रोहतक: लॉकडाउन के दौरान वाहन विक्रेता बर्बादी की ओर जाते जा रहे है. लॉकडाउन से पहले वाहन विक्रेताओं ने करोड़ों रुपये की गाड़ियां कंपनियों से खरीदकर स्टॉक में रख ली थी. क्योंकि आगे नवरात्रों का त्योहार आ रहा था और लोग इन दिनों में बड़े स्तर पर खरीददारी करते हैं, लेकिन 24 मार्च से लगे लॉकडाउन के बाद डीलर मालिक बर्बाद होते गए.
दरअसल, कोरोना वायरस को चलते देश में लॉकडाउन लगा दिया गया. जिसके कारण कार एजेंसी बंद रही. अब जब एजेंसी खोली गई हैं तो भी लोग कार ही नहीं खरीद रहे. रोहतक शहर में स्थित वाहन विक्रेताओं ने लॉकडाउन से पहले बड़ी संख्या में कंपनियों से वाहन खरीद कर स्टॉक कर लिया था, क्योंकि आगे नवरात्रों का त्यौहार आ रहा था. जिसके चलते गाड़ियों की खूब बिक्री की उम्मीद लगाई जा रही थी. ग्राहकों ने गाड़ियों की एडवांस बुकिंग भी कर ली थी.
लेकिन 24 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन के बाद स्थिति बदलने लगी. जो पहले से बुक की गई गाड़ियां थी उनके ऑर्डर भी कैंसिल हो गए. यही नहीं सेल और सर्विस का काम भी रुक गया. जिससे डीलरशिप मालिकों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है.
एजेंसी मैनेजर का कहना है कि दो महीने से एजेंसी बंद पड़ी है. जिसके बाद कंपनियों से एडवांस में ली गई गाड़ियों का स्टॉक नहीं बिका. क्योंकि लॉकडाउन में लोग बाहर ही नहीं निकल रहे थे. यही नहीं एडवांस में की गई बुकिंग भी लोगों ने कैंसिल कर दी हैं. क्योंकि लोगों ने लॉकडाउन में जरूरी चीजों को प्राथमिकता देनी शुरू कर दी है.
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