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हरियाणा में कम छात्रों वाले 916 सराकरी स्कूल दूसरे स्कूलों में हो सकते हैं मर्ज, पानीपत के ये 7 विद्यालय भी शामिल - पानीपत की ताजा खबर

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में घट रहे दाखिले चिंता का विषय बन गए हैं. कम बच्चों वाले स्कूलों को प्रदेश सरकार दूसरे स्कूलों में मर्ज कर रही है. इसी के तहत एक बार फिर प्रदेश के 916 स्कूलों को नजदीकी स्कूलों में मर्ज (Government schools Merger in Haryana) करने की तैयारी है. जिन स्कूलों में 50 बच्चों के मानक से कम छात्र हैं, उन्हें नजदीकी सरकारी स्कूलों में मर्ज किया जा सकता है.

Government schools Merger in Haryana
Government schools Merger in Haryana
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Published : Aug 8, 2022, 3:27 PM IST

Updated : Aug 8, 2022, 3:40 PM IST

पानीपत: शिक्षा विभाग हेडक्वार्टर और सरकार द्वारा जिला स्तर पर शिक्षा अधिकारियों से ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट मांगी गई थी जिनमें 50 से कम बच्चे हों. यह भी जानकारी मांगी गई थी कि उस स्कूल के तीन किलोमीटर के दायरे में कौन का सरकारी स्कूल है. इस रिपोर्ट में पता चला है कि 29 मिडिल स्कूल और 6 हाई स्कूल ऐसे हैं, जिनमें 50 से कम बच्चे हैं. ऐसे में इन स्कूलों को मर्ज (Government schools Merger in Haryana) किया जा सकता है. खास बात यह है कि रिपोर्ट में 6 स्कूल ऐसे बताये गये हैं, जिनके 3 किलोमीटर के दायरे में कोई भी सरकारी स्कूल नहीं है. अब सवाल ये है कि इन स्कूलों के बच्चों के लिए क्या कोई अलग व्यवस्था बनाई जाएगी.

सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और संसाधनों का काफी आभाव है. अधिकतर बच्चे निजी स्कूलों की ओर रूख करने लगे हैं. सरकारी स्कूलों में 80 प्रतिशत तक बच्चे जरूरतमंद या मध्यम वर्ग के होते हैं. किसी भी सरकारी कर्मचारी, अधिकारी व शिक्षकों के बच्चे सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ते हैं. कोविड के दौरान सरकारी स्कूलों में दाखिले बढ़े थे. वहीं इस बार एडमिशन घट गये हैं. इस पर शिक्षा विभाग और सरकार मंथन कर रही है. इन स्कूलों को जल्द ही नजदीकी स्कूलों में मर्ज करने का फैसला लिया जा सकता है.

शिक्षक संघ का कहना है कि संसाधन और शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए स्कूल मर्ज करने की तैयारी है. प्राइमरी में 25 बच्चों पर एक शिक्षक होना जरूरी है, वहीं मिडिल में 35 बच्चों पर एक शिक्षक चाहिए. स्कूल मर्ज होने से सभी बच्चे एक ही स्कूल में पढ़ेंगे तो शिक्षकों की कमी काफी हद तक दूर होगी.

पानीपत जिले से ऐसे 7 स्कूलों के नाम दिये गये हैं जिनमे बच्चों की संख्या 50 से भी कम है. हलांकि स्कूल मर्ज करने से भी इस समस्या सा समाधान होने के हालात नहीं दिख रहे हैं. क्योंकि इन बच्चों को पढ़ने के लिए ज्यादा दूर दूसरे स्कूलों में जाना पड़ेगा, ऐसे में ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या बढ़ सकती है. बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को भी जद्दोजहद करनी पड़ेगी. वहीं बहुत से स्कूल ऐसे हैं जिनके 3 किलोमीटिर के दायरे में कोई स्कूल नहीं है, जिसके साथ इनको मर्ज किया जा सके. ऐसे में इन स्कूलों के बच्चों का क्या होगा, ये भी सवाल है.

पानीपत के इन 7 स्कूलों पर लटकी मर्ज की तलवार- 1. समालखा GGHS करहंस 30, 2. समालखा GGHS आट्‌टा 49, 3. मतलौडा GGHS शेरा 32, 4. इसराना GHS डिडवाड़ी 44, 5. इसराना GGHS अहर 39, 6. इसराना GGHS कुराना 46, 7. इसराना GHS पूठर 17.

ये भी पढ़ें- नूंह के सरकारी स्कूल में नहीं एक भी शिक्षक, बिन गुरु ज्ञान प्राप्त करते हैं 83 'एकलव्य'!

पानीपत: शिक्षा विभाग हेडक्वार्टर और सरकार द्वारा जिला स्तर पर शिक्षा अधिकारियों से ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट मांगी गई थी जिनमें 50 से कम बच्चे हों. यह भी जानकारी मांगी गई थी कि उस स्कूल के तीन किलोमीटर के दायरे में कौन का सरकारी स्कूल है. इस रिपोर्ट में पता चला है कि 29 मिडिल स्कूल और 6 हाई स्कूल ऐसे हैं, जिनमें 50 से कम बच्चे हैं. ऐसे में इन स्कूलों को मर्ज (Government schools Merger in Haryana) किया जा सकता है. खास बात यह है कि रिपोर्ट में 6 स्कूल ऐसे बताये गये हैं, जिनके 3 किलोमीटर के दायरे में कोई भी सरकारी स्कूल नहीं है. अब सवाल ये है कि इन स्कूलों के बच्चों के लिए क्या कोई अलग व्यवस्था बनाई जाएगी.

सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और संसाधनों का काफी आभाव है. अधिकतर बच्चे निजी स्कूलों की ओर रूख करने लगे हैं. सरकारी स्कूलों में 80 प्रतिशत तक बच्चे जरूरतमंद या मध्यम वर्ग के होते हैं. किसी भी सरकारी कर्मचारी, अधिकारी व शिक्षकों के बच्चे सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ते हैं. कोविड के दौरान सरकारी स्कूलों में दाखिले बढ़े थे. वहीं इस बार एडमिशन घट गये हैं. इस पर शिक्षा विभाग और सरकार मंथन कर रही है. इन स्कूलों को जल्द ही नजदीकी स्कूलों में मर्ज करने का फैसला लिया जा सकता है.

शिक्षक संघ का कहना है कि संसाधन और शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए स्कूल मर्ज करने की तैयारी है. प्राइमरी में 25 बच्चों पर एक शिक्षक होना जरूरी है, वहीं मिडिल में 35 बच्चों पर एक शिक्षक चाहिए. स्कूल मर्ज होने से सभी बच्चे एक ही स्कूल में पढ़ेंगे तो शिक्षकों की कमी काफी हद तक दूर होगी.

पानीपत जिले से ऐसे 7 स्कूलों के नाम दिये गये हैं जिनमे बच्चों की संख्या 50 से भी कम है. हलांकि स्कूल मर्ज करने से भी इस समस्या सा समाधान होने के हालात नहीं दिख रहे हैं. क्योंकि इन बच्चों को पढ़ने के लिए ज्यादा दूर दूसरे स्कूलों में जाना पड़ेगा, ऐसे में ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या बढ़ सकती है. बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को भी जद्दोजहद करनी पड़ेगी. वहीं बहुत से स्कूल ऐसे हैं जिनके 3 किलोमीटिर के दायरे में कोई स्कूल नहीं है, जिसके साथ इनको मर्ज किया जा सके. ऐसे में इन स्कूलों के बच्चों का क्या होगा, ये भी सवाल है.

पानीपत के इन 7 स्कूलों पर लटकी मर्ज की तलवार- 1. समालखा GGHS करहंस 30, 2. समालखा GGHS आट्‌टा 49, 3. मतलौडा GGHS शेरा 32, 4. इसराना GHS डिडवाड़ी 44, 5. इसराना GGHS अहर 39, 6. इसराना GGHS कुराना 46, 7. इसराना GHS पूठर 17.

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Last Updated : Aug 8, 2022, 3:40 PM IST
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