रोहतक: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) ने कहा कि 2 दिनों की बारिश के चलते प्रदेशभर में किसानों की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई. इसके चलते प्रत्येक किसान को हजारों रुपए का नुकसान हुआ. सरकार ने हमेशा की तरह मुआवजे देने का ऐलान तो किया लेकिन किसानों के हाथ हमेशा की तरह इंतजार ही लगा. इससे पहले भी कई सीजन से किसान लगातार बेमौसमी बरसात, ओलावृष्टि और जलभराव का सामना कर रहे हैं.
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बारिश की वजह से हुए नुकसान का मुआवजा आजतक किसानों को नहीं दिया गया. जरूरत के वक्त किसानों की मदद के लिए ना सरकार आगे आती है और ना ही बीमा कंपनियां. जबकि कंपनियां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों के प्रीमियम से करोड़ों की चांदी कूट रही हैं. अबतक इस योजना से बीमा कंपनियां 40 हजार करोड़ रुपए का तगड़ा मुनाफा कमा चुकी हैं लेकिन किसान के हाथ हमेशा घाटा ही लगता है.
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भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसान को खेत में मौसम और मंडी में सरकारी नीतियों की मार पड़ रही है. 2060 रुपए के रेट वाली धान 1700 से 1800 रुपए प्रति क्विंटल में पिट रही है. यहीं हाल बाजरा के किसानों का है. सरकार ना तो किसानों को एमएसपी दिलवा रही है और ना ही अपनी घोषणा के मुताबिक बाजरा किसानों को भावांतर भरपाई योजना का लाभ दे रही है.
हुड्डा ने कहा कि हर बार की तरह इस बार भी बरसात के बाद गुरुग्राम, फतेहाबाद, रोहतक, हिसार, कैथल, कुरुक्षेत्र, फरीदाबाद, जींद, झज्जर, सिरसा, अंबाला, यमुनानगर सोनीपत, पानीपत, महेंद्रगढ़, भिवानी समेत पूरे हरियाणा से जलभराव की भयावह तस्वीरें सामने आईं. सड़कें और गलियां दरिया में बदल गईं और कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए. लोगों के घरों से लेकर सरकारी कार्यालयों तक में पानी घुस गया. लेकिन सरकार तमाशबीन बनी सब देखती रही. हुड्डा ने कहा कि बार-बार मांग के बावजूद सरकार ने वक्त रहते ना ड्रेन्स की सफाई करवाई, ना सीवरेज सिस्टम को ठीक किया और ना ही जल निकासी के लिए पंप सेट लगाए.
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