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रोहतक में को-वैक्सीन के प्रथम फेज के वैक्सीनेशन का काम खत्म - को-वैक्सीन प्रथम फेज वैक्सीनेशन रोहतक

रोहतक के पंडित बीडी शर्मा पीजीआईएमएस में को-वैक्सीन ट्रायल के पहले फेज के वैक्सीनेशन का काम संपन्न हो गया है. अब इस ट्रायल के परिणाम जानने के लिए सैंपलिंग शुरू कर दी गई है. अभी तक जितने भी वॉलंटियर्स को को-वैक्सीन का डोज दिया गया है. उनमें किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं दिखा है.

co-vaccine human trial in Rohtak
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Published : Aug 16, 2020, 4:45 PM IST

रोहतक: कोरोना वायरस के लिए एक बुरी खबर सामने आ रही है. अब इस वायरस के खत्म होने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. देश में चल रहे को-वैक्सीन ट्रायल के अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं. इस कोरोना वायरस का खात्मा करने के लिए डॉक्टर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. देश में चल रहे को-वैक्सीन ट्रायल का प्रथम फेज का वैक्सीनेशन कार्य समाप्त हो चुका है और अब इस ट्रायल के परिणाम जानने के लिए सैंपलिंग शुरू कर दी गई है.

रोहतक पीजीआई ने 375 वॉलंटियर्स में से 81 वालंटियर को यह वैक्सीन दी थी, जिनमें कोई भी साइड इफेक्ट अभी तक दिखाई नहीं दिया है और सितंबर माह के प्रथम सप्ताह में इस फेज के ट्रायल का रिजल्ट सामने आ जाएगा. ट्रायल कर रही टीम की प्रिंसिपल कोऑर्डिनेटर का कहना है कि पूरी उम्मीद है कि ये वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ कारगर साबित होगी.

रोहतक में को-वैक्सीन के प्रथम फेज के वैक्सीनेशन का काम खत्म, देखें वीडियो.

वहीं पीजीआई रोहतक की वैक्सीन ट्रायल टीम की प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर ट्रायल डॉ. सविता वर्मा ने बताया कि फेज एक में ह्यूमन ट्रायल में दो डोज देनी थी. उसके लिए आज 28 दिन पूरे हो गए हैं. आज से ब्लड सैम्पल लेने का काम शुरू हो गया है. इससे पता लगेगा कि ये वैक्सीन कितनी प्रभावशाली होगी. हमारे यहां 81 लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई है. पहले चरण में 18 से 55 वर्ष के लोगों पर वैक्सीन के दो डोज दिए गए हैं. इसके कोई बुरे परिणाम नहीं आये हैं. ये सेफ्टी के लिहाज से ठीक रहा है.

उन्होंने कहा कि अगस्त के अंतिम सप्ताह या सितंबर के प्रथम सप्ताह में उन्हें पहले चरण के ट्रायल के परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे और पूरी उम्मीद है कि ये वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ कारगर साबित होगी. साथ ही उन्होंने बताया कि काले पीलिया की दवा का कोरोना वायरस के खिलाफ ट्रायल की अनुमति उन्हें मिल चुकी है और जल्द ही इस ट्रायल की भी शुरुआत हो जाएगी और ये भी कोरोना वायरस के खिलाफ एक बहुत बड़ा कदम होगा. गौरतलब है कि पूरे देश में 13 संस्थाओं को को-वैक्सीन के ट्रायल के लिए चुना गया है. जिसमें रोहतक की पीजीआईएमएस भी शामिल है.

ये भी पढ़ें- यहां बना था वो बम जो शहीद भगत सिंह ने फेंका था सेंट्रल असेंबली में

रोहतक: कोरोना वायरस के लिए एक बुरी खबर सामने आ रही है. अब इस वायरस के खत्म होने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. देश में चल रहे को-वैक्सीन ट्रायल के अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं. इस कोरोना वायरस का खात्मा करने के लिए डॉक्टर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. देश में चल रहे को-वैक्सीन ट्रायल का प्रथम फेज का वैक्सीनेशन कार्य समाप्त हो चुका है और अब इस ट्रायल के परिणाम जानने के लिए सैंपलिंग शुरू कर दी गई है.

रोहतक पीजीआई ने 375 वॉलंटियर्स में से 81 वालंटियर को यह वैक्सीन दी थी, जिनमें कोई भी साइड इफेक्ट अभी तक दिखाई नहीं दिया है और सितंबर माह के प्रथम सप्ताह में इस फेज के ट्रायल का रिजल्ट सामने आ जाएगा. ट्रायल कर रही टीम की प्रिंसिपल कोऑर्डिनेटर का कहना है कि पूरी उम्मीद है कि ये वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ कारगर साबित होगी.

रोहतक में को-वैक्सीन के प्रथम फेज के वैक्सीनेशन का काम खत्म, देखें वीडियो.

वहीं पीजीआई रोहतक की वैक्सीन ट्रायल टीम की प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर ट्रायल डॉ. सविता वर्मा ने बताया कि फेज एक में ह्यूमन ट्रायल में दो डोज देनी थी. उसके लिए आज 28 दिन पूरे हो गए हैं. आज से ब्लड सैम्पल लेने का काम शुरू हो गया है. इससे पता लगेगा कि ये वैक्सीन कितनी प्रभावशाली होगी. हमारे यहां 81 लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई है. पहले चरण में 18 से 55 वर्ष के लोगों पर वैक्सीन के दो डोज दिए गए हैं. इसके कोई बुरे परिणाम नहीं आये हैं. ये सेफ्टी के लिहाज से ठीक रहा है.

उन्होंने कहा कि अगस्त के अंतिम सप्ताह या सितंबर के प्रथम सप्ताह में उन्हें पहले चरण के ट्रायल के परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे और पूरी उम्मीद है कि ये वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ कारगर साबित होगी. साथ ही उन्होंने बताया कि काले पीलिया की दवा का कोरोना वायरस के खिलाफ ट्रायल की अनुमति उन्हें मिल चुकी है और जल्द ही इस ट्रायल की भी शुरुआत हो जाएगी और ये भी कोरोना वायरस के खिलाफ एक बहुत बड़ा कदम होगा. गौरतलब है कि पूरे देश में 13 संस्थाओं को को-वैक्सीन के ट्रायल के लिए चुना गया है. जिसमें रोहतक की पीजीआईएमएस भी शामिल है.

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