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लापरवाही! बुलाते रहे परिजन पर नहीं आए डॉक्टर, महिला ने रिक्शा में दिया बच्चे को जन्म - महिला ने रिक्शा में दिया बच्चे को जन्म

पानीपत सिविल अस्पताल (Panipat Civil Hospital) एक बार फिर बड़ी लापरवाही के चलते सुर्खियों में है. मामला एक महिला की डिलिवरी से जुड़ा है. दरअसल एक महिला ने अस्पताल के गेट पर ही ऑटो रिक्शा में बच्चे को जन्म दे दिया. महिला के परिजनों का आरोप है की करीब 40 मिनट तक महिला को अस्पताल में दाखिल नहीं किया और परिजनों को यहां-वहां भगाया गया. जिसके चलते महिला ने ऑटो रिक्शा में ही बच्चे को जन्म दे दिया.

Delivery of woman in auto
महिला ने रिक्शा में दिया बच्चे को जन्म
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Published : May 6, 2022, 12:18 PM IST

पानीपत: पानीपत सिविल अस्पताल (Panipat Civil Hospital) एक बार फिर बड़ी लापरवाही के चलते सुर्खियों में है. मामला एक महिला की डिलिवरी से जुड़ा है. दरअसल एक महिला ने अस्पताल के गेट पर ही ऑटो रिक्शा में बच्चे को जन्म (Delivery of woman in auto) दे दिया. अमित के परिजनों का आरोप है की करीब 40 मिनट तक महिला को अस्पताल में दाखिल नहीं किया और परिजनों को यहां-वहां भगाया गया. जिसके चलते महिला ने ऑटो रिक्शा में ही बच्चे को जन्म दे दिया.

महिला के परिजनों पहले उसे रेड क्रॉस अस्पताल ले गए थे. जहां से उन्हें पानीपत सिविल अस्पताल भेजा गया. जब परिजन महिला को लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे, तो महिला को समय पर भर्ती नहीं किया गया. जिसके चलते महिला ने ऑटो रिक्शा में ही बच्चे को जन्म दे दिया. वहीं, मीडिया के अस्पताल पहुंचते ही महिला और उसके बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया. बता दें कि महिला मूल रूप से बिहार की रहने वाली है, जो पानीपत के सिवाह गांव में रह रही है.

महिला के भतीजे अजय ने बताया कि उसकी चाची को प्रसव पीड़ा हो रही थी, जिसके बाद परिजन उन्हें ऑटो में लेकर पानीपत के रेडक्रास अस्पताल (Red Cross Hospital of Panipat) पहुंचे. लेकिन, डॉक्टरों ने उन्हें पानीपत के सिविल अस्पताल भेज दिया. जब परिजन उन्हें लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे, तो उन्होंने इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टरों से महिला को भर्ती करने की गुहार लगाई. लेकिन, डॉक्टर उन्हें यहां-वहां भगाते रहे. इसी दौरान महिला ने ऑटो रिक्शा में ही बच्चे को जन्म दे दिया.

वहीं, अस्पताल के एसएमओ अमित पोरिया ने बताया कि लोगों को अभी भी जागरूक होने की आवश्यकता है. क्योंकि कई बार परिजन प्रसव पीड़ा होने के बाद ही महिला को अस्पताल लेकर आते हैं, जो की नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे मौकों पर देर न करते हुए जल्द से जल्द महिलाओं को अस्पताल लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले में अगर अस्पताल स्टाफ की गलती हुई, तो जरूर जांच की जाएगी. बता दें कि अस्पताल की लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई बार अस्पताल के बाहर ऑटो और ई रिक्शा में डिलीवरी हो चुकी है. जहां एक ओर हरियाणा सरकार स्वास्थ्य को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है, वहीं जमीनी स्तर पर परिस्थितियां बिल्कुल इससे उलट है.

ये भी पढ़ें: पानीपत: बिजली संकट के कारण ठप होने की कगार पर है टेक्सटाइल नगरी, मजदूर कर रहे पलायन

पानीपत: पानीपत सिविल अस्पताल (Panipat Civil Hospital) एक बार फिर बड़ी लापरवाही के चलते सुर्खियों में है. मामला एक महिला की डिलिवरी से जुड़ा है. दरअसल एक महिला ने अस्पताल के गेट पर ही ऑटो रिक्शा में बच्चे को जन्म (Delivery of woman in auto) दे दिया. अमित के परिजनों का आरोप है की करीब 40 मिनट तक महिला को अस्पताल में दाखिल नहीं किया और परिजनों को यहां-वहां भगाया गया. जिसके चलते महिला ने ऑटो रिक्शा में ही बच्चे को जन्म दे दिया.

महिला के परिजनों पहले उसे रेड क्रॉस अस्पताल ले गए थे. जहां से उन्हें पानीपत सिविल अस्पताल भेजा गया. जब परिजन महिला को लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे, तो महिला को समय पर भर्ती नहीं किया गया. जिसके चलते महिला ने ऑटो रिक्शा में ही बच्चे को जन्म दे दिया. वहीं, मीडिया के अस्पताल पहुंचते ही महिला और उसके बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया. बता दें कि महिला मूल रूप से बिहार की रहने वाली है, जो पानीपत के सिवाह गांव में रह रही है.

महिला के भतीजे अजय ने बताया कि उसकी चाची को प्रसव पीड़ा हो रही थी, जिसके बाद परिजन उन्हें ऑटो में लेकर पानीपत के रेडक्रास अस्पताल (Red Cross Hospital of Panipat) पहुंचे. लेकिन, डॉक्टरों ने उन्हें पानीपत के सिविल अस्पताल भेज दिया. जब परिजन उन्हें लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे, तो उन्होंने इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टरों से महिला को भर्ती करने की गुहार लगाई. लेकिन, डॉक्टर उन्हें यहां-वहां भगाते रहे. इसी दौरान महिला ने ऑटो रिक्शा में ही बच्चे को जन्म दे दिया.

वहीं, अस्पताल के एसएमओ अमित पोरिया ने बताया कि लोगों को अभी भी जागरूक होने की आवश्यकता है. क्योंकि कई बार परिजन प्रसव पीड़ा होने के बाद ही महिला को अस्पताल लेकर आते हैं, जो की नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे मौकों पर देर न करते हुए जल्द से जल्द महिलाओं को अस्पताल लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले में अगर अस्पताल स्टाफ की गलती हुई, तो जरूर जांच की जाएगी. बता दें कि अस्पताल की लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई बार अस्पताल के बाहर ऑटो और ई रिक्शा में डिलीवरी हो चुकी है. जहां एक ओर हरियाणा सरकार स्वास्थ्य को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है, वहीं जमीनी स्तर पर परिस्थितियां बिल्कुल इससे उलट है.

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