पानीपत: शहर के शिवाजी स्टेडियम में चल रहे खेलो हरियाणा (Khelo Hayrana) के तहत ट्रायल में खिलाड़ियों ने अधिकारियों पर भेदभाव का आरोप लगाया है. जिसके चलते उन खिलाड़ियों के परिजन गुरुवार को पानीपत के लघु सचिवालय में उपायुक्त से शिकायत करने पहुंचे. इस मामले में बॉक्सिंग के दाे खिलाड़ियाें (Boxing players) ने कहा कि 16 और 17 अगस्त काे मैच जीतने के बाद भी उन्हें बाहर कर दिया गया.
पूठर गांव की रहने वाली रेणू की मां प्रवीन देवी ने बताया कि रेणू 2019 में खेलाे हरियाणा में 50-52 किलाेग्राम भारवर्ग में ब्राॅन्ज मेडल जीत चुकी है और नेशनल चैंपियन भी है. लेकिन पिछले कई सालाें से उसके साथ पक्षपात किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 16 और 17 अगस्त को हुए ट्रायल के दौरान भी ऐसा ही हुआ है. उन्होंने कहा कि इस मामले की शिकायत करने के लिए हम डीसी के पास भी गए थे लेकिन उस समय हमारी मुलाकात नहीं हो पाई है. पूरा दिन स्टेडियम में बैठै रहने के बाद शाम 5 बजे मिलने का समय मिला. लेकिन अभी तक उन्हें न्याय नहीं मिला है. इसलिए हम आज फिर अपनी शिकायत लेकर पहुंचे हैं.
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वहीं बॉक्सिंग खिलाड़ी माेहित ने बताया कि उसका 44 से 46 किलाेग्राम में ट्रायल हुआ था. पहले ही राउंड में उसने अपने प्रतिद्वंद्वी काे हरा दिया. फिर दाेबारा फाइट हुई तो तब भी उसने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन चयनकर्ताओं ने उसे बाहर कर दिया. मोहित ने चुनौती देते हुए कहा कि मेरा किसी भी खिलाड़ी से मैच करवादाे, अगर मैं हार गया ताे खुद बाहर चला जाउंगा, लेकिन एक खिलाड़ी के साथ भेदभाव नहीं हाेना चाहिए. बाॅक्सिंग खिलाड़ी रेणू ने बताया कि वो 50 से 52 किलाेग्राम भारवर्ग में खेलती हैं. नेशनल चैंपियन है और 2019 के खेलाे हरियाणा में ब्राॅन्ज मेडल जीत चुकी हैं. खेलाे इंडिया (Khelo India) में भी खेल चुकी है लेकिन डिस्ट्रिक लेवल पर मेरे साथ हमेशा भेदभाव हुआ है.
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वहीं काेच सुरेंद्र ने कहा कि ट्रायल के दाैरान वो मैच रेफरी थे. वो न ताे रिंग से नीचे उतरे और न ही किसी से बहस की जिसका वीडियाे भी उनके पास है. बुधवार काे काेच सुनील और उनकी टीम ने खिलाड़ियाें के परिजनाें को धक्के मारकर नीचे गिरा दिया और उनके साथ बदसलूकी की. उन्होंने कहा कि हमारे खिलाड़ियाें को न्याय दिया जाए और उनके साथ भेदभाव न किया जाए.