ETV Bharat / city

खरखौदा शराब घोटाले की सीबीआई जांच हो- AAP - आप प्रवक्ता विमल किशोर शराब घोटाला

आम आदमी पार्टी की ओर से खरखौदा शराब घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की गई है. आप के प्रदेश प्रवक्ता विमल किशोर ने राजनेताओं और उच्च आधिकारियों के इस घोटाले में संलिप्त होने की आशंका जताते हुए सीबीआई जांच की मांग की है.

aap haryana
aap logo
author img

By

Published : May 31, 2020, 5:22 PM IST

सोनीपत: लॉकडाउन के दौरान खरखौदा में हुआ शराब घोटाला राज्य सरकार के लिए जी का जंजाल बना हुआ है. हर रोज विपक्षी नेताओं की ओर से इस शराब घोटाले को लेकर राज्य सरकार और अधिकारियों पर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं. इस घोटाले की जांच को लेकर भी विपक्ष लगातार सवाल उठाता रहा है. अब आम आदमी पार्टी की ओर से इस बहुचर्चित घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की गई है.

'शराब घोटाले में कई बड़े लोग हैं शामिल'

आप के प्रदेश प्रवक्ता विमल किशोर ने घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग करते हुए कहा कि इस घोटाले से राजनेताओं, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के गहरे संबंध हैं. ये सभी आपस में मिले हुए हैं. आम आदमी पार्टी चाहती है कि इस तरह के गठजोड़ को समाप्त किया जाए ताकि ईमानदार अधिकारी ईमानदारी से काम कर सके और आम आदमी को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल सके, इसलिए इस घोटाले की जांच सीबीआई से करवानी चाहिए.

आरोपी भूपेंद्र 2015 में आप प्रवक्ता पर कर चुका है हमला

आप प्रवक्ता ने इस घोटाले में पकड़े गए आरोपी भूपेंद्र से जुड़े एक मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 21 मार्च 2015 को स्पेशल स्टाफ में तैनात एएसआई सिकन्दर ने एक सट्टेबाज को रंगे हाथ पकड़ा था, लेकिन बाद में रिश्वत लेकर कर इन्हें छोड़ दिया था. इस पूरे प्रकरण की फोन रिकार्डिंग उनके संगठन के पास पहुंची और उन्होंने सारे मामले को उजागर करते हुए तत्कालीन पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की शिकायत की थी.

ये भी पढ़ें- टैक्सटाइल इंडस्ट्री पर लॉकडाउन की मार, ज्यादातर फैक्ट्रियां बंद होने की कगार पर

उन्होंने कहा कि इसके बाद 26 मार्च को एक एएसआई व एक हवलदार को सस्पेंड कर दिया गया था. इस मामले को लेकर 27 मार्च 2015 को शराब माफिया भूपेन्द्र अपने दो साथियों के साथ हमारे कार्यालय पहुंचा था और इस मामले में पीछे हटने को था. बाद में इस मामले को लेकर आप प्रवक्ता को जान से मारने की कोशिश भी गई थी.

'मंत्रियों से रहे हैं शराब माफिया भूपेंद्र के संबंध'

आप प्रवक्ता ने कहा कि तत्कालीन मंत्री के पति ने भी इस मामले को रफा-दफा करने के लिए उन पर दबाव डाला था और उनका मानसिक उत्पीड़न भी किया था. ये परिस्थितियां बता रही हैं कि शराब माफिया भूपेंद्र के किस कदर उच्च अधिकारियों और राजनेताओं से गहरे संबंध रहे हैं. इस शराब घोटाले में भी उच्च पदों पर बैठे कई लोग शामिल हैं इसलिए आम आदमी पार्टी इस घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग कर रही है.

बता दें कि, लॉकडाउन के दौरान सोनीपत जिले के खरखौदा स्थित एक गोदाम में बड़ा शराब घोटाला सामने आया था. इस घोटाले को लेकर शराब तस्कर भूपेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया था. भूपेंद्र सिंह वह विवादित व्यक्ति है, जिसके गोदाम में पुलिस द्वारा जब्त की गई तथा आबकारी विभाग के द्वारा रखी गई शराब को लॉकडाउन के दौरान बेच दिया गया था. इस मामले की जांच को लेकर हरियाणा सरकार ने एसआईटी का गठन किया था, जिस पर विपक्ष कई बार सवाल उठाते हुए सरकार को घेर चुका है.

ये भी पढ़ें- पानीपत में विदेश भेजने के नाम पर 18 लाख की ठगी

सोनीपत: लॉकडाउन के दौरान खरखौदा में हुआ शराब घोटाला राज्य सरकार के लिए जी का जंजाल बना हुआ है. हर रोज विपक्षी नेताओं की ओर से इस शराब घोटाले को लेकर राज्य सरकार और अधिकारियों पर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं. इस घोटाले की जांच को लेकर भी विपक्ष लगातार सवाल उठाता रहा है. अब आम आदमी पार्टी की ओर से इस बहुचर्चित घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की गई है.

'शराब घोटाले में कई बड़े लोग हैं शामिल'

आप के प्रदेश प्रवक्ता विमल किशोर ने घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग करते हुए कहा कि इस घोटाले से राजनेताओं, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के गहरे संबंध हैं. ये सभी आपस में मिले हुए हैं. आम आदमी पार्टी चाहती है कि इस तरह के गठजोड़ को समाप्त किया जाए ताकि ईमानदार अधिकारी ईमानदारी से काम कर सके और आम आदमी को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल सके, इसलिए इस घोटाले की जांच सीबीआई से करवानी चाहिए.

आरोपी भूपेंद्र 2015 में आप प्रवक्ता पर कर चुका है हमला

आप प्रवक्ता ने इस घोटाले में पकड़े गए आरोपी भूपेंद्र से जुड़े एक मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 21 मार्च 2015 को स्पेशल स्टाफ में तैनात एएसआई सिकन्दर ने एक सट्टेबाज को रंगे हाथ पकड़ा था, लेकिन बाद में रिश्वत लेकर कर इन्हें छोड़ दिया था. इस पूरे प्रकरण की फोन रिकार्डिंग उनके संगठन के पास पहुंची और उन्होंने सारे मामले को उजागर करते हुए तत्कालीन पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की शिकायत की थी.

ये भी पढ़ें- टैक्सटाइल इंडस्ट्री पर लॉकडाउन की मार, ज्यादातर फैक्ट्रियां बंद होने की कगार पर

उन्होंने कहा कि इसके बाद 26 मार्च को एक एएसआई व एक हवलदार को सस्पेंड कर दिया गया था. इस मामले को लेकर 27 मार्च 2015 को शराब माफिया भूपेन्द्र अपने दो साथियों के साथ हमारे कार्यालय पहुंचा था और इस मामले में पीछे हटने को था. बाद में इस मामले को लेकर आप प्रवक्ता को जान से मारने की कोशिश भी गई थी.

'मंत्रियों से रहे हैं शराब माफिया भूपेंद्र के संबंध'

आप प्रवक्ता ने कहा कि तत्कालीन मंत्री के पति ने भी इस मामले को रफा-दफा करने के लिए उन पर दबाव डाला था और उनका मानसिक उत्पीड़न भी किया था. ये परिस्थितियां बता रही हैं कि शराब माफिया भूपेंद्र के किस कदर उच्च अधिकारियों और राजनेताओं से गहरे संबंध रहे हैं. इस शराब घोटाले में भी उच्च पदों पर बैठे कई लोग शामिल हैं इसलिए आम आदमी पार्टी इस घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग कर रही है.

बता दें कि, लॉकडाउन के दौरान सोनीपत जिले के खरखौदा स्थित एक गोदाम में बड़ा शराब घोटाला सामने आया था. इस घोटाले को लेकर शराब तस्कर भूपेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया था. भूपेंद्र सिंह वह विवादित व्यक्ति है, जिसके गोदाम में पुलिस द्वारा जब्त की गई तथा आबकारी विभाग के द्वारा रखी गई शराब को लॉकडाउन के दौरान बेच दिया गया था. इस मामले की जांच को लेकर हरियाणा सरकार ने एसआईटी का गठन किया था, जिस पर विपक्ष कई बार सवाल उठाते हुए सरकार को घेर चुका है.

ये भी पढ़ें- पानीपत में विदेश भेजने के नाम पर 18 लाख की ठगी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.