रोहतक: एक दवा कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर द्वारा सीबीआई को दी गई शिकायत के बाद सीबीआई ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को जीएसटी के कमिश्नर कार्यालय के सुपरिटेंडेंट कुलदीप हुड्डा के रोहतक के सेक्टर-3 में निवास स्थान पर छापा मारकर कुलदीप हुड्डा को गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद अब विभाग ने भी कुलदीप हुड्डा को सस्पेंड कर दिया है. रिश्वत के इस बड़े घोटाले में कोई भी अधिकारी कैमरे पर बोलने के लिए तैयार नहीं है. वहीं अभी भी दो इंस्पेक्टर और एक सुपरिटेंडेंट सीबीआई की गिरफ्त से बाहर बताए गए हैं.
मिली जानकारी के अनुसार रोहतक स्थित वस्तु और सेवा कर आयुक्तालय यानि जीएसटी विभाग के दो सुपरिटेंडेंट और दो इंस्पेक्टर इसी महीने की 6 तारीख को सोनीपत स्थित राई की रिसर्च मेडिसिन प्राइवेट लिमिटेड का निरीक्षण करने के लिए राई गए थे. जहां पर चारों अधिकारियों ने कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और डायरेक्टर पर नियमानुसार जीएसटी ना भरने और कंपनी में स्टॉक से ज्यादा कच्चा माल होने का आरोप लगाते हुए 12 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी.
जब कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने रिश्वत देने से मना किया तो उक्त अधिकारियों ने कड़ी कार्रवाई करने की धमकी दे डाली और 9 लाख की रिश्वत लेने पर अड़ गए. बताया गया है कि उसी दिन चारों अधिकारियों ने चार लाख नगद लिए और बाकी बाद में लेने की मांग की, लेकिन इसी बीच रिसर्च मेडिसिन कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज कालरा और डायरेक्टर ने इन अधिकारियों की शिकायत सीबीआई को दी. जिसके चलते सीबीआई ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 14 तारीख को सेक्टर-3 स्थित कुलदीप हुड्डा के निवास पर रेड की. लगभग 72 घंटे की रेड में कुलदीप हुड्डा के निवास से लाखों रुपए की नकदी और काफी मात्रा में ज्वैलरी बरामद की गई.
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रेड के बाद कुलदीप हुड्डा को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था. अभी बीती 17 तारीख को विभाग ने सख्ती दिखाते हुए कुलदीप हुड्डा को सस्पेंड कर दिया है. जबकि अन्य तीन अधिकारियों के तबादले भिवानी और हिसार में कर दिए हैं. अभी भी एक सुपरिटेंडेंट, दो इंस्पेक्टर सीबीआई की गिरफ्त से बाहर बताए गए हैं. सूत्रों के अनुसार बचे तीन अधिकारियों पर विभाग तभी कार्रवाई करेगा जब सीबीआई इनको गिरफ्तार कर लेगी. सारे मामले की जानकारी के लिए जब हम जीएसटी के कमिश्नर कार्यालय पहुंचे तो वहां कोई भी अधिकारी कैमरे पर बोलने के लिए तैयार नहीं था.