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कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटीः छात्रों के लिए बढ़ती फीस और छात्रसंघ चुनाव सबसे बड़े मुद्दे

सुनिए नेता जी के इस एपिसोड में हमारी टीम कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पहुंची और युवाओं से जाना कि 5 साल में सरकार ने उनके लिए क्या किया.

suniye neta ji
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Published : Sep 2, 2019, 8:03 AM IST

कुरुक्षेत्रः सुनिए नेता जी कार्यक्रम के तहत ईटीवी भारत की टीम कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पहुंची. यहां हमारी टीम ने छात्रों से कई अलग-अलग मुद्दों पर बात की. छात्रों से उनकी परेशानियों को जाना और समझा कि आखिर आज का युवा सरकारों से क्या अपेक्षा रखता है और क्या मौजूदा सरकार उनकी अपेक्षाओं पर खरी उतर पाई है.

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से सुनिए नेता जी स्पेशल

फीस बढ़ोत्तरी सबसे बड़ी समस्या
यूनिवर्सिटी में छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानी लगातार बढ़ती फीस से है उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी लगातार सेल्फ फाइनेंस कोर्स के नाम पर छात्रों से पैसे वसूल रही है. हर कोर्स की फीस लगातार बढ़ाई जा रही है. छात्रों ने आगे कहा कि ऐसे ही चलता रहा तो गरीबों के बच्चे इस यूनिवर्सिटी में कभी नहीं पढ़ पाएंगे.

फीस बढ़ोत्तरी का विरोध करने पर बाहर का रास्ता
छात्रों का कहना है कि कोई छात्र संगठन या छात्र अगर फीस बढ़ोत्तरी का विरोध करता है तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है. उन्होंने आगे कहा कि पिछली बार जिन छात्र-छात्राओं ने फीस बढ़ोत्तरी का विरोध किया था उन्हें इस बार हॉस्टल नहीं दिया गया है. यूनिवर्सिटी प्रशासन इस मामले में तानाशाही रवैया अपना रहा है.

अप्रत्यक्ष छात्रसंघ चुनाव से भी छात्र नाराज
फीस बढ़ोत्तरी के अलावा सबसे ज्यादा परेशानी छात्रों को छात्रसंघ चुनावों को लेकर थी. छात्रों की शिकायत थी कि बीजेपी ने सरकार में आने से पहले प्रत्यक्ष रूप से छात्रसंघ चुनाव कराने का वादा किया था. लेकिन सरकार बनने के बाद अपना मेनिफेस्टो का वादा सरकार भूल गई और अप्रत्यक्ष रूप से छात्रसंघ चुनाव कराए गए. छात्रों ने कहा कि सरकार ने इस तरीके से सब जगह अपने लोग सेट किए हैं.

कुरुक्षेत्रः सुनिए नेता जी कार्यक्रम के तहत ईटीवी भारत की टीम कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पहुंची. यहां हमारी टीम ने छात्रों से कई अलग-अलग मुद्दों पर बात की. छात्रों से उनकी परेशानियों को जाना और समझा कि आखिर आज का युवा सरकारों से क्या अपेक्षा रखता है और क्या मौजूदा सरकार उनकी अपेक्षाओं पर खरी उतर पाई है.

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से सुनिए नेता जी स्पेशल

फीस बढ़ोत्तरी सबसे बड़ी समस्या
यूनिवर्सिटी में छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानी लगातार बढ़ती फीस से है उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी लगातार सेल्फ फाइनेंस कोर्स के नाम पर छात्रों से पैसे वसूल रही है. हर कोर्स की फीस लगातार बढ़ाई जा रही है. छात्रों ने आगे कहा कि ऐसे ही चलता रहा तो गरीबों के बच्चे इस यूनिवर्सिटी में कभी नहीं पढ़ पाएंगे.

फीस बढ़ोत्तरी का विरोध करने पर बाहर का रास्ता
छात्रों का कहना है कि कोई छात्र संगठन या छात्र अगर फीस बढ़ोत्तरी का विरोध करता है तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है. उन्होंने आगे कहा कि पिछली बार जिन छात्र-छात्राओं ने फीस बढ़ोत्तरी का विरोध किया था उन्हें इस बार हॉस्टल नहीं दिया गया है. यूनिवर्सिटी प्रशासन इस मामले में तानाशाही रवैया अपना रहा है.

अप्रत्यक्ष छात्रसंघ चुनाव से भी छात्र नाराज
फीस बढ़ोत्तरी के अलावा सबसे ज्यादा परेशानी छात्रों को छात्रसंघ चुनावों को लेकर थी. छात्रों की शिकायत थी कि बीजेपी ने सरकार में आने से पहले प्रत्यक्ष रूप से छात्रसंघ चुनाव कराने का वादा किया था. लेकिन सरकार बनने के बाद अपना मेनिफेस्टो का वादा सरकार भूल गई और अप्रत्यक्ष रूप से छात्रसंघ चुनाव कराए गए. छात्रों ने कहा कि सरकार ने इस तरीके से सब जगह अपने लोग सेट किए हैं.

Intro:हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक आ चुके हैं और जनता का मूड जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम लोगों के बीच पहुंचकर मौजूदा सरकार के कार्यकाल मैं हुए विकास कार्यों का लेखा-जोखा जानने के लिए कार्यक्रम सुनिए नेताजी के तहत हर विधानसभा का दौरा कर रही है
इस बार हमारी टीम ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में छात्र-छात्राओं से जाने की कोशिश की कि छात्र हित में सरकार द्वारा कराए गए कार्य से वह संतुष्ट है या नहीं।
यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं ने कहा बीजेपी पार्टी ने चुनाव के समय में अपने मेनिफेस्टो में जो वादे किए थे उन वादों पर ना तो यह सरकार खरा उतर पाई और ना ही छात्र हित के लिए कोई कार्य कर पाई शिक्षा का स्तर बढ़ाने की बात की गई थी पर शिक्षा के स्तर में कुछ भी बढ़ोतरी नहीं हुई है छात्र संघ चुनाव की बहाली का वादा भी इनके के घोषणापत्र में था छात्र संघ चुनाव बाल तो हुए पर प्रत्यक्ष रूप से नहीं हुए जिनमें सरकार को मनमानी कर अपने ही छात्रसंघ एबीवीपी के छात्रों को अप्रत्यक्ष रूप से चुन लिया गया यह सरकार का एक तानाशाही रवैया है जब निगम चुनाव विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव प्रत्यक्ष रूप से हो रहे हैं तो छात्र संघ चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से क्यों कराए जाते हैं
रही शिक्षा की बात तो देश में युवा शक्ति के लिए सबसे बड़ी है शिक्षा और रोजगार यह सरकार ना तो रोजगार देने में सक्षम हुई है और ना ही शिक्षा का स्तर ऊंचा कर पाई है छात्रों का कहना है कि लगातार हो रही फीस वृद्धि को लेकर गरीब वह किसान के बच्चे यहां ऐडमिशन नहीं ले पा रहे मेरिट लिस्ट में नाम आने के बावजूद भी फीस देखकर वे वापस लौट जा रहे है सरकार का नारा है पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया तो इतनी फीस वृद्धि को लेकर कैसे पड़ेगा इंडिया और कैसे आगे बढ़ेगा।

और रही बात में पढ़ रहे छात्र छात्राओं की सुरक्षा की तो छात्रों का कहना है कि दिनदहाड़े यूनिवर्सिटी में मर्डर जैसी वारदात को अंत अंजाम दे दिया जाता है और प्रशासन इस इस बारे में हाथ पर हाथ रख कर बैठा रहता है।


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