रोहतक: मिट्टी से बने बर्तन बनाने वाले कामगारों के दिन फिरने वाले हैं क्योंकि सरकार प्लास्टिक और थर्माकोल से बने बर्तनों पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है. इसके पीछे सरकार का मकसद है कि प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्ति मिले.
कहीं 'खुशी' कहीं 'गम'
रोहतक में प्लास्टिक के बर्तनों पर रोक लगाने से मिट्टी के कारीगर खुश हैं तो थर्मोकॉल का काम करने वालों का धंधा चौपट हो गया है. अब मिट्टी के बर्तनों में कुल्फी और चाय मिलेगी. शादियों में प्रशासन ने प्लास्टिक से बने बर्तनों पर पूरी तरह से रोक लगाने की तैयारी शुरू कर दी है.
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मिट्टी के कारीगरों में खुशी की लहर
सरकार के इस फैसले से मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगर बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि हम भूखे मरने के कगार पर थे और अगर सरकार इस तरह के आदेश जारी करती है तो उनका काम भी सुचारू रूप से चलेगा.
प्लास्टिक का काम करने वाले दुकानदार नाखुश
वहीं थर्मोकॉल से बने बर्तनों का काम करने वाले दुकानदार का कहना है कि पीछे से माल नहीं मिल रहा है. उनका धंधा ही चौपट हो गया है. इस आदेश के बाद अब सख्ती हो गई है.
शादी विवाह में मिट्टी के बर्तनों का होगा इस्तेमाल
वहीं रोहतक के डीसी आरसी वर्मा ने बताया कि एनजीटी के आदेशानुसार प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगाया जा रहा है. शादियों में मिट्टी से बने बर्तनों का चलन चलाया जा रहा है. इसके लिए बाकायदा इंडस्ट्री और माटीकला बोर्ड को पत्र भी लिखा गया है.