रोहतक: जिला प्रशासन रोहतक द्वारा जिले के 5 ब्लॉक में 1200 अकुशल मजदूरों को काम दिया गया है. लॉकडाउन के चलते परेशान बैठे मजदूरों के लिए मनरेगा योजना मे काम मिलने से खुशी दिखाई दे रही है. इस योजना में सरकार को दोहरा फायदा हो रहा है, पहला तो यह कि गांव में विकास कार्यों को गति मिलेगी और दूसरा यहां खाली बैठे मजदूरों को काम मिलेगा जिससे उनका वित्तीय संकट खत्म हो जाएगा.
इस योजना में प्रतिदिन की दिहाड़ी पर मजदूरों को गांव में तालाब की खुदाई, नहरों की सफाई, कच्चे रास्तों को ठीक करने का काम और कई अन्य विकास कार्यों में लगाया गया है. अकेले सांपला ब्लाक के गिजी गांव में सैकड़ों मजदूर तालाब की खुदाई का काम कर रहे हैं.
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मनरेगा योजना के तहत काम करने वाले मजदूरों ने कहा कि लॉकडाउन के कारण वह घर में खाली बैठ गए थे और उन्हें दिन रात चिंता सताए जा रही थी कि आखिर उनका घर का खर्च किस प्रकार चलेगा. प्रशासन की तरफ से अब उन्हें काम मिला है तो उनकी चिंता खत्म हो गई है क्योंकि इससे मिलने वाले पैसे से वह अपने घर का खर्च अब आराम से चला सकते हैं.
रोहतक के उपायुक्त आरएस वर्मा ने बताया कि जिले में लगभग 1200 मजदूरों को हर रोज गांव में काम करने के लिए मजदूरी दी जा रही है. इसमें तालाब की खुदाई, नहर और नालों की सफाई, कच्चे रास्तों पर मिट्टी डालना और अन्य कई विकास के काम करवाए जा रहे हैं. इन अकुशल मजदूरों को सरकार की इस योजना के तहत काम देने का एक ही मकसद है कि इन लोगों को काम मिले और इनका वित्तीय संकट खत्म हो.
रोहतक में मनरेगा योजना के तहत मजदूरों को काम देने से जहां मजदूरों को वित्तीय सहायता मिलेगी और विकास कार्य भी चलते रहेंगे वहीं लॉकडाउन में अपने घरों के लिए पलायन कर रहे हैं मजूदरों को रोका जा सकेगा.
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