चंडीगढ़: यूटी के सेक्टर-37 स्थित मकान नंबर 340 पर जबरन कब्जा करने, मकान मालिक का अपहरण कर गुजरात के भुज स्थित आश्रम में लावारिस और मानसिक बीमार बताकर रखने के मामले में पुलिस ने एक पत्रकार और एक प्रॉपर्टी डीलर को सोमवार देर रात गिरफ्तार कर लिया. मामले में पुलिस ने दोनों आरोपियों को मंगलवार दोपहर कोर्ट में पेश कर 10 दिन के रिमांड की मांग की. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद दोनों आरोपियों को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया.
पुलिस ने इस मामले में आरोपी पत्रकार के अलावा उसके के अन्य साथियों को भी आरोपी बनाया है. पुलिस ने मामले में आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. वहीं जांच अधिकारी डीएसपी दविंदर शर्मा ने इस मामले में व्यास चावला, प्रेम कृष्ण दास, अनीश भाई समेत अन्य लोगों के भूमिका की जांच की जा रही है.
टॉर्चर कर पावर अटार्नी करवाई अपने नाम
एसएसपी कुलदीप सिंह चहल ने बताया कि चंडीगढ़ सेक्टर 37ए में स्थित मकान नंबर 340 राहुल मेहता (40) की मां के नाम पर है. राहुल मेहता के पिता वेद प्रकाश मेहता, उसकी माता और भाई मोहित मेहता की मौत हो चुकी है. जिसके बाद से राहुल मेहता मकान का इकलौता वारिस और मालिक है.
शिकायत के अनुसार राहुल मेहता को गैंगरिन की बीमारी है. वो अक्सर सेक्टर-37 स्थित एक मेडिकल शॉप पर दवाई लेने जाता था. इसी का फायदा उठाकर आरोपियों ने साजिश रचते हुए उसके मकान पर कब्जा कर लिया. आरोप है कि उन्होंने मकान मालिक राहुल मेहता का अपहरण कर उसे टॉर्चर किया. इसके बाद मकान की पावर अटार्नी अरविंद सिंगला और खलिंदर सिंह कादयान के नाम पर करवा दी.
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भुज के फार्म हाउस में एक माह से अधिक समय तक रखा
जांच में सामने आया कि जून-जुलाई 2017 में आरोपियों द्वारा राहुल मेहता को गुजरात के भुज स्थित एक फार्म हाउस में एक महीने से अधिक समय तक रखा गया. वहीं राजस्थान के भरतपुर स्थित अपना घर आश्रम में रह रहे पीड़ित राहुल मेहता ने बताया कि साल 2017 के अप्रैल-मई माह में आरोपी पत्रकार और उसके साथी जबरदस्ती उसके सेक्टर 37 स्थित मकान नंबर 340 में घुसकर मकान के ऊपरी मंजिल पर कब्जा करके बैठ गए. आरोपियों ने उसे कमरे में बंधक बना कर मारपीट किया और डराया धमकाया. आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी देते हुए एक खाली कागज और ब्लैंक चैक पर जबरदस्ती उसके हस्ताक्षर करा लिया.
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अलग-अलग राज्यों के आश्रमों में करते रहे शिफ्ट
पुलिस के अनुसार आरोपियों ने मकान मालिक को जबरदस्ती गुजरात के भुज स्थित एक स्टड फॉर्म में ले जाकर अब्दुल करीम नाम के व्यक्ति के पास छोड़ कर चला गया. इसके कुछ महीने बाद अब्दुल करीम ने उसे भुज के ही रामदेव सेवा आश्रम में भर्ती करा दिया. इसके बाद आश्रम से उसे महाराष्ट्र के कजरात जिले स्थित श्रद्धा फाउंडेशन ट्रांसफर कर दिया गया. जहां से उसे आगे दिल्ली स्थित अपना घर आश्रम भेज दिया गया. यहां कुछ समय रहने के बाद उसे राजस्थान में ट्रांसफर कर दिया गया.
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फर्जी दस्तावेज बनवाकर आरोपितों ने कोठी बेच दी
मकान मालिक राहुल मेहता ने पुलिस को बताया कि उसमें अभी तक अपना मकान किसी को नहीं बेचा है. ये पता चला कि आरोपियों ने जाली दस्तावेजों के जरिए उसके जीपीए को कैंसिल करवाकर एक मार्च 2019 को उसके सेक्टर- 37ए स्थित मकान नंबर 340 की सेल्स डीड तैयार करा सौरभ गुप्ता के नाम पर करा दी. आरोपियों ने चंडीगढ़ स्टेट ऑफिस के सब रजिस्ट्रार के सामने उसकी फर्जी राहुल मेहता नाम का व्यक्ति खड़ा करा ये प्रॉपर्टी सौरव गुप्ता के नाम पर करा दी गई. जबकि जिस 1 मार्च 2019 को यह हुआ, उस वक्त मकान का असली मालिक राहुल मेहता अपना घर में भर्ती था. जोकि काफी समय से चंडीगढ़ तक नहीं आया था. ऐसे में जीपीएस कैंसिल होने और सेल डीड के एग्जीक्यूट होने का सवाल नहीं उठता. एसएसपी ने मामले में एएसपी साउथ श्रुति अरोड़ा के नेतृत्व में सेक्टर-31 थाना प्रभारी नरेंद पटियाल और इंस्पेक्टर ओम प्रकाश की एसआईटी बनाई है.
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