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अब मिट्टी के बरतन में परोसी जाएगी चाय-कॉफी, सरकार ने जारी किए आदेश - मिट्टी के कारीगर खुश

मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों के लिए खुशी की खबर है. हरियाणा में अब शादियों में मिट्टी के बर्तनों में चाय, कॉफी और कुल्फी परोसी जाएगी, क्योंकि सरकार प्लास्टिक के बर्तनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है.

बर्तन
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Published : Jul 26, 2019, 5:25 PM IST

रोहतक: मिट्टी से बने बर्तन बनाने वाले कामगारों के दिन फिरने वाले हैं क्योंकि सरकार प्लास्टिक और थर्माकोल से बने बर्तनों पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है. इसके पीछे सरकार का मकसद है कि प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्ति मिले.

कहीं 'खुशी' कहीं 'गम'
रोहतक में प्लास्टिक के बर्तनों पर रोक लगाने से मिट्टी के कारीगर खुश हैं तो थर्मोकॉल का काम करने वालों का धंधा चौपट हो गया है. अब मिट्टी के बर्तनों में कुल्फी और चाय मिलेगी. शादियों में प्रशासन ने प्लास्टिक से बने बर्तनों पर पूरी तरह से रोक लगाने की तैयारी शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ें- मानेसर लैंड डील मामला: सुनवाई के लिए कोर्ट पहुंचे भूपेंद्र सिंह हुड्डा

मिट्टी के कारीगरों में खुशी की लहर
सरकार के इस फैसले से मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगर बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि हम भूखे मरने के कगार पर थे और अगर सरकार इस तरह के आदेश जारी करती है तो उनका काम भी सुचारू रूप से चलेगा.

क्लिक कर देखें वीडियो

प्लास्टिक का काम करने वाले दुकानदार नाखुश
वहीं थर्मोकॉल से बने बर्तनों का काम करने वाले दुकानदार का कहना है कि पीछे से माल नहीं मिल रहा है. उनका धंधा ही चौपट हो गया है. इस आदेश के बाद अब सख्ती हो गई है.

शादी विवाह में मिट्टी के बर्तनों का होगा इस्तेमाल
वहीं रोहतक के डीसी आरसी वर्मा ने बताया कि एनजीटी के आदेशानुसार प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगाया जा रहा है. शादियों में मिट्टी से बने बर्तनों का चलन चलाया जा रहा है. इसके लिए बाकायदा इंडस्ट्री और माटीकला बोर्ड को पत्र भी लिखा गया है.

रोहतक: मिट्टी से बने बर्तन बनाने वाले कामगारों के दिन फिरने वाले हैं क्योंकि सरकार प्लास्टिक और थर्माकोल से बने बर्तनों पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है. इसके पीछे सरकार का मकसद है कि प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्ति मिले.

कहीं 'खुशी' कहीं 'गम'
रोहतक में प्लास्टिक के बर्तनों पर रोक लगाने से मिट्टी के कारीगर खुश हैं तो थर्मोकॉल का काम करने वालों का धंधा चौपट हो गया है. अब मिट्टी के बर्तनों में कुल्फी और चाय मिलेगी. शादियों में प्रशासन ने प्लास्टिक से बने बर्तनों पर पूरी तरह से रोक लगाने की तैयारी शुरू कर दी है.

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मिट्टी के कारीगरों में खुशी की लहर
सरकार के इस फैसले से मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगर बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि हम भूखे मरने के कगार पर थे और अगर सरकार इस तरह के आदेश जारी करती है तो उनका काम भी सुचारू रूप से चलेगा.

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प्लास्टिक का काम करने वाले दुकानदार नाखुश
वहीं थर्मोकॉल से बने बर्तनों का काम करने वाले दुकानदार का कहना है कि पीछे से माल नहीं मिल रहा है. उनका धंधा ही चौपट हो गया है. इस आदेश के बाद अब सख्ती हो गई है.

शादी विवाह में मिट्टी के बर्तनों का होगा इस्तेमाल
वहीं रोहतक के डीसी आरसी वर्मा ने बताया कि एनजीटी के आदेशानुसार प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगाया जा रहा है. शादियों में मिट्टी से बने बर्तनों का चलन चलाया जा रहा है. इसके लिए बाकायदा इंडस्ट्री और माटीकला बोर्ड को पत्र भी लिखा गया है.

Intro:अब मिट्टी से बने बर्तन कुल्फी ओर चाय के स्वाद को ओर बढ़ा देगा,क्योकि विवाह शादियों में प्रसाशन ने प्लास्टिक से बने बर्तनो पर पूरी तरह से रोक लगाने की तैयारी शुरू कर दी है,क्योकि प्रदेश में प्लास्टिक प्रदूषण रोकने के लिए सरकार अहम कदम उठाने जा रही है।प्लास्टिक के बर्तनों पर रोक लगाने से मिट्टी के कारीगर खुश है तो थर्मोकॉल का काम करने वालों का धंधा चौपट हो गया है।Body: मिट्टी से बने बर्तन बनाने वाले कामगारों के दिन फिरने वाले क्योंकि सरकार प्लास्टिक थर्माकोल से बने बर्तनों पर पूरी तरह से रोक लगाने की तैयारी कर रही है और विवाह शादियों में मिट्टी से बने बर्तनों के चलन पर जोर दे रही है इसके पीछे सरकार का मकसद है कि एक तो प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्ति मिले और दूसरा मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कामगारों का रोजगार बढ़ेगा यही नहीं मिट्टी के काम करने वाले कामगारों की सहायता भी प्रशासन करेगा ताकि उन्हें प्रेरित किया जा सके।Conclusion:वहीं दूसरी ओर सरकार के इस फैसले से मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगर बेहद खुश हैं उनका कहना है कि भूखे मरने की कगार पर और अगर सरकार इस तरह के आदेश जारी करती है तो उनका काम भी सुचारू रूप से चल सके ना और वो सुकून से रोटी खा सकेंगे वहीं दूसरी ओर थर्माकोल से बने बर्तनों का काम करने वाले दुकानदार का कहना पीछे से माल नहीं मिल रहा है तो किस को बंद कर दिया गया है और उनका धंधा ही चोपट हो गया पिछले 10 साल से काम कर रहे हैं लेकिन अब सख्ताई हो गई है इसलिए वह भी कोई अपना अलग से धंधा देख रहे हैं वहीं दूसरी ओर रोहतक के उपयुक्त ने बताया कि एनजीटी के आदेशानुसार प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगाया जा रहा है और विवाह शादियों में मिट्टी से बने बर्तनों का चलन चलाया जा रहा है इसके लिए बाकायदा इडस्ट्री ओर माटीकला बोर्ड को पत्र भी लिखा गया है।

बाइट:-आरएस वर्मा डीसी
रोहतक।

बाइट:-बाला, ईश्वर सिंह मिट्टी के कारीगर।
बाइट:-हिमांशु थर्मोकॉल बर्तन दुकानदार।
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