पंचकूला: डीसीपी मोहित हांडा ने कोविड-19 के सम्बन्ध में होने वाले ऑनलाइन फ्रॉड को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है. जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि देश में कोरोना सकंट जारी है, लेकिन इसी के साथ कई साइबर ठग इसका फायदा उठा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के सम्बन्ध में आवश्यक चिकित्सा वस्तुएं जैसे कि ऑक्सीजन सिलेंडर, अस्पताल में बेड इत्यादि के बारे में मदद लेने के लिए लोग सोशल मीडिया पर सहायता के लिए पोस्ट कर देते हैं, लेकिन साइबर अपराधी इस स्थिति का फायदा उठाकर लोगों को आर्थिक रूप से ठग रहे हैं.
कैसे करते हैं फ्रॉड ?
- सोशल मीडिया पर पीड़ितों के द्वारा जो कोविड-19 के सम्बन्ध में ऑक्सीजन की आपूर्ति या बेड सहायता के लिए पोस्ट की गई उसके बाद पीड़ितों के हैश टैग पर साइबर अपराधी निगरानी करके आपके द्वारा दी गई जानकारी जैस कि फोन नम्बर पर आपको काल करते हैं. फिर अलग-अलग नम्बरों से फोन करके लोगों को ऑक्सीजन व बेड इत्यादि उपलब्ध करवाने का दावा करते हैं.
- पीड़ित का विश्वास हासिल करने के लिए, जालसाज फर्जी एजेंसी विवरण, कार्ड और बैक अकाउंट विवरण भेजते हैं और पीड़ित को पूरी राशि का भुगतान करने या पंजीकरण के लिए टोकन मनी जमा करने के लिए कहते हैं. फिर पैसे प्राप्त करने के बाद या तो फोन उठाना बन्द कर देतें है या फोन बंद कर देते हैं. इस प्रकार के आनलाइन अपराधों से सावधान रहें.
इस तरह बरतें सावधानी
- किसी भी चिकित्सा आपूर्ति के लिए किसी अज्ञात व्यक्ति को अग्रिम भुगतान करने से पहले सतर्क रहें. मदद मांगते समय अपना फोन नंबर या सोशल मीडिया पोस्ट सार्वजनिक करने से बचें क्योंकि इसका दुरुपयोग हो सकता है.
- अगर आपके साथ इस प्रकार की कोई धोखाधड़ी हो जाती है तो नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करवाएं.
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