कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के थानेसर अनाजमंडी में बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में पंचनद स्मारक ट्रस्ट के प्रदेशाध्यक्ष और विधायक सुभाष सुधा मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे. विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि धर्मक्षेत्र कहे जाने वाले कुरुक्षेत्र की जमीन पर विश्व का पहला पंजाबी धाम (World first Punjabi Dham in Kurukshetra) बनेगा.
विधायक सुभाष ने बताया कि इस पंजाबी धाम में भारत-पाक बंटवारे के दृश्य देखने को मिलेंगे. उन्होंने कहा कि तमाम विषयों को लेकर कुरुक्षेत्र की जमीन पर हिन्दुस्तान पाकिस्तान का विभाजन (Partition of Hindustan Pakistan) के समय करीब 10 लाख लोगों की शहादत की याद में बनने वाला स्मारक भी एक दर्शनी स्थल बनेगा.
कार्यक्रम के दौरान विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि 14 अगस्त के विभाजन विभिषिका दिवस (Partition Horrors Remembrance Day) का निमंत्रण देने के लिए पूरे हरियाणा, पंजाब और आस-पास के राज्यों में जाकर निमंत्रण दिया गया है. इस कार्यक्रम में भारी संख्या में लोगों के पहुंचने की संभावना है.
14 अगस्त को विभाजन विभीषिका दिवस मनाने की घोषणा : उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के लाल किले से 14 अगस्त के दिन को विभाजन विभीषिका दिवस (Partition Horrors Remembrance Day) के रूप में मनाने की घोषणा की थी. इस घोषणा के मुताबिक ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से 14 अगस्त 2022 को पंचनद स्मारक ट्रस्ट की तरफ से विभाजन विभीषिका दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन थानेसर अनाजमंडी में किया जा रहा है. कार्यक्रम के मुख्यातिथि के तौर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि खास बात यह है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद अपनी पुश्तैनी जमीन बेचकर 1 एकड़ जमीन कुरुक्षेत्र मसाना में पंचनद स्मारक ट्रस्ट को भेंट की है.
विभाजन पर बनाई गई डाक्यूमेंट्री फिल्म : विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि विभाजन विभीषिका दिवस (Partition Horrors Remembrance Day) पर विभाजन को लेकर बनाई गई डाक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई जाएगी. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान के विभाजन के समय में अनुमान लगाया कि पंजाबी समुदाय के साथ-साथ अन्य समाज के करीब 10 लाख लोग शहीद हुए थे. इन लोगों के बलिदान को पंजाबी समुदाय कभी भुला नहीं पाया है और ना ही इनकी स्मृति में देश में कहीं भी स्मारक ही बनाया गया.
मसाना गांव में बनेगा शहीद स्मारक: इस स्मारक के निर्माण कार्य को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पंचनद स्मारक ट्रस्ट से स्वामी धर्मदेव जी महाराज की अगुवाई में रूपरेखा तैयार की गई और वर्ष 2015 में शहीदी स्मारक बनाने की योजना को अमलीजामा पहनाने का काम किया गया. इसी दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी पुश्तैनी जमीन बेचकर 1 एकड़ गांव मसाना में (Martyr Memorial in Masana village) खरीद कर दी. अब मसाना गांव में शहीद स्मारक बनाने के लिए करीब 25 एकड़ जमीन उपलब्ध है. ये सारी जमीन सरकार को दी गई है और सरकार की तरफ से इस प्रोजेक्ट पर करीब 200 करोड़ रुपए का बजट खर्च किया जाएगा.