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करनाल नगर निगम में कर्मचारियों का टोटा, कैसे पूरा होगा स्मार्ट सिटी का सपना? - करनाल नगर निगम खाली पद

शहर की आबादी को विभिन्न सेवाएं प्रदान करने में नगर निगम की अहम भूमिका होती है. ऐसे में अगर निगम में स्टाफ की कमी हो तो काम पर असर पड़ता है. इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने करनाल नगर निगम का जायजा लिया.

karnal municipal corporation news
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Published : Mar 10, 2021, 6:23 PM IST

Updated : Jun 8, 2021, 12:56 PM IST

करनाल: किसी भी शहर को साफ सुथरा रखने और लोगों को विभिन्न सेवाएं प्रदान करने में नगरपालिका की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण होती है. ऐसे में अगर नगरपालिका में कर्मचारियों की कमी हो तो नगर निगम को शहर की सेवा करने में बड़ी मुश्किलों को सामना करना पड़ सकता है.

इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम निकली है ये पड़ताल करने के लिए कि क्या हरियाणा के जिलों की नगर पालिकाओं में कर्मचारियों की संख्या पूरी है या कर्मचारियों की कमी है. हमारी टीम सीएम सिटी करनाल में जायजा लेने पहुंची, और देखा कि नगर निगम करनाल में कर्मचारी और अधिकारी पर्याप्त मात्रा में है या नहीं.

क्या है करनाल में निगम की मौजूदा स्थिति, पूरा है स्टाफ या है कर्मचारियों की कमी? देखिए

यहां हमारी टीम ने नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर गगनदीप सिंह से बात की और नगर निगम करनाल में स्टाफ की जानकारी ली. ज्वाइंट कमिश्नर ने बताया कि अधिकारी व कर्मचारियों का स्टाफ लगाकर नगर निगम में क्लेरिकल और अन्य मुख्य विभाग के लिए 376 पद हैं. इनमें से 255 तक के कर्मचारी व अधिकारी लगे हुए हैं, बचे हुए कर्मचारियों की सीट खाली हैं, लेकिन पे-रोल यानि कच्चे कर्मचारी के तौर पर नगर निगम में 150 लोगों को लगाया हुआ है.

नगर निगम करनाल के अंदर फायर विभाग भी आता है जिसमें 51 पद खाली पड़े हैं जिन पर कच्चे कर्मचारियों को लगाया हुआ है ताकि काम में बाधा ना पड़े. ज्वाइंट कमिश्नर ने दावा किया कि भले ही निगम में कुछ पद खाली पड़े हों, लेकिन सभी के काम समय पर होते हैं और किसी के काम में देरी नहीं होती. इसलिए पूरे भारत में 10 लाख तक की आबादी में सफाई सर्वेक्षण सर्वे में करनाल को चौथा स्थान मिला है.

ये भी पढ़ें- जमीन की रजिस्ट्री करने के लिए जारी करते थे फर्जी NDC, करनाल पुलिस के चढ़े हत्थे

वहीं जब हमने नगर निगम के सफाई विभाग के प्रधान वीरभान से बात की तो उन्होंने कुछ अलग ही कहानी सुनाई. उनका कहना था कि कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण कई काम समय पर नहीं हो पाते हैं. वहीं उन्होंने कच्चे कर्मचारियों को पक्का किए जाने की मांग भी की.

गौरतलब है कि मौजूदा सरकार बड़ी संख्या में रोजगार देने की बात करती है, लेकिन मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र करनाल के नगर निगम में ही सैकड़ों की संख्या में पद खाली पड़े हैं.

बहरहाल हमारी रिपोर्ट के आधार पर सीएम सिटी करनाल का नगर निगम कच्चे कर्मचारियों के ऊपर चल रहा है क्योंकि भारी मात्रा में पद खाली पड़े हैं, उन पर कच्चे कर्मचारियों को लगाकर उनसे काम करवाया जा रहा है और पक्के कर्मचारियों को भर्ती नहीं किया जा रहा.

ये भी पढ़ें- म्यूनिसिपल परफॉर्मेंस इंडेक्स में करनाल को मिला चौथा स्थान

करनाल: किसी भी शहर को साफ सुथरा रखने और लोगों को विभिन्न सेवाएं प्रदान करने में नगरपालिका की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण होती है. ऐसे में अगर नगरपालिका में कर्मचारियों की कमी हो तो नगर निगम को शहर की सेवा करने में बड़ी मुश्किलों को सामना करना पड़ सकता है.

इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम निकली है ये पड़ताल करने के लिए कि क्या हरियाणा के जिलों की नगर पालिकाओं में कर्मचारियों की संख्या पूरी है या कर्मचारियों की कमी है. हमारी टीम सीएम सिटी करनाल में जायजा लेने पहुंची, और देखा कि नगर निगम करनाल में कर्मचारी और अधिकारी पर्याप्त मात्रा में है या नहीं.

क्या है करनाल में निगम की मौजूदा स्थिति, पूरा है स्टाफ या है कर्मचारियों की कमी? देखिए

यहां हमारी टीम ने नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर गगनदीप सिंह से बात की और नगर निगम करनाल में स्टाफ की जानकारी ली. ज्वाइंट कमिश्नर ने बताया कि अधिकारी व कर्मचारियों का स्टाफ लगाकर नगर निगम में क्लेरिकल और अन्य मुख्य विभाग के लिए 376 पद हैं. इनमें से 255 तक के कर्मचारी व अधिकारी लगे हुए हैं, बचे हुए कर्मचारियों की सीट खाली हैं, लेकिन पे-रोल यानि कच्चे कर्मचारी के तौर पर नगर निगम में 150 लोगों को लगाया हुआ है.

नगर निगम करनाल के अंदर फायर विभाग भी आता है जिसमें 51 पद खाली पड़े हैं जिन पर कच्चे कर्मचारियों को लगाया हुआ है ताकि काम में बाधा ना पड़े. ज्वाइंट कमिश्नर ने दावा किया कि भले ही निगम में कुछ पद खाली पड़े हों, लेकिन सभी के काम समय पर होते हैं और किसी के काम में देरी नहीं होती. इसलिए पूरे भारत में 10 लाख तक की आबादी में सफाई सर्वेक्षण सर्वे में करनाल को चौथा स्थान मिला है.

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वहीं जब हमने नगर निगम के सफाई विभाग के प्रधान वीरभान से बात की तो उन्होंने कुछ अलग ही कहानी सुनाई. उनका कहना था कि कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण कई काम समय पर नहीं हो पाते हैं. वहीं उन्होंने कच्चे कर्मचारियों को पक्का किए जाने की मांग भी की.

गौरतलब है कि मौजूदा सरकार बड़ी संख्या में रोजगार देने की बात करती है, लेकिन मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र करनाल के नगर निगम में ही सैकड़ों की संख्या में पद खाली पड़े हैं.

बहरहाल हमारी रिपोर्ट के आधार पर सीएम सिटी करनाल का नगर निगम कच्चे कर्मचारियों के ऊपर चल रहा है क्योंकि भारी मात्रा में पद खाली पड़े हैं, उन पर कच्चे कर्मचारियों को लगाकर उनसे काम करवाया जा रहा है और पक्के कर्मचारियों को भर्ती नहीं किया जा रहा.

ये भी पढ़ें- म्यूनिसिपल परफॉर्मेंस इंडेक्स में करनाल को मिला चौथा स्थान

Last Updated : Jun 8, 2021, 12:56 PM IST
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