लताड़ लगाई थी. वहीं मिट्टी बेचे जाने पर ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संबंधित उच्च अधिकारियों को आदेश दिए थे. लेकिन लोक निर्माण विभाग के उच्च अधिकारियों ने एसडीएम के आदेशों को हवा हवाई कर दिया. जो ठेकेदार और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की आपसी मिलीभगत को दर्शाता है.