रोहतक: हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र धनखड़ ने तो एलान कर दिया कि अगर सरकार समय रहते नहीं मानी तो ये चक्का जाम अनिश्चितकालीन हो सकता है. किसी भी कीमत पर विभाग के निजीकरण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है, फिर भी सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है.
वीरेंद्र धनखड़ ने कहा कि सरकार की तानाशाही के चलते आज प्रदेश का कर्मचारी आंदोलन करने पर मजबूर है. उन्होंने कहा कि सरकार किलोमीटर स्कीम के तहत बसें चलाने के फैसले पर अडिग है. इससे पहले भी सरकार ने 510 प्राइवेट बसें किलोमीटर स्कीम के तहत चलाने का प्रयास किया था और इसमें करीब साढे नौ सौ करोड़ रूपये का घोटाला सामने आया था.
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सरकार ने घोटाले में शामिल दोषियों को सजा देने की बजाए 190 किलोमीटर स्कीम की ही बसें चलाने का निर्णय लिया है, जिससे साबित होता है कि सरकार किलोमीटर स्कीम घोटाले को दबाकर अपने चहेते पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है और जनता से सीधा सरोकार रखने वाले परिवहन विभाग का निजीकरण करने पर तुली है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के रोडवेज कर्मचारी इसे किसी कीमत पर सहन नहीं करेंगे. कर्मचारी नेताओं ने कहा कि गत वर्ष भी इसी स्कीम के विरोध में लगातार 18 दिन प्रदेश में हडताल की गई थी, जोकि आज तक इतिहास में सबसे लम्बी सफल हड़ताल थी, जिसे पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप करके खुलवाया था.
कर्मचारी नेताओं ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से भी सवाल किया कि वह किलोमीटर स्कीम के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करें. साथ ही सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से की जा रही हड़ताल में शासन या प्रशासन द्वारा कहीं भी दमनकारी नीति अपनाई गई तो कर्मचारी पीछे नहीं हटेंगे.
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