पंचकूला: हरियाणा के वन एंव शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर बुधवार को पंचकूला के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में जिला स्तरीय बैठक लेने पहुंचे. जहां उन्होंने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि वन विभाग का एक साल में 1 करोड़ 25 लाख पेड़ लगाने का टारगेट था.साथ ही पंचायत की जमीन पर 5 साल के लिए बाग लगाने और उसकी देखभाल करने का वन विभाग का टारगेट था. कंवरपाल ने कहा कि पिछले एक साल की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई गई थी और करीब 80 प्रतिशत से ज्यादा टारगेट वन विभाग ने हासिल किया है.
वन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने बताया कि बाग लगाने की स्कीम को पिछले साल शुरू किया गया था. जिसके लिए यमुनानगर, अंबाला, पानीपत में बाग लगाने के लिए जमीन मिली है. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में दूसरे जिलों में भी बाग लगाने की जमीन मिलेगी. उन्होंने कहा कि बाग लगाने से जहां समाज, पर्यावरण का फायदा होगा तो इसके साथ- साथ पंचायत को भारी लाभ होगा. साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
अभिभावकों और बच्चों की मर्जी के बाद स्कूल खोले गए - शिक्षा मंत्री
वहीं इस दौरान जब गुर्जर से पूछा गया कि हरियाणा में स्कूल खोले जाने के बाद टीचर और बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए है. इसका जबाब देते हुए कंवरपाल गुज्जर ने कहा कि लंबे समय से स्कूल बंद थे. अभिभावकों और बच्चों की मर्जी के बाद स्कूल खोले गए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के तहत पूरे देश में स्कूल खोले गए हैं. गुर्जर ने कहा कि कहीं- कहीं कुछ घटनाएं घट ही जाती हैं. लेकिन सरकार कोरोना को लेकर जागरूक है.
कोरोना की वजह से पूरे सिस्टम को बंद नहीं किया जा सकता - शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री ने कहा कि जब उन्हें मालूम हुआ कि रेवाड़ी के स्कूलों में बच्चे और टीचर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं तो उन स्कूलों को 2 सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है. कंवरपाल ने कहा कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर चौकसी को बढ़ा दी गई है और एहतियात बरतने के सख्त निर्देश दे दिए गए हैं. ताकि खतरा और ना बढ़े. कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि कोरोना की वजह से सारे सिस्टम को बंद नहीं किया जा सकता. हालांकि सरकार ने ऑनलाइन एजुकेशन बच्चों को दी है. जो कि अच्छी रही है.
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कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर जिन 4, 5 राज्यों के परिणाम अच्छे रहे. उनमें से एक हरियाणा राज्य भी है. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों को उतना ज्ञान नहीं मिल पाता है. जितना बच्चा स्कूल में जाकर ले पाता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई मजबूरी है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि ऑनलाइन पढ़ाई को बंद कर दिया जाएगा.