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हरियाणा बजट 2020: क्या चाहता है प्रदेश का किसान ?

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Published : Feb 23, 2020, 10:46 PM IST

Updated : Feb 24, 2020, 5:15 PM IST

बीजेपी-जेजेपी गठबंधन वाली हरियाणा सरकार आगामी 28 फरवरी को अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश करने वाली है. हर बजट से हरियाणा के किसान खास उम्मीद लगाकर बैठे रहते हैं. इस बार किसानों की बजट से क्या उम्मीदें हैं और इस पर कृषि विशेषज्ञ का क्या कहना है, देखिए इस खास रिपोर्ट में.

haryana budget for farmers
haryana budget for farmers

रोहतक: लगातार दूसरी बार सत्ता में आई प्रदेश में भाजपा सरकार से किसान नाखुश नजर आ रहे हैं. किसानों का तर्क है कि किसानों की आय दोगुनी करने की बात करने वाली सरकार ने अभी तक उनके हितों के लिए कुछ नहीं किया है. बता दें कि सरकार ने पिछसे साल कुल 1 लाख 32 हजार करोड़ का बजट पेश किया था जिसमें से 3834.33 करोड़ कृषि के लिए आवंटित किए गए थे.

ईटीवी भारत की टीम किसानों के हित जानने के लिए किसान के बीच खेतों में पहुंची. किसानों से बातचीत करते हुए यह जानने की कोशिश की है कि प्रदेश में पेश होने वाले बजट से आखिर किसानों को क्या उम्मीदें हैं. किसानों ने अपनी बात रखते हुए बताया कि वह मौजूदा सरकार से ज्यादा खुश नहीं है. क्योंकि सरकार उनकी उम्मीदों पर अभी तक खरा नहीं उतर पाई है.

हरियाणा बजट 2020: क्या चाहता है प्रदेश का किसान?

बजट से क्या चाहते हैं किसान ?

किसानों का कहना है कि खाद बीज दवाई में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिसके कारण किसानों की आमदनी बढ़ने के बजाय घटती जा रही है. किसानों ने बताया कि बिजली पानी भी उन्हें पर्याप्त मात्रा में और सस्ती उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. किसानों का कहना है कि सरकार इस बजट में किसानों के लिए कुछ ऐसे प्रावधान लाए जिससे किसान बेझिझक खेती कर सके.

ये भी पढे़ं: हरियाणा बजट 2020: दिल्ली की तर्ज पर मोहल्ला क्लीनिक चाहते हैं गुरुग्राम वासी

क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?

वहीं बजट को लेकर विशेषज्ञ डॉक्टर सुच्चा सिंह गिल से बात की तो उन्होंने कहा कि किसानों के लिए सरकार बजट में काफी कुछ कर सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार को एमएसपी बढ़ाना चाहिए. इसके अलावा गन्ने के भाव में भी बढ़ोतरी करनी चाहिए. सरकार को किसानों को सस्ती या मुफ्त बिजली और पानी देना चाहिए. इन सब घोषणाओं से किसानों को मजबूती मिलेगी.

वहीं विशेषज्ञ प्रोफेसर गुरमीत सिंह का कहना है कि राज्य सरकार को किसानों के लिए पानी की बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए ताकि सिंचाईं को लेकर किसान परेशान ना हो. नहरी पानी को पर्याप्त मात्रा में वक्त पर किसान तक पहुंचाना चाहिए. किसान को ज्यादा समय के लिए बिजली दी जानी चाहिए. किसानों को बिजली और पानी या तो सस्ता दिया जाना चाहिए या फिर मुफ्त.

2018-19 के बजट में किसानों को क्या मिला था ?

  • कुल 1,32,165.99 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था.
  • कृषि विभाग के लिए 3834.33 करोड़ रुपये दिए गए थे.
  • कृषि क्षेत्र के लिए 2210.51 करोड़ रुपये दिए गए थे.
  • पशुपालन के लिए 1026.68 करोड़ रुपये दिए गए थे.
  • बागवानी के लिए 523.88 करोड़ रुपये दिए गए थे.
  • मत्स्य पालन के लिए 73.26 करोड़ रुपये दिए गए थे.

किसानों ने ईटीवी भारत पर अपनी बात रखते हुए सरकार से उम्मीद जताई है कि उन्हें पेश होने वाले बजट में कम से कम दवाई खाद्द, बिजली, पानी और तेल सस्ता मुहैया कराया जाए ताकि उनकी आमदनी बढ़ सके और लागत कम हो. वहीं विशेषज्ञों की राय भी किसानों से मिलती झुलती ही है. तो ऐसे में अब देखना होगा कि क्या आने वाले बजट से हरियाणा सरकार राज्य के अन्नदाताओं को खुश कर पाएगी या फिर किसानों के हाथ मायूसी लगेगी.

ये भी पढ़ें: हरियाणा बजट: एक्सपर्ट से जानें कैसे राज्य सरकार बनाती है बजट

रोहतक: लगातार दूसरी बार सत्ता में आई प्रदेश में भाजपा सरकार से किसान नाखुश नजर आ रहे हैं. किसानों का तर्क है कि किसानों की आय दोगुनी करने की बात करने वाली सरकार ने अभी तक उनके हितों के लिए कुछ नहीं किया है. बता दें कि सरकार ने पिछसे साल कुल 1 लाख 32 हजार करोड़ का बजट पेश किया था जिसमें से 3834.33 करोड़ कृषि के लिए आवंटित किए गए थे.

ईटीवी भारत की टीम किसानों के हित जानने के लिए किसान के बीच खेतों में पहुंची. किसानों से बातचीत करते हुए यह जानने की कोशिश की है कि प्रदेश में पेश होने वाले बजट से आखिर किसानों को क्या उम्मीदें हैं. किसानों ने अपनी बात रखते हुए बताया कि वह मौजूदा सरकार से ज्यादा खुश नहीं है. क्योंकि सरकार उनकी उम्मीदों पर अभी तक खरा नहीं उतर पाई है.

हरियाणा बजट 2020: क्या चाहता है प्रदेश का किसान?

बजट से क्या चाहते हैं किसान ?

किसानों का कहना है कि खाद बीज दवाई में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिसके कारण किसानों की आमदनी बढ़ने के बजाय घटती जा रही है. किसानों ने बताया कि बिजली पानी भी उन्हें पर्याप्त मात्रा में और सस्ती उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. किसानों का कहना है कि सरकार इस बजट में किसानों के लिए कुछ ऐसे प्रावधान लाए जिससे किसान बेझिझक खेती कर सके.

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क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?

वहीं बजट को लेकर विशेषज्ञ डॉक्टर सुच्चा सिंह गिल से बात की तो उन्होंने कहा कि किसानों के लिए सरकार बजट में काफी कुछ कर सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार को एमएसपी बढ़ाना चाहिए. इसके अलावा गन्ने के भाव में भी बढ़ोतरी करनी चाहिए. सरकार को किसानों को सस्ती या मुफ्त बिजली और पानी देना चाहिए. इन सब घोषणाओं से किसानों को मजबूती मिलेगी.

वहीं विशेषज्ञ प्रोफेसर गुरमीत सिंह का कहना है कि राज्य सरकार को किसानों के लिए पानी की बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए ताकि सिंचाईं को लेकर किसान परेशान ना हो. नहरी पानी को पर्याप्त मात्रा में वक्त पर किसान तक पहुंचाना चाहिए. किसान को ज्यादा समय के लिए बिजली दी जानी चाहिए. किसानों को बिजली और पानी या तो सस्ता दिया जाना चाहिए या फिर मुफ्त.

2018-19 के बजट में किसानों को क्या मिला था ?

  • कुल 1,32,165.99 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था.
  • कृषि विभाग के लिए 3834.33 करोड़ रुपये दिए गए थे.
  • कृषि क्षेत्र के लिए 2210.51 करोड़ रुपये दिए गए थे.
  • पशुपालन के लिए 1026.68 करोड़ रुपये दिए गए थे.
  • बागवानी के लिए 523.88 करोड़ रुपये दिए गए थे.
  • मत्स्य पालन के लिए 73.26 करोड़ रुपये दिए गए थे.

किसानों ने ईटीवी भारत पर अपनी बात रखते हुए सरकार से उम्मीद जताई है कि उन्हें पेश होने वाले बजट में कम से कम दवाई खाद्द, बिजली, पानी और तेल सस्ता मुहैया कराया जाए ताकि उनकी आमदनी बढ़ सके और लागत कम हो. वहीं विशेषज्ञों की राय भी किसानों से मिलती झुलती ही है. तो ऐसे में अब देखना होगा कि क्या आने वाले बजट से हरियाणा सरकार राज्य के अन्नदाताओं को खुश कर पाएगी या फिर किसानों के हाथ मायूसी लगेगी.

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Last Updated : Feb 24, 2020, 5:15 PM IST
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