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भूपेंद्र सिंह हुड्डा बोले, पहले मौसम और अब सरकारी अनदेखी की मार झेल रहे किसान - किसानों के मुआवजे पर भूपेंद्र हुड्डा

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बार फिर सरकार (Bhupendra Hooda attack on the government) पर हमला बोला. हुड्डा ने कहा कि बेमौसमी बरसात के बाद हरियाणा की जनता अब सरकारी अनदेखी की मार झेल रही है. बरसात बंद होने के 5 दिन बाद भी खेतों, सड़कों और रिहायशी इलाकों से जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई. अबतक किसानों को फसलों में हुए नुकसान का मुआवजा भी नहीं दिया गया. हुड्डा ने वीरवार को यहां जारी बयान में कहा है कि खेत में पककर तैयार खड़ी धान, बाजरा, नरमा और सब्जियों की फसल पर बरसात कहर बनकर बरसी.

भूपेंद्र हुड्डा का सरकार पर हमला
भूपेंद्र हुड्डा का सरकार पर हमला
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Published : Sep 29, 2022, 6:17 PM IST

रोहतक: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) ने कहा कि 2 दिनों की बारिश के चलते प्रदेशभर में किसानों की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई. इसके चलते प्रत्येक किसान को हजारों रुपए का नुकसान हुआ. सरकार ने हमेशा की तरह मुआवजे देने का ऐलान तो किया लेकिन किसानों के हाथ हमेशा की तरह इंतजार ही लगा. इससे पहले भी कई सीजन से किसान लगातार बेमौसमी बरसात, ओलावृष्टि और जलभराव का सामना कर रहे हैं.

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बारिश की वजह से हुए नुकसान का मुआवजा आजतक किसानों को नहीं दिया गया. जरूरत के वक्त किसानों की मदद के लिए ना सरकार आगे आती है और ना ही बीमा कंपनियां. जबकि कंपनियां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों के प्रीमियम से करोड़ों की चांदी कूट रही हैं. अबतक इस योजना से बीमा कंपनियां 40 हजार करोड़ रुपए का तगड़ा मुनाफा कमा चुकी हैं लेकिन किसान के हाथ हमेशा घाटा ही लगता है.

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भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसान को खेत में मौसम और मंडी में सरकारी नीतियों की मार पड़ रही है. 2060 रुपए के रेट वाली धान 1700 से 1800 रुपए प्रति क्विंटल में पिट रही है. यहीं हाल बाजरा के किसानों का है. सरकार ना तो किसानों को एमएसपी दिलवा रही है और ना ही अपनी घोषणा के मुताबिक बाजरा किसानों को भावांतर भरपाई योजना का लाभ दे रही है.

हुड्डा ने कहा कि हर बार की तरह इस बार भी बरसात के बाद गुरुग्राम, फतेहाबाद, रोहतक, हिसार, कैथल, कुरुक्षेत्र, फरीदाबाद, जींद, झज्जर, सिरसा, अंबाला, यमुनानगर सोनीपत, पानीपत, महेंद्रगढ़, भिवानी समेत पूरे हरियाणा से जलभराव की भयावह तस्वीरें सामने आईं. सड़कें और गलियां दरिया में बदल गईं और कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए. लोगों के घरों से लेकर सरकारी कार्यालयों तक में पानी घुस गया. लेकिन सरकार तमाशबीन बनी सब देखती रही. हुड्डा ने कहा कि बार-बार मांग के बावजूद सरकार ने वक्त रहते ना ड्रेन्स की सफाई करवाई, ना सीवरेज सिस्टम को ठीक किया और ना ही जल निकासी के लिए पंप सेट लगाए.

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रोहतक: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) ने कहा कि 2 दिनों की बारिश के चलते प्रदेशभर में किसानों की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई. इसके चलते प्रत्येक किसान को हजारों रुपए का नुकसान हुआ. सरकार ने हमेशा की तरह मुआवजे देने का ऐलान तो किया लेकिन किसानों के हाथ हमेशा की तरह इंतजार ही लगा. इससे पहले भी कई सीजन से किसान लगातार बेमौसमी बरसात, ओलावृष्टि और जलभराव का सामना कर रहे हैं.

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बारिश की वजह से हुए नुकसान का मुआवजा आजतक किसानों को नहीं दिया गया. जरूरत के वक्त किसानों की मदद के लिए ना सरकार आगे आती है और ना ही बीमा कंपनियां. जबकि कंपनियां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों के प्रीमियम से करोड़ों की चांदी कूट रही हैं. अबतक इस योजना से बीमा कंपनियां 40 हजार करोड़ रुपए का तगड़ा मुनाफा कमा चुकी हैं लेकिन किसान के हाथ हमेशा घाटा ही लगता है.

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भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसान को खेत में मौसम और मंडी में सरकारी नीतियों की मार पड़ रही है. 2060 रुपए के रेट वाली धान 1700 से 1800 रुपए प्रति क्विंटल में पिट रही है. यहीं हाल बाजरा के किसानों का है. सरकार ना तो किसानों को एमएसपी दिलवा रही है और ना ही अपनी घोषणा के मुताबिक बाजरा किसानों को भावांतर भरपाई योजना का लाभ दे रही है.

हुड्डा ने कहा कि हर बार की तरह इस बार भी बरसात के बाद गुरुग्राम, फतेहाबाद, रोहतक, हिसार, कैथल, कुरुक्षेत्र, फरीदाबाद, जींद, झज्जर, सिरसा, अंबाला, यमुनानगर सोनीपत, पानीपत, महेंद्रगढ़, भिवानी समेत पूरे हरियाणा से जलभराव की भयावह तस्वीरें सामने आईं. सड़कें और गलियां दरिया में बदल गईं और कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए. लोगों के घरों से लेकर सरकारी कार्यालयों तक में पानी घुस गया. लेकिन सरकार तमाशबीन बनी सब देखती रही. हुड्डा ने कहा कि बार-बार मांग के बावजूद सरकार ने वक्त रहते ना ड्रेन्स की सफाई करवाई, ना सीवरेज सिस्टम को ठीक किया और ना ही जल निकासी के लिए पंप सेट लगाए.

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