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रोडवेज हड़ताल को लेकर अड़े कर्मचारी, सरकार को दी चेतावनी

हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए 7-8 जनवरी को प्रदेश में चक्का जाम करने का निर्णय लिया है. निजी बसों को परमिट देने के विरोध में यह फैसला लिया गया है.

haryana roadways workers strike
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Published : Jan 2, 2020, 4:53 PM IST

रोहतक: हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र धनखड़ ने तो एलान कर दिया कि अगर सरकार समय रहते नहीं मानी तो ये चक्का जाम अनिश्चितकालीन हो सकता है. किसी भी कीमत पर विभाग के निजीकरण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है, फिर भी सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है.

वीरेंद्र धनखड़ ने कहा कि सरकार की तानाशाही के चलते आज प्रदेश का कर्मचारी आंदोलन करने पर मजबूर है. उन्होंने कहा कि सरकार किलोमीटर स्कीम के तहत बसें चलाने के फैसले पर अडिग है. इससे पहले भी सरकार ने 510 प्राइवेट बसें किलोमीटर स्कीम के तहत चलाने का प्रयास किया था और इसमें करीब साढे नौ सौ करोड़ रूपये का घोटाला सामने आया था.

रोडवेज हड़ताल को लेकर अड़े कर्मचारी, तालमेल कमेटी ने रोहतक में की बैठक.

ये भी पढ़ेंः- प्रदेश में सामने आया धान घोटाला, राइस मिल्स में स्टॉक की जांच में 35000 मीट्रिक टन धान की कमी

सरकार ने घोटाले में शामिल दोषियों को सजा देने की बजाए 190 किलोमीटर स्कीम की ही बसें चलाने का निर्णय लिया है, जिससे साबित होता है कि सरकार किलोमीटर स्कीम घोटाले को दबाकर अपने चहेते पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है और जनता से सीधा सरोकार रखने वाले परिवहन विभाग का निजीकरण करने पर तुली है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश के रोडवेज कर्मचारी इसे किसी कीमत पर सहन नहीं करेंगे. कर्मचारी नेताओं ने कहा कि गत वर्ष भी इसी स्कीम के विरोध में लगातार 18 दिन प्रदेश में हडताल की गई थी, जोकि आज तक इतिहास में सबसे लम्बी सफल हड़ताल थी, जिसे पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप करके खुलवाया था.

कर्मचारी नेताओं ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से भी सवाल किया कि वह किलोमीटर स्कीम के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करें. साथ ही सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से की जा रही हड़ताल में शासन या प्रशासन द्वारा कहीं भी दमनकारी नीति अपनाई गई तो कर्मचारी पीछे नहीं हटेंगे.

ये भी पढ़ें- प्रियंका गांधी हिंदू धर्म के बारे में क्या जानती हैं ? अनिल विज

रोहतक: हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र धनखड़ ने तो एलान कर दिया कि अगर सरकार समय रहते नहीं मानी तो ये चक्का जाम अनिश्चितकालीन हो सकता है. किसी भी कीमत पर विभाग के निजीकरण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है, फिर भी सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है.

वीरेंद्र धनखड़ ने कहा कि सरकार की तानाशाही के चलते आज प्रदेश का कर्मचारी आंदोलन करने पर मजबूर है. उन्होंने कहा कि सरकार किलोमीटर स्कीम के तहत बसें चलाने के फैसले पर अडिग है. इससे पहले भी सरकार ने 510 प्राइवेट बसें किलोमीटर स्कीम के तहत चलाने का प्रयास किया था और इसमें करीब साढे नौ सौ करोड़ रूपये का घोटाला सामने आया था.

रोडवेज हड़ताल को लेकर अड़े कर्मचारी, तालमेल कमेटी ने रोहतक में की बैठक.

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सरकार ने घोटाले में शामिल दोषियों को सजा देने की बजाए 190 किलोमीटर स्कीम की ही बसें चलाने का निर्णय लिया है, जिससे साबित होता है कि सरकार किलोमीटर स्कीम घोटाले को दबाकर अपने चहेते पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है और जनता से सीधा सरोकार रखने वाले परिवहन विभाग का निजीकरण करने पर तुली है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश के रोडवेज कर्मचारी इसे किसी कीमत पर सहन नहीं करेंगे. कर्मचारी नेताओं ने कहा कि गत वर्ष भी इसी स्कीम के विरोध में लगातार 18 दिन प्रदेश में हडताल की गई थी, जोकि आज तक इतिहास में सबसे लम्बी सफल हड़ताल थी, जिसे पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप करके खुलवाया था.

कर्मचारी नेताओं ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से भी सवाल किया कि वह किलोमीटर स्कीम के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करें. साथ ही सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से की जा रही हड़ताल में शासन या प्रशासन द्वारा कहीं भी दमनकारी नीति अपनाई गई तो कर्मचारी पीछे नहीं हटेंगे.

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Intro:रोहतक हरियाणा रोडवेज व हरियाणा सरकार एक बार फिर आमने-सामने

निजी बसें चलाने के विरोध में हरियाणा रोडवेज का सात व 8 जनवरी को चक्का जाम का ऐलान

रोडवेज कर्मचारी यूनियन हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र धनखड़ का कहना

सरकार कर रही है हठधर्मिता, हाई कोर्ट में केस होने के बावजूद किया जा रहा है निजी बस चलाने का प्रयास

किसी भी कीमत पर नहीं होगा बर्दाश्त

अगर सरकार नहीं मानी तो हड़ताल हो सकती है अनिश्चितकालीन

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व प्रतिपक्ष नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी की अपील कर्मचारियों का करें सहयोग

केवल चुनाव में ना करें प्रयोग

रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, 7-8 जनवरी को चक्का जाम का लिया निर्णय

हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी की प्रदेश स्तरीय हुई बैठक, छह जनवरी को पूरे प्रदेश में निकाला जाएगा मशाल जलुस

कर्मचारी नेता बोले, सरकार की तानाशाही व हठधर्मिता के चलते कर्मचारी आंदोलन करने पर है मजबूर

एंकर- हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए 7-8 जनवरी को प्रदेश में चक्का जाम करने का निर्णय लिया है। निजी बसों को परमिट देने के विरोध में यह फैसला लिया गया है। हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र धनखड़ ने तो एलान कर दिया अगर सरकार समय रहते नहीं मानी तो यह चक्काजाम अनिश्चितकालीन हो सकता है। किसी भी कीमत पर विभाग के निजी करण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। क्योंकि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है, फिर भी सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई।

Body:वीरेंद्र धनखड़ ने कहा कि सरकार की तानाशाही व हठधर्मिता के चलते आज प्रदेश का कर्मचारी आंदोलन करने पर मजबूर है। उन्होंने कहा कि सरकार किलोमीटर स्कीम के तहत बसे चलाने के फैसले पर अडिग है। इससे पहले भी सरकार ने 510 प्राइवेट बसे किलोमीटर स्कीम के तहत चलाने का प्रयास किया था और इसमें करीब साढे नौ सौ करोड़ रूपये का घोटाला सामने आया था। सरकार ने घोटाले में शामिल दोषियों को सजा देने की बजाए 190 किलोमीटर स्कीम की ही बसे चलाने का निर्णय लिया है, जिससे साबित होता है कि सरकार किलोमीटर स्कीम घोटाले को दबा कर अपने चहेते पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है और जनता से सीधा सरोकार रखने वाले परिवहन विभाग का निजीकरण करने पर तुली है। Conclusion: उन्होंने कहा कि लेकिन प्रदेश के रोडवेज कर्मचारी इसे किसी कीमत पर सहन नहीं करेगे। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि गत वर्ष भी इसी स्कीम के विरोध में लगातार 18 दिन प्रदेश में हडताल की गई थी, जोकि आज तक इतिहास में सबसे लम्बी सफल हडताल थी, जिससे पंजाव एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप करके खुलवाया था। कर्मचारी नेताओं ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से भी सवाल किया कि वह किलोमीटर स्कीम के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करे। सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि लोकतांत्रिक तरीक्के से की जा रही हडताल में शासन या प्रशासन द्वारा कहीं भी दमनकारी नीति अपनाई गई तो कर्मचारी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने प्रदेश की जनता व सभी कर्मचारी संगठनों से अपील कि सात-आठ जनवरी को अपनी यात्रा का कार्यक्रम स्थगित करते हुए जनहित में की जाने वाली हडताल में रोडवेज को बचाने के लिए सहयोग करे।

बाईट विरेन्द्र धनखड़, प्रदेश अध्यक्ष हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन
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