रोहतक: बेहतरीन खेल नीति का दम भरने वाली हरियाणा सरकार आए दिन खिलाड़ियों के निशाने पर रहने लगी है. सिस्टम ओर सरकार की अनदेखी का शिकार हुई मनरेगा में दिहाड़ी करने वाली शिक्षा की खराब हालत के बाद ओलंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल लेने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी साक्षी मलिक ने भी सरकार और सिस्टम पर सवाल उठा दिए हैं.
साक्षी मलिक का आरोप है कि ओलंपिक में मेडल जीतने के चार साल बाद भी उन्हें पूरा सम्मान नहीं मिला है. साक्षी मलिक भारत की एक मात्र ऐसी महिला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. य उस वक्त हरियाणा सरकार ने साक्षी मलिक को 500 गज का प्लॉट ओर सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी, जो अभी तक नहीं मिली है.
वहीं दूसरी ओर साक्षी मलिक का नाम सरकार द्वारा अर्जुन अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया है. अर्जुन अवॉर्ड के लिए नामित होने के बाद साक्षी मलिक काफी उत्साहित हैं. इससे पहले साक्षी मलिक के पति और ससुर को भी अर्जुन अवॉर्ड मिल चुका है. साक्षी मलिक अर्जुन अवार्ड मिलने से खुश हैं, लेकिन ओलंपिक में मेडल लेने के बाद भी सरकार द्वारा की गई घोषणाओं से साक्षी मलिक खुश नजर नहीं आ रही हैं.
'MDU में स्पोर्ट्स डायरेक्टर का पद चाहिए था, लेकिन नहीं मिला'
साक्षी मलिक का कहना है कि मेडल के हिसाब से जो उपलब्धि उन्हें मिलनी चाहिए थी सरकार की तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि उन्हें एमडीयू में स्पोर्ट्स डायरेक्टर का पद चाहिए था, लेकिन उन्हें नहीं मिला. उन्होंने कहा कि गीता फोगाट को भी सरकार की तरफ से बड़ा पद दिया गया है, इसलिए जो मेरी उपलब्धि है उसके अनुसार उन्हें पूरा सम्मान नहीं मिला है.
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