पंचकूला: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लाॅकडाउन के चलते हर कोई किसी न किसी रूप से जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए अपने हाथ आगे बढ़ा रहा है. सरकारी कर्मचारी वेतन दान देने के साथ-साथ दूसरे कार्यों में भी मदद देकर कोरोना की जंग में सहयोगी बन रहे हैं. इसी कड़ी में महिला एवं बाल विकास विभाग का नाम भी सामने आ रहा है.
विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शेल्टर होम में रहने वाली महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य जांच में बड़ा ही सक्रिय योगदान दिया. इसके अलावा अपने स्तर पर ही जब से सरकार की ओर से मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है तब से कपड़े के मास्क बनाकर निशुल्क देने का कार्य शुरू कर दिया.
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अधिकांश कार्यकर्ता अपने स्तर पर मास्क बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरी क्षेत्रों में बांटने का कार्य कर रही हैं. इसके साथ विभाग ने स्वास्थ्य विभाग से कपड़ा लेकर भी 21,000 मास्क बनाने का कार्य अपने स्तर पर किया है.
जिला कार्यक्रम अधिकारी आरू वशिष्ठ का कहना है कि उन्होंने पिंजौर खण्ड में अपने स्तर पर 14,000 से अधिक मास्क बनाकर लोगों को उपलब्ध करवाए हैं. इसके अलावा जिला प्रशासन को मास्क बनाने का आश्वासन देकर उन्होंने जिले के हर खण्ड में 500-500 मास्क बनाने का बीड़ा उठाया है.
पंचकूला खण्ड में विभागीय महिलाओं के सहयोग से यह संख्या 800-900 तक पहुंच गई है. इस कार्य में जिले की लगभग 253 आंगनबाडी कार्यकर्ता निरंतर लगी हुई हैं और अब तक 30 हजार से अधिक मास्क बनाकर प्रदान किए गए हैं. प्रत्येक केन्द्र को पूरी तरह से सैनिटाइज करके ही मास्क बनाने का कार्य किया जा रहा है और सोशल डिस्टेंसिंग का भी अच्छे ढंग से पालन किया जा रहा है.
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