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रोहतक: सड़क पर उतरे सरकारी स्कूलों के लेक्चरार, सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

रोहतक में सरकारी स्कूलों के लेक्चरारों ने सड़कों पर उतरकर शिक्षा विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया. अध्यापकों का आरोप है कि सरकार ने प्रदेश भर में करीब 429 स्कूलों से विज्ञान संकाय को बंद करने और टीचरों के ट्रांसफर का जो तुगलकी फरमान है वो एकदम गलत है.

सड़क पर उतरकर सरकारी स्कूलों के लेक्चरारों ने किया प्रदर्शन
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Published : Aug 7, 2019, 10:09 PM IST

रोहतक: हरियाणा के सरकारी स्कूलों के लेक्चरार रोहतक में सड़कों पर उतरकर शिक्षा विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करने उतरे. अध्यापकों ने ये प्रदर्शन ग्रामीण क्षेत्र के 429 सरकारी स्कूलों से विज्ञान संकाय खत्म करने के विरोध में किया है.

एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दयानंद दलाल ने आरोप लगाया कि यह विभाग का तुगलकी फरमान है. प्रदेश अध्यक्ष दयानंद दलाल ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि विभाग निजीकरण की ओर जा रहा है.

सड़क पर उतरकर सरकारी स्कूलों के लेक्चरारों ने किया प्रदर्शन

अगर सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो एक बड़ा आंदोलन होगा. दलाल ने कहा कि ट्रांसफर पॉलिसी में जो विसंगतियां है, उनको दूर करने के लिए यह प्रदर्शन किया जा रहा है. हमने पहले भी इसके लिए कई बार विभाग को ज्ञापन दिया है.

लेकिन उस पर फैसला लेने के बजाए, विभाग ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में 429 स्कूलों से विज्ञान संकाय को बंद करने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया. जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्र में जो विज्ञान संकाय के लिए लेक्चरर के पद थे वह भी खत्म कर दिए. किसी स्कूल में फिजिक्स तो किसी में केमिस्ट्री और किसी में जीव विज्ञान के लेक्चरर भेज दिए हैं. जिससे दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सबसे बड़ी दिक्कत तो ग्रामीण क्षेत्र के उन विद्यार्थियों को है, जिन्होंने विज्ञान संकाय में दाखिले लिए थे. सरकार को कम से कम 2 या 3 साल के लिए विज्ञान संकाय स्कूलों में चलाना चाहिए था. उसके बाद ही कोई फैसला लेना चाहिए था. लेकिन यह विभाग का एक तुगलकी फरमान है. जिसे हरियाणा स्कूल लेक्चरार एसोसिएशन बर्दाश्त नहीं करेगा.

आज उसी के लिए यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन में मांग की गई है कि इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाए. अगर सरकार फैसला वापस नहीं लिया गया तो एसोसिएशन की बैठक बुलाकर एक बड़े आंदोलन की एलान कर दिया जाएगा.

रोहतक: हरियाणा के सरकारी स्कूलों के लेक्चरार रोहतक में सड़कों पर उतरकर शिक्षा विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करने उतरे. अध्यापकों ने ये प्रदर्शन ग्रामीण क्षेत्र के 429 सरकारी स्कूलों से विज्ञान संकाय खत्म करने के विरोध में किया है.

एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दयानंद दलाल ने आरोप लगाया कि यह विभाग का तुगलकी फरमान है. प्रदेश अध्यक्ष दयानंद दलाल ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि विभाग निजीकरण की ओर जा रहा है.

सड़क पर उतरकर सरकारी स्कूलों के लेक्चरारों ने किया प्रदर्शन

अगर सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो एक बड़ा आंदोलन होगा. दलाल ने कहा कि ट्रांसफर पॉलिसी में जो विसंगतियां है, उनको दूर करने के लिए यह प्रदर्शन किया जा रहा है. हमने पहले भी इसके लिए कई बार विभाग को ज्ञापन दिया है.

लेकिन उस पर फैसला लेने के बजाए, विभाग ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में 429 स्कूलों से विज्ञान संकाय को बंद करने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया. जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्र में जो विज्ञान संकाय के लिए लेक्चरर के पद थे वह भी खत्म कर दिए. किसी स्कूल में फिजिक्स तो किसी में केमिस्ट्री और किसी में जीव विज्ञान के लेक्चरर भेज दिए हैं. जिससे दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सबसे बड़ी दिक्कत तो ग्रामीण क्षेत्र के उन विद्यार्थियों को है, जिन्होंने विज्ञान संकाय में दाखिले लिए थे. सरकार को कम से कम 2 या 3 साल के लिए विज्ञान संकाय स्कूलों में चलाना चाहिए था. उसके बाद ही कोई फैसला लेना चाहिए था. लेकिन यह विभाग का एक तुगलकी फरमान है. जिसे हरियाणा स्कूल लेक्चरार एसोसिएशन बर्दाश्त नहीं करेगा.

आज उसी के लिए यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन में मांग की गई है कि इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाए. अगर सरकार फैसला वापस नहीं लिया गया तो एसोसिएशन की बैठक बुलाकर एक बड़े आंदोलन की एलान कर दिया जाएगा.

Intro: हरियाणा के सरकारी स्कूलों के लेक्चरर आज रोहतक में सड़कों पर उतर आए और शिक्षा विभाग के ग्रामीण क्षेत्र के 429 सरकारी स्कूलों से विज्ञान संकाय खत्म करने के विरोध में प्रदर्शन किया। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दयानंद दलाल ने आरोप लगाया कि यह विभाग का तुगलकी फरमान है, ओर ऐसा लग रहा है कि विभाग निजीकरण की ओर जा रहा है। अगर सरकार ने यह फैंसला वापस नही लिया तो एक बड़ा आंदोलन होगा।

Body: दलाल ने कहा कि ट्रांसफर पॉलिसी में जो विसंगतियां है, उनको दूर करने के लिए यह प्रदर्शन किया है। हमने पहले भी इसके लिए कई बार विभाग को ज्ञापन दिया। लेकिन उस पर फैसला लेने के बजाए, विभाग ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में 429 स्कूलों से विज्ञान संकाय को बंद करने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया। जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्र में जो विज्ञान संकाय के लिए लेक्चरर के पद थे वह भी खत्म कर दिए। किसी स्कूल में फिजिक्स तो किसी में केमिस्ट्री वह किसी में बायोलॉजी के लेक्चरर भेज दिए हैं। जिससे दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
Conclusion:सबसे बड़ी दिक्कत तो ग्रामीण क्षेत्र के उन विद्यार्थियों को है, जिन्होंने विज्ञान संकाय में दाखिले लिए थे। सरकार को कम से कम 2 या 3 साल के लिए विज्ञान संकाय स्कूलों में चलाना चाहिए था। उसके बाद ही कोई फैंसला लेना चाहिए था। लेकिन यह विभाग का एक तुगलकी फरमान है। जिसे हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन बर्दाश्त नही करेगा। आज उसी के लिए यह विरोध प्रदर्शन किया है। जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा है। जिसमें मांग की गई है कि इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाए। अगर सरकार फैसला वापस नही लेती है, तो एसोसिएशन की बैठक बुलाकर एक बड़े आंदोलन की एलान कर दिया जाएगा।
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