कुरुक्षेत्र: लैंगिक बाधाओं को तोड़ते हुए अब अधिक से अधिक युवा महिलाएं विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आगे आ रही हैं. पीजी कोर्सेज और अन्य उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है.
हरियाणा के विश्वविद्यालयों में पीजी कोर्सेज में महिला छात्रों की बढ़ती संख्या को लेकर जब जानकारों से बात की गई तो अनेक तथ्य निकलकर सामने आए जिनके आधार पर ये अनुमान लगाया गया के पिछले 5 सालों में महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले पीजी कोर्सेज में क्यों बढ़ी है.
विशेषज्ञ और शिक्षाविद डॉ. अशोक शर्मा ने बताया कि महिला विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के प्रति काफी सजग और सचेत हैं. इसलिए वह हर जगह पर अपनी योग्यता को साबित कर रही हैं, और दूसरी तरफ सरकार के द्वारा महिला विद्यार्थियों को जिस तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं उन सुविधाओं से भी महिलाओं का रुझान बढ़ा है.
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अगर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की बात करें तो यहां पर महिला और पुरुष विद्यार्थियों का औसत है 60 और 40 प्रतिशत का. यहां महिला विद्यार्थी 60 प्रतिशत और पुरुष विद्यार्थी लगभग 40 प्रतिशत के आसपास हैं. यहां पिछले साल 157 पुरुष विद्यार्थियों ने पीजी में दाखिला लिया था और 257 महिला विद्यार्थियों ने दाखिला लिया था.
जब महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को लेकर विश्वविद्यालय का महिला हॉस्टल संभाल रही वार्डन नीलम ढांडा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पहले के मुकाबले अब विश्वविद्यालय कैंपस ज्यादा सुरक्षित है इसलिए भी महिला विद्यार्थी ज्यादा आ रही हैं. साथ ही एक बात और उन्होंने कही कि अब लोगों की सोच में बदलाव के चलते भी महिला विद्यार्थियों का रुझान पीजी कोर्सेज की तरफ बढ़ा है.
पूरी रिपोर्ट के दौरान महिला विद्यार्थियों के बढ़ने को लेकर तीन बातें निकल कर सामने आई. सबसे पहली बात ये है कि महिला विद्यार्थी पीजी कोर्सेज में मेरिट के आधार पर अपना स्थान बना रही हैं. दूसरी बात सामाजिक परिवेश का बदलना और तीसरी बात विश्वविद्यालय के अंदर महिलाओं के लिए किए जाने वाले सुरक्षा इंतजाम. ये सभी बातें पीजी कोर्सेज में महिला विद्यार्थियों के बढ़ने की अहम कड़ियां मानी गई हैं.
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