रोहतक: 17वीं लोकसभा के चुनाव के तहत हरियाणा की रोहतक लोकसभा सीट पर चुनाव परिणाम शुक्रवार सुबह 4 बजे घोषित हुआ. बीजेपी के डॉक्टर अरविंद शर्मा ने कांग्रेस प्रत्याशी दीपेंद्र हुड्डा को 7 हजार 503 वोटों से हरा दिया.
चुनाव परिणाम घोषित होने में हुई देरी
डाक मतों की गणना और कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव एजेंट चंद्रसेन दहिया ने निर्वाचन अधिकारी को शिकायत दी थी. जिसकी वजह से चुनाव परिणाम घोषित होने में देरी हुई.
दीपेंद्र हुड्डा के लिए सीट क्यों इतना मायने रखती थी वो भी जानिए:
रोहतक लोकसभा सीट हुड्डा परिवार का गढ़ रही है. हरियाणा बनने से पहले ये सीट पंजाब में थी. 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव से लेकर आज तक इस सीट पर कांग्रेस 10 बार जीती है. इस जीत में हुड्डा परिवार का बहुत बड़ा योगदान रहा है क्योंकि, 10 में से 8 बार हुड्डा परिवार ने कांग्रेस के लिए ये सीट जीती है. रणबीर हुड्डा की तीसरी पीढ़ी दीपेंद्र हुड्डा मौजूदा सांसद हैं.
बीजेपी ने रोहतक सीट पर रचा इतिहास
बीजेपी के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि यहां से किसी प्रत्याशी ने जीत हासिल की है. नहीं तो इससे पहले बीजेपी ने कभी इस सीट पर कब्जा नहीं जमा पाई. यहां तक की पिछले चुनावों में मोदी लहर में भी रोहतक एकमात्र ऐसी सीट थी, जिस पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी.
हालांकि इस सीट पर 1962 में जनसंघ के उम्मीदवार लहरी सिंह विजय हासिल कर देश की सबसे बड़ी पंचायत में पहुंचे थे. 1971 में भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार मुख्तियार सिंह चुनाव जीते थे. 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के बाद पूरे देश में कांग्रेस विरोधी लहर थी. 1977 में जब लोकसभा चुनाव हुए तो इस सीट पर भारतीय लोकदल के उम्मीदवार शेर सिंह जीते थे. इस चुनाव में भारतीय लोकदल ने हरियाणा की सभी 10 सीटें जीती थी.