पंचकूला: महेंद्रगढ़ जिले के दौंगड़ा अहीर की छात्रा की नोएडा गुरुकुल में हुई संदिग्ध मौत के मामले में हरियाणा महिला आयोग ने संज्ञान लिया है. महिला आयोग ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए यूपी के सीएम को पत्र लिखा है. साथ ही इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की सिफारिश की है.
हरियाणा महिला आयोग ने पत्र में लिखा कि 3 जुलाई, 2020 को ये घटना नोएडा के सेक्टर 115 स्थित गुरुकुल में घटी, तब से अब तक आयोग के सदस्य समय-समय पर मृतका के परिवार से डोंगरा अहिर में जाकर मिलते रहे हैं. बेटी के परिवारजनों के अनुसार उनकी बेटी का बलात्कार किया गया, हत्या की गई और उसका दाह संस्कार स्कूल प्रबंधन द्वारा परिवार की अनुमति लिए बिना कर दिया गया.
माहिला आयोग ने कहा कि रिपोर्ट्स के अनुसार जिस वक्त ये घटना घटी उस वक्त 45 से ज्यादा विद्यार्थी गुरुकुल में मौजूद थे, जिसमें मृतका की छोटी बहन और स्टाफ भी शामिल हैं. मृतका की मां के मुताबिक जैसे ही उन्हें इस घटना की जानकारी मिली, वो फौरन स्कूल पहुंचे तो उनके फोन उनसे छीन लिए गए और उन्हें धमकाया गया. इसके बाद जबरन उनकी बेटी का दाह संस्कार आनन-फानन में जबरदस्ती करवा दिया गया. परिजनों ने ये भी बताया कि स्कूल वालों ने पुलिस को भी इस जघन्य अपराध के बारे में सूचित नहीं किया और उन्होंने इस बात को स्वीकार भी किया.
हरियाणा राज्य महिला आयोग ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वयं संज्ञान लिया और अपनी प्रारंभिक जांच की. महिला आयोग के पास परिवारजनों से लिखित शिकायतें भी प्राप्त हुई हैं. आयोग अभी तक 3 बार इस मामले में सुनवाई करने का प्रयास कर चुका है, लेकिन उत्तरप्रदेश पुलिस, नोएडा और ना ही गुरुकुल स्कूल मैनेजमेंट की तरफ से कोई भी अधिकारी उपस्थित हुआ. इस बात की जानकारी आयोग ने पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश को अपने दो पत्रों द्वारा दी. इस प्रकार का व्यवहार पुलिस, स्कूल मैनेजमेंट पर और उनकी जांच प्रक्रिया पर सवालिया निशान उठाता है.
ये भी पढ़िए: सुरजेवाला ने मांगा दुष्यंत से इस्तीफा, कहा- 'हरसिमरत के नाटक को दोहरा लो'
एक और अहम पहलू के बारे में भी आयोग ने पत्र में लिखा है कि आज कल महामारी के समय में जब पूरे भारत के सभी शिक्षण संस्थान, स्कूल और विश्वविद्यालय बंद हैं तो वो स्कूल किस प्रकार खुला हुआ था? संचालन हो रहा था, पढ़ाई हो रही थी और उसमें विद्यार्थी छात्रावास में रह रहे थे. छात्राओं के जीवन की परवाह न करते हुए और सरकार के आदेशों का भी उल्लंघन करते हुए किस प्रकार से ये स्कूल संचालित था, इस पर भी गहन जांच की जानी चाहिए.
आयोग की ओर से दी गई तीन सिफारिशें
- मामले की गंभीरता को देखते हुए और क्योंकि ये मामला 2 राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश के क्षेत्र अधिकारों में आता है, इसलिए सिफारिश की जाती है कि आप पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश को निर्देश दें कि आयोग के सम्मुख संबंधित विद्यालय और पुलिस अधिकारी उपस्थित हों.
- आयोग ने ये भी लिखा कि इस मामले को दोबारा से निष्पक्ष रुप से एक विशेष जांच दल (SIT) जिसमें हरियाणा राज्य और उत्तर प्रदेश राज्य के दोनों ही राज्यों के पुलिस अधिकारियों की टीम बनें, ताकि मृतका बेटी और हरियाणा की बेटी को देर से सही पर न्याय मिल सकें.
- मुख्यमंत्री इस मामले से संबंधित और अन्य कोई आदेश भी दें.