रोहतक: जैसे-जैसे चुनाव पास आते हैं राजनीतिक पार्टियों के लिए गाय माता बन जाती है. गाय के नाम पर जमकर राजनीति होती है. लेकिन सरकार बदली, सत्ता बदली, लेकिन गायों की स्थिति नहीं बदली.
हर तीसरे दिन गाय की हो रही मौत
महम के मोखरा गांव की कृष्ण गोशाला में मूलभूत सुविधाओं के अभाव में हर तीसरे दिन गाय की मौत हो रही है.गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कराने के लिए विभिन्न संगठन मांग उठा रहे हैं, लेकिन गोशाला में ही गौमाता की ऐसी दुर्दशा हो रही है.
सरकार के सारे दावे हुए फेल
केंद्र और प्रदेश सरकार गायों के संरक्षण के लिए नए-नए कदम उठाने के दावे करती हैं, राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन इनके लिए चंदा इकट्ठा करते हैं. लेकिन बावजूद इसके अगर गौ माता की देखभाल नहीं हो पा रही तो आप इसे क्या कहेंगे.
गौशाला में फैली बदबू
इतना ही नहीं लोगों का कहना है कि यहां जो गाय मर जाती हैं उन्हें आस-पास ऐसे ही मिट्टी डालकर छोड़ दिया जाता है. जिसे कुत्ते नोंच-नोंच के खाते हैं और उसकी हड्डियां इधर-उधर मिलती हैं. इससे ग्रामीणों को भी परेशानी होती है. कई गौ-सेवकों ने तो यहां फैली बदबू के कारण यहां आना ही छोड़ दिया.
सरकार के दावों की खुली पोल
बहरहाल जो भी हो सरकार गाय को माता का दर्जा देकर उनके नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करने का दम जरूर भरती है लेकिन आसपास खेतों में फैली गायों की हड्डियां इन सबकी पोल खोल रही हैं.