पंचकूला: करनाल जिले के गांव कंबोपुरा के पूर्व सरपंच कर्मसिंह द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में शुक्रवार को पंचकूला स्थित हरियाणा की विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई में आरोपी और पूर्व सीपीएस जिले राम शर्मा, आरोपी और पूर्व परिवहन मंत्री ओपी जैन, ओपी जैन का पीए आरोपी राजेंद्र कोर्ट में पेश हुए. सुनवाई में दो गवाहों के बयान हुए दर्ज.
वकील ने बताया कि सुनवाई के लिए 3 गवाहों को समन भेजे गए थे, जिसमें से आज केवल दो गवाह ही कोर्ट में हाजिर हुए और दोनों गवाहों के बयान दर्ज हुए. वकील ने बताया कि जिन दो गवाहों के बयान दर्ज हुए उनमें से एक का नाम सतवीर और दूसरे का नाम महावीर है. वकील ने बताया कि जिस तीसरे गवाह के आज बयान दर्ज होने थे उसका नाम सुरेंद्र कुमार बोरिया है. आपको बता दें कि मामले की अगली सुनवाई अब 17 जनवरी को होगी और देखना यह रहेगा कि 17 जनवरी को कितने गवाहों के बयान दर्ज होते हैं.
क्या है कम्बोपुरा सरपंच आत्महत्या मामला?
6 जून 2011 को कंबोपुरा के पूर्व सरपंच कर्म सिंह ने पानीपत के एसपी को शिकायत दी थी. शिकायत में कहा गया था कि तत्कालीन विधायक ओमप्रकाश जैन और राजेंद्र शर्मा ने उनके पुत्र की नौकरी लगवाने के लिए उनसे तीन लाख रुपये लिए थे. जिसके बाद जब नौकरी नहीं लगी तो उन्होंने पैसे वापस मांगे, लेकिन ओपी जैन ने उन्हें मना कर दिया.
इसके बाद पूर्व सरपंच ने इस बात की शिकायत पुलिस को दी. जिसके बाद ही करम सिंह ने आत्महत्या कर ली थी. आत्महत्या उकसाने का आरोप विधायक ओपी जैन और राजेंद्र शर्मा पर लगा था. इसके बाद ये मामला हाई कोर्ट पहुंचा और हाईकोर्ट ने इसे विशेष सीबीआई अदालत को दे दिया.
जब हरियाणा पुलिस ने आरोपी को दी थी क्लिन चिट हरियाणा पुलिस द्वारा जैन और राम शर्मा को क्लीन चिट देने के विरोध में सीबीआई जांच की मांग को लेकर कर्म सिंह के परिजनों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने जांच के बाद चार अक्तूबर 2012 को मामला दर्ज किया गया था. जिसके बाद से यह मामला चल रहा है.
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