करनालः समाज के बदलते तौर तरीकों और मॉडर्न होते लोगों के रहन सहन में काफी बदलाव आ गया है. आज के दौर में पालतू जानवर रखना सिर्फ एक प्यार की निशानी या जानवरों से लगाव नहीं है. बल्कि ये सोसायटी में एक सिंबल के तौर पर भी देखा जाता है.
खासकर शहरों में पालतू जानवर रखने का चलन अब काफी बढ़ गया है. लेकिन पालतू जानवरों को रखना इतना आसान भी नहीं है, ये ठीक उसी तरह है जैसे आप अपनी फैमिली बढ़ाने का फैसला करते हैं. पालतू जानवरों के रूप में डॉग पालने वाले करनाल के अजय का मानना है कि जिस तरीके से हम इंसानों की केयर करते हैं वैसे ही कुत्तों की भी करनी चाहिए.
करनाल में पालतू जानवरों की ग्रूमिंग के लिए कोई जगह नहीं
अजय ने कहा कि मैंने घर पर दो डॉग रखे हुए हैं. जो जर्मन शेफर्ड नस्ल के हैं और जब मैं छोटा था तब से ही कुत्ते पालने का शौक हमारे परिवार वाले रखते हैं. लेकिन पहले साधारण स्ट्रीट डॉग ही पालते थे. अगर ग्रूमिंग की बात करें तो वैसे शहर में कहीं भी डॉग की ग्रूमिंग नहीं की जाती लेकिन जहां से हमने दो खरीदा था वहां साधारण सी ग्रूमिंग करते हैं जो 500 से लेकर 700 रुपये प्रति डॉग लेते हैं.
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लोगों में बढ़ रहा पालतू जानवर रखने का शौक
हरियाणा के शहरों में पालतू जानवर रखने का चलन अब काफी बढ़ गया है. ज्य़ादातर लोग डॉग पालना पसंद करते हैं. इसकी कई वजहें हो सकती हैं शहर में रहने वाले लोगों का अकेलापन, प्यार की तलाश, या फिर कोई और भी. करनाल पशु विभाग के वेटनरी सर्जन डॉक्टर तरसेम राणा से बात की तो उन्होंने कहा कि लोगों में कुत्ते पालने का शौक पहले से ज्यादा बढ़ गया है और अब वो दौर आ गया है जब लोग लाखों रुपए के कुत्ते अपने घर पर रखते हैं. पहले कुछ 4-5 नस्ल ही भारत में होती थी लेकिन अब काफी नस्लें हैं.
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जब उनसे डॉग ग्रूमिंग की बात की गई तो उन्होंने कहा कि पालतू जानवरों की ग्रूमिंग करनाल में अभी कहीं भी नहीं की जा रही लेकिन उन्होंने ईटीवी भारत के इस डॉग ग्रूमिंग आइडिया को काफी सराहा और कहा कि हम प्रयास करेंगे कि सरकारी तंत्र में ही डॉग ग्रूमिंग के लिए उपकरण लगाए जाएं.
पालतू जानवरों की ग्रूमिंग मार्केट का हाल
करनाल जिले में वैसे तो पालतू जानवरों की प्रोपर ग्रूमिंग मार्केट नहीं है, लेकिन यहां मार्केट के लिए काफी स्कोप है. आने वाले वक्त में पालतू जानवरों की ग्रूमिंग इंडस्ट्री करनाल में खूब फलने-फूलने की उम्मीद है क्योंकि जिस तरीके से पालतू जानवरों को रखने का चलन लोगों में बढ़ रहा है, वो इसकी उम्मीदें बढ़ा देता है.
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ग्रूमिंग के साथ-साथ आजकल लोग अपने पालतू जानवरों की ब्रीड पर भी काफी ध्यान देते हैं. हर ब्रीड की अलग-अलग कीमत है. डॉग ब्रीडिंग और ग्रूमिंग पर काम करने वाले राकेश वर्मा ने बताया कि करनाल में जल्द ही डॉग ग्रूमिंग सेंटर खुलने की उम्मीद है.