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करनाल में बाढ़ का पानी खेतों में भरने से सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद, किसानों ने की मुआवजे की मांग

हथिनीकुंड बैराज से यमुनानदी में 2 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ने से किसानों की फसलें बर्बाद (Crops destroyed in Karnal) हो गई हैं. किसानों ने कहा है कि बाढ़ का पानी खेतों में पहुंचने से पशुओं के चारे समेत धान और सब्जी की फसल खराब हो गई है. किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है.

Crops ruined due to flood water reaching the fieldsखेतों में पहुंचने से फसलें हुई बर्बाद
बाढ़ का पानी खेतों में पहुंचने से फसलें हुई बर्बाद
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Published : Aug 12, 2022, 6:16 PM IST

करनाल: यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गये पानी के चलते करनाल के कई इलाकों में बाढ़ के हालात बन गये हैं. खेतों में पानी भरने से किसानों की फसलें नष्ट (Crops Ruined in Karnal) होने की कगार पर आ गई है. किसानों का कहना है कि बांध से छोड़े गए पानी से उनके खेत पूरी तरह से लबालब हैं. किसानों ने आरोप लगाया कि हालात खराब होने के बाद भी विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा. फसलें नष्ट होने के बाद किसी तरह का कोई मुआवजा भी नहीं दिया है.

बता दें कि बारिश होने के बाद यमुनानगर हथिनीकुंड बैराज से छोडे़ गए पानी से यमुनानदी में बाढ़ (flood in karnal) आ गई है. यमुना नदी में 2 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया है. हथिनी कुंड से छोड़ा गया पानी अब खेतों में पहुंच रहा है. किसानों की फसलों में कई फुट पानी चले जाने से हजारों एकड़ धान, चारा व सब्जियों की फसलें तबाही के कगार पर पहुंच गई है. हजारों एकड़ फसल बाढ़ के पानी से जलमग्न हो गई (Crops submerged in Karnal) है. जिस कारण किसानों की चिंता और भी ज्यादा बढ़ गई है.

किसानों ने मुआवजे की मांग की

किसानों ने बताया कि यमुनानदी में हथिनी कुंड बैराज से दो लाख से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण हजारों एकड़ किसानों की फसलें तबाह हो गई है. धान के खेतों में 3 से 4 फुट तक पानी पहुंच चुका है जिससे फसलें पूरी तरह से खराब हो गई है. किसानों का कहना है कि धान के अलावा सब्जियों की फसलें भी बर्बाद हो गई है. किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों को बाढ़ से बर्बाद (Crops destroyed in Karnal) हुई फसलों का मुआवजा देने में घोर लापरवाही कर रही है.

Crops ruined due to flood water reaching the fieldsखेतों में पहुंचने से फसलें हुई बर्बाद
बाढ़ का पानी खेतों में पहुंचने से फसलें हुई बर्बादned due to flood water reaching the fields

किसानों ने कहा कि सरकार ने अगर इस बार बाढ़ से तबाह हुई फसलों का मुआवजा नहीं दिया तो फिर किसानों बर्बाद हो जाएंगे. सरकार किसानों को बाढ़ से तबाह हुई फसलों का मुआवजा देने के बड़े-बड़े दावे केवल चुनाव के वक्त ही करती है. चुनाव होने के बाद किसानों की कोई सुध नहीं लेता है. किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनके तबाह हुई फसल का मुआवजा नहीं दिया गया तो वह बड़ा आंदोलन करने पर विवश होंगे.

करनाल: यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गये पानी के चलते करनाल के कई इलाकों में बाढ़ के हालात बन गये हैं. खेतों में पानी भरने से किसानों की फसलें नष्ट (Crops Ruined in Karnal) होने की कगार पर आ गई है. किसानों का कहना है कि बांध से छोड़े गए पानी से उनके खेत पूरी तरह से लबालब हैं. किसानों ने आरोप लगाया कि हालात खराब होने के बाद भी विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा. फसलें नष्ट होने के बाद किसी तरह का कोई मुआवजा भी नहीं दिया है.

बता दें कि बारिश होने के बाद यमुनानगर हथिनीकुंड बैराज से छोडे़ गए पानी से यमुनानदी में बाढ़ (flood in karnal) आ गई है. यमुना नदी में 2 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया है. हथिनी कुंड से छोड़ा गया पानी अब खेतों में पहुंच रहा है. किसानों की फसलों में कई फुट पानी चले जाने से हजारों एकड़ धान, चारा व सब्जियों की फसलें तबाही के कगार पर पहुंच गई है. हजारों एकड़ फसल बाढ़ के पानी से जलमग्न हो गई (Crops submerged in Karnal) है. जिस कारण किसानों की चिंता और भी ज्यादा बढ़ गई है.

किसानों ने मुआवजे की मांग की

किसानों ने बताया कि यमुनानदी में हथिनी कुंड बैराज से दो लाख से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण हजारों एकड़ किसानों की फसलें तबाह हो गई है. धान के खेतों में 3 से 4 फुट तक पानी पहुंच चुका है जिससे फसलें पूरी तरह से खराब हो गई है. किसानों का कहना है कि धान के अलावा सब्जियों की फसलें भी बर्बाद हो गई है. किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों को बाढ़ से बर्बाद (Crops destroyed in Karnal) हुई फसलों का मुआवजा देने में घोर लापरवाही कर रही है.

Crops ruined due to flood water reaching the fieldsखेतों में पहुंचने से फसलें हुई बर्बाद
बाढ़ का पानी खेतों में पहुंचने से फसलें हुई बर्बादned due to flood water reaching the fields

किसानों ने कहा कि सरकार ने अगर इस बार बाढ़ से तबाह हुई फसलों का मुआवजा नहीं दिया तो फिर किसानों बर्बाद हो जाएंगे. सरकार किसानों को बाढ़ से तबाह हुई फसलों का मुआवजा देने के बड़े-बड़े दावे केवल चुनाव के वक्त ही करती है. चुनाव होने के बाद किसानों की कोई सुध नहीं लेता है. किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनके तबाह हुई फसल का मुआवजा नहीं दिया गया तो वह बड़ा आंदोलन करने पर विवश होंगे.

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