चंडीगढ़: कोरोना वायरस से हमें बचाने के लिए कोरोना वॉरियर्स अपनी जान पर खेल रहे हैं. कोरोना वायरस से सिर्फ इसलिए लड़ रहे हैं ताकि हम सुरक्षित रह सकें. कोरोना वॉरियर्स दिन रात उस कोरोना वार्ड में ड्यूटी दे रहे हैं, जहां जाना तो दूर हम उसके नाम से ही डर जाते हैं. जरा सोचिए कितना मुश्किल होता होगा कोरोना वॉरियर्स के लिए दिन रात कोरोना मरीजों के ना सिर्फ बीच में रहना बल्कि उनकी सेहत का भी ख्याल रखना.
ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ पीजीआई के कोविड वार्ड में ड्यूटी दे रहे कुछ सफाई कर्मचारियों से बात की और जाना कि कोविड वार्ड में ड्यूटी करना उनके लिए कितना मुश्किल है? और क्या उन्हें कोरोना मरीजों के बीच में काम करने पर डर लगता है?
जब पहली बार कोविड वार्ड में ड्यूटी लगी तो डर लगा था?
सफाई कर्मचारी रोहित ने बताया कि जब उन्हें पहली बार कोविड वार्ड में काम करने के लिए भेजा गया तो उन्हें डर लगा था, क्योंकि वहां पर कई कोरोना मरीज थे, लेकिन जब उन्होंने मरीजों से बात की और वहां पर काम करना शुरू किया तो उसके बाद उन्हें वहां कभी डर नहीं लगा.
जब लोग कोविड योद्धा कहते हैं तो कैसा लगता है?
रोहित ने बताया कि उनका काम कोविड वार्ड में साफ सफाई करना है. इसके अलावा बायो मेडिकल वेस्ट को वहां से उठाकर वेस्ट की गाड़ियों तक पहुंचाना, शौचालय साफ करना, मरीजों के बेड साफ भी करते हैं. रोहित ने कहा कि ये हमारा काम है. हमें ये महसूस होता है कि हम इस काम को करके लोगों की सेवा कर रहे हैं जिससे हमें अच्छा लगता है. जब हमें लोग कोविड योद्धा कहते हैं तो हमें काफी गर्व महसूस होता है.
'6 घंटे पीपीई किट में रहना नहीं आसान'
पीजीआई में काम करने वाली एक और कर्मचारी सुषमा ने कहा कि हालांकि वो ड्यूटी के दौरान पीपीई किट पहन कर रखती हैं, लेकिन फिर भी खतरा तो होता ही है. उन्हें हर रोज एक बार में लगातार 6 घंटे तक पीपीई किट में रहना होता है. इस दौरान ना तो शौचालय का इस्तेमाल कर सकते हैं और ना ही कुछ खा सकते हैं. बल्कि वो पानी भी नहीं पी सकते.
सुषमा ने कहा कि 6 घंटों तक पीपीई किट में रहना काफी मुश्किल होता है लेकिन फिर भी वो ये सोचती हैं कि ये उनकी जिम्मेदारी है, जिसे उन्हें हर हाल में निभाना है. इतना ही नहीं लोग हमें करोना योद्धा कहते हैं, लेकिन जब हम यहां से अपनी ड्यूटी खत्म करके घर जाते हैं तब आसपास के लोग अपने घर के दरवाजे बंद कर लेते हैं.
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वहीं कोरोना वार्ड में काम कर रहे कर्मचारी मोहन ने बताया कि जब उन्होंने कोविड वार्ड में काम करना शुरू किया तब उन्हें काफी डर लगा था, क्योंकि उन्होंने कोरोना के बारे में काफी सुना था, लेकिन उनके मन में ये भी बात थी कि जो जिम्मेदारी उन्हें दी गई है उन्हें उस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और लगन के साथ पूरा करना है और लोगों की सेवा करनी है.
जो आपकी जान बचाने के लिए अपनी जान पर खेल रहे हैं. कोरोना से लड़ रहे हैं. लगातार आपकी मदद में लगे हैं. आइए उनका हौसला बढ़ाते हैं. आइए उनका शुक्रिया अदा करते हैं.