कुरुक्षेत्र: अन्नदाता कहे जाने वाले किसान को अपनी फसल को बेचने के लिए क्या कुछ नहीं करना पड़ता. कभी किसान की फसल बरसात की भेंट चढ़ जाती है तो कभी फसल का उचित दाम नहीं मिल पाता. एक तरफ हरियाणा सरकार खुद को किसानों का हितैषी बताती है तो वहीं दूसरी ओर किसानों की फसल खरीदने में आनाकानी करती है. जिसको लेकर किसानों को लगातार आंदोलन करने पड़ते हैं.
शाहबाद में महापंचायत के बाद किसानों का धरना
इसी कड़ी में गुरुवार को शाहबाद अनाज मंडी में एक बार फिर से भारतीय किसान यूनियन ने महापंचायत की. जिसमें पूरे जिले के किसान इक्कठा हुए. पंचायत के बाद किसानों ने सूरजमुखी की खरीद के लिए पोर्टल खोलने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सड़कों पर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने मंडी से चलकर शाहबाद पुलिस थाने का घेराव भी किया. इस बीच पुलिस के साथ किसानों की धक्कामुक्की भी हुई.
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि किसान को लगातार अपनी मांगों को मनवाने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ता है, लेकिन सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती. उन्होंने बताया कि कई मांगों को प्रशासन के समक्ष रखा गया है. जिसमें प्रशासन से पोर्टल खोलने, जिन किसानों का पोर्टल पर नाम गलत लिखा हुआ है और जिनका पंजीकरण अभी तक नहीं हुआ है उनका पंजीकरण जल्द करने और पूरे हरियाणा में सूरजमुखी की सफल बिके, ये सब मांगें शामिल हैं.
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उन्होंने साफ तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक किसानों की सभी मांगें मानी नहीं जाती तब तक किसान यहां से नहीं उठेंगे. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पुलिस उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है, लेकिन जब तक उनकी मांगों को मान नहीं लिया जाता तब तक किसान थाने का घेराव जारी रखेंगे.