रोहतक: आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद ने सतलुज-यमुना लिंक नहर (Sutlej Yamuna Link Canal) के मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की मीटिंग पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि नहर विवाद का मामला नया नहीं हैं बल्कि यह विवाद हरियाणा के नए राज्य बनने के साथ ही शुरू हुआ और अब भी ज्यों का त्यों बना हुआ हैं. हरियाणा बनने से अब तक प्रदेश में कितनी सरकार बनी सभी ने इस मुद्दे को सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने तक सीमित रखा और अब तक लगभग सभी राजनीतिक दल एसवाईएल मुद्दा (SYL issue) को वोट तक समिति रखे हुए हैं. अब शुक्रवार को हरियाणा के और पंजाब के मुख्यमंत्री की मीटिंग ए सिर्फ चाय पीने तक ही सीमित रह गई.
जयहिंद ने कहा कि हरियाणा में अब तक सभी राजनीतिक दलों ने पंजाब से पानी लेने के मुद्दे पर सतलुज-यमुना लिंक नहर (SYL issue between Haryana and Punjab) को सिर्फ वोट तक सीमित रखकर प्रदेश की जनता को मूर्ख बनाने का काम किया है जबकि सुप्रीम कोर्ट की ओर से हरियाणा के पक्ष में पानी देने का फैसला दिए हुए भी काफी अरसा बीत चुका है. ये प्रदेश सरकार की ही लापरवाही है कि अभी तक केंद्र में भी बीजेपी की सरकार होने के बावजूद हरियाणा सरकार पंजाब से एसवाईएल का पानी लेकर हरियाणा को उसका हक नहीं दिला सकी, जबकि जब प्रदेश में विपक्ष की सरकार होती है तो सभी राजनीतिक दल जनता को भृमित करते रहते हैं.
आप के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि सरकार की ओर से 1976 में 1 करोड़ रुपये भी दिए जा चुके हैं. इसी विवाद में जुलाई 1985 में हुए राजीव-लोंगोवाल समझौते के बाद 1 महीने बाद अगस्त 1985 को लोंगोवाल की उग्रवादियों द्वारा गोली मारकर हत्या भी कर दी गई थी. जयहिंद ने कहा कि एसवाईएल के पानी पर हरियाणा का हक है. हरियाणा एसवाईएल की कोई पंजाब से भीख नही मांग रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि केंद्र सरकार हरियाणा को उंसके हिस्से का पानी दिलवाते हुए एसवाईएल विवाद को जल्द से जल्द सुलझाए.
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