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पराली पर पॉलिटिक्स के बीच रोहतक के किसानों ने खाई पराली न जलाने की कसम - stubble burning sulution in rohtak

दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गई है. पिछले तीन दिन में हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने से हालात बेकाबू हो गए हैं. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए रोहतक के किसानों और व्यापारियों ने काबिले तारीफ कदम उठाया है.

stubble for sale in rohtak
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Published : Nov 2, 2019, 11:15 PM IST

रोहतक: शहर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए किसानों ने पराली न जलाने का प्रण लिया है. वहीं दूसरी ओर व्यापारियों ने भी इस समस्या का हल निकाल लिया है. इससे आमजन को थोड़ी राहत मिलती नजर जरूर आ रही है. क्योंकि अब व्यापारी किसानों की पराली खरीद रहा है जिससे किसानों को तो पैसा मिलता ही है. साथ में जो मजदूर खेत से पराली उठाकर व्यापारियों तक पहुंचाते हैं उन्हें भी काम मिल जाता है. जिसके चलते किसान पराली को जलाने की बजाए अच्छा-खासा पैसा कमा लेता है.

रोहतक में व्यापरी खरीद रहे पराली

व्यापारियों की इस पहल से सबको कहीं ना कहीं फायदा हो रहा है. व्यापारी किसानों की पराली को चारे के रूप में खरीदता है और उसे काट कर दूसरे ऐसे प्रदेशों में भेजता है जहां पर चारे की कमी हो जिससे व्यापारी भी अच्छे खासे पैसे कमा लेता.

किसानों ने खाई पराली न जलाने की कसम, देखें वीडियो

किसानों ने लिया पराली नहीं जलाने का प्रण

किसानों ने पराली न जलाने का प्रण लेते हुए माना कि धुंए के रूप में जो कोहरा चारों तरफ फैला हुआ है ये पैराली जलाने के कारण हुआ है. किसान ने कहा कि रात के वक्त मौका लगाकर पराली जलाई जाती है और वह अब इसके पक्ष में नहीं हैं.

वहीं दूसरी ओर पराली ढोने वाले मजदूर ने बताया कि इससे हमें भी फायदा होता है क्योंकि खेत से यहां तक लाने में हमें मजदूरी मिलती है जिससे पैसे मिल जाते. वहीं दूसरी ओर रोहतक उपायुक्त ने किसानों की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि बढ़ते प्रदूषण को रोकने में किसानों का जो सहयोग मिल रहा है वो वाकई काबिले तारीफ है. साथ ही उन्होंने पराली जलाने वाले किसानों को चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी किसान पराली जलाएगा उन्हें दंडित भी किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- गोहाना में प्रशासन की बड़ी लापरवाही, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

रोहतक: शहर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए किसानों ने पराली न जलाने का प्रण लिया है. वहीं दूसरी ओर व्यापारियों ने भी इस समस्या का हल निकाल लिया है. इससे आमजन को थोड़ी राहत मिलती नजर जरूर आ रही है. क्योंकि अब व्यापारी किसानों की पराली खरीद रहा है जिससे किसानों को तो पैसा मिलता ही है. साथ में जो मजदूर खेत से पराली उठाकर व्यापारियों तक पहुंचाते हैं उन्हें भी काम मिल जाता है. जिसके चलते किसान पराली को जलाने की बजाए अच्छा-खासा पैसा कमा लेता है.

रोहतक में व्यापरी खरीद रहे पराली

व्यापारियों की इस पहल से सबको कहीं ना कहीं फायदा हो रहा है. व्यापारी किसानों की पराली को चारे के रूप में खरीदता है और उसे काट कर दूसरे ऐसे प्रदेशों में भेजता है जहां पर चारे की कमी हो जिससे व्यापारी भी अच्छे खासे पैसे कमा लेता.

किसानों ने खाई पराली न जलाने की कसम, देखें वीडियो

किसानों ने लिया पराली नहीं जलाने का प्रण

किसानों ने पराली न जलाने का प्रण लेते हुए माना कि धुंए के रूप में जो कोहरा चारों तरफ फैला हुआ है ये पैराली जलाने के कारण हुआ है. किसान ने कहा कि रात के वक्त मौका लगाकर पराली जलाई जाती है और वह अब इसके पक्ष में नहीं हैं.

वहीं दूसरी ओर पराली ढोने वाले मजदूर ने बताया कि इससे हमें भी फायदा होता है क्योंकि खेत से यहां तक लाने में हमें मजदूरी मिलती है जिससे पैसे मिल जाते. वहीं दूसरी ओर रोहतक उपायुक्त ने किसानों की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि बढ़ते प्रदूषण को रोकने में किसानों का जो सहयोग मिल रहा है वो वाकई काबिले तारीफ है. साथ ही उन्होंने पराली जलाने वाले किसानों को चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी किसान पराली जलाएगा उन्हें दंडित भी किया जा सकता है.

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Intro:रोहतक:-पैराली से बढ़ते प्रदूषण पर देश की राजधानी दिल्ली समेत हरियाणा और पंजाब में हा हा कार।
पैराली न जलाने को लेकर किसान आए आगे,तो व्यापारियों ने निकाला समाधान।
किसानों को मिल रही कीमत,मजदूरों को काम और व्यापारियों को फ़ायदा तो किसानों ने लिया पैराली न जलाने का प्रण।

देर आए दुरुस्त आए वाली कहावत आखिर सच साबित होती नजर आ रही है।पैराली जलाने से बढ़ते प्रदूषण का आखिर समाधान निकाल ही लिया गया।अब पैराली न जलाने को लेकर किसान से लेकर व्यापारी तक आगे आए है।जहाँ व्यापारी किसानों की पैराल खरीद रहे,वही मजदूर को भी काम मिला है ओर किसानों को पैराली की कीमत जिसके चलते पैराली जलने से बचेगी ओर प्रदूषण कम होगा।गौरतलब है कि बढ़ते प्रदूषण एनसीआर में जीना दूभर हो रखा है।

Body:जहां एक ओर बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए किसानों ने पराली न जलाने का प्रण लिया है।वहीं दूसरी ओर व्यापारियों ने भी इस समस्या का हल निकाल लिया है। इससे आमजन को थोड़ी राहत मिलती नजर जरूर आ रही है क्योंकि अब व्यापारी किसानों की पैराली खरीद रहा है जिससे किसानों को तो पैसा मिलता ही है साथ में जो मजदूर है खेत से पैराली उठाकर व्यापारियों तक पहुंचाते हैं उन्हें भी काम मिल जाता है। जिसके चलते किसान पराली को जलाने की बजाए अच्छा-खासा पैसा कमा लेता है। व्यापारियों की इस पहल से सबको कहीं ना कहीं फायदा हो रहा है। व्यापारी किसानों की पैराली को चारे के रूप में खरीदता है और उसे काट कर दूसरे ऐसे प्रदेशों में भेजता है जहां पर चारे की कमी हो जिससे व्यापारी भी अच्छे खासे पैसे कमा लेता।
Conclusion: वहीं दूसरी ओर किसानों ने पैराली न जलाने का प्रण लेते हुए माना कि धुंए के रूप में जो कोहरा चारों तरफ फैला हुआ है ये पैराली जलाने के कारण हुआ है।किसान ने कहा कि रात के वक्त मौका लगाकर पैराली जलाई जाती है और वह अब इसके पक्ष में नहीं है। वहीं दूसरी ओर पैराली ढोने वाले मजदूर ने बताया कि इससे हमें भी फायदा होता है क्योंकि खेत से यहां तक लाने में हमें मजदूरी मिलती है जिससे पैसे मिल जाते। वही दूसरी ओर रोहतक उपायुक्त ने किसानों की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि बढ़ते प्रदूषण को रोकने में किसानों का जो सहयोग मिल रहा है वह वाकई काबिले तारीफ है। साथ ही उन्होंने पैराली जलाने वाले किसानों को चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी किसान पैराली जलाएगा उन्हें दंडित भी किया जा सकता है।

बाइट:-आरएस वर्मा उपायुक्त रोहतक

बाइट:-पवन पैराली व्यापारी

बाइट:-अशोक मजदूर

बाइट:-नरेंद्र,मदन,जगतराम
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