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करनालः फसल बीमा योजना के दावों का भुगतान नहीं कर रही बीमा कंपनी, 5000 किसान परेशान - प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हरियाणा न्यूज

बैंकों ने किसानों के प्रीमियम तो काट लिए, लेकिन पीएमएफबीवाई (प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना) पोर्टल पर उनका विवरण सही ढंग से दर्ज नहीं किया था. जिसके चलते बीमा कंपनियां किसानों को ये कह कर टाल दे रही हैं कि उनके पास किसानों का सही डाटा नहीं है. बैंकों की गलती का खामियाजा किसान भुगत रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर...

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Published : Feb 4, 2020, 1:16 PM IST

करनालः जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना फेल होती दिखाई दे रही है. जिले के करीब 5000 किसानों को प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत 2018 में बर्बाद हुए खरीफ की फसलों का मुआवजा अभी तक नहीं मिला है.

फसल की बर्बादी का नुकसान झेल रहे किसान बैंक और बीमा कंपनियों के बीच फंस गए हैं और दावों के निपटान के लिए जिम्मेदार एजेंसियों की ओर से की जा रही देरी को लेकर किसानों में आक्रोश है.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दावों का भुगतान नहीं कर रही बीमा कंपनी, किसान परेशान

बैंक और बीमा कंपनी के बीच फंसे किसान
दरअसल बैंकों की ओर से की गई लिपिक गलतियों के चलते बीमा कंपनियों ने लभगभ 4395 किसानों के दावों को खारिज कर दिया है. वहीं बैंकों का कहना है कि कंपनी किसानों को फसल के नुकसान का पैसा चुकाएगी, क्योंकि इसके द्वारा प्रीमियम काटा गया था.

वहीं बीमा कंपनी का कहना है कि गलती बैंक ने की है, इसलिए वो गलत हैं, लिहाजा किसानों की नुकसान की भरपाई बैंक करें. बीमा कंपनी ने 2018 खरीफ सीजन में प्रीमियम के रूप में 1513.7 लाख रुपये इकट्ठा किया था.

कार्रवाई की मांग कर रहे किसान
बीमा योजना के लिए प्रीमियम काटते वक्त बैंकों ने जो गलती की, इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. जिससे किसान नाराज हैं और राज्य और केंद्र सरकार से बकाएदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः- हरियाणा सरकार के 100 दिन पूरे होने पर शिक्षा मंत्री ने गिनाई उपलब्धियां

बैंकों की गलती का खामियाजा भुगत रहे किसान
आंकड़ों के मुताबिक ज्यादा बारिश के चलते फसल के नुकसान का सामना करने के बाद 15474 किसानों ने दावों के लिए कृषि विभाग से संपर्क किया था. जिनमें से 3474 किसानों के आवेदन खारिज कर दिए गए थे, क्योंकि उन्होंने नुकसान के 48 घंटे बाद दावों के लिए आवेदन दायर किया था.

बाकी 12000 आवेदक वास्तविक पाए गए, जिनमें से लगभग 5000 किसान 2018 से अपने मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं. इनमें से 4395 किसान ऐसे हैं, पीएमएफबीवाई (प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना) पोर्टल पर जिनका विवरण उनके बैंकों ने सही ढंग से दर्ज नहीं किया था.

केंद्र सरकार का दरवाजा खटखटा रही राज्य सरकार
वहीं मामले में करनाल के उप कृषि निदेशक आदित्य डबास ने भी स्वीकार किया है कि लगभग 5000 किसानों की फसल बीमा दावों का निपटान किया जाना बाकी है. उन्होंने कहा हाल ही में हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने केंद्र सरकार के वित्त विभाग पीएमएफबीवाई (प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के निदेशक को मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए पत्र लिखा है.

ये भी पढ़ेंः- गुरुग्राम शिक्षा विभाग की पहल, स्कूली बच्चों का पाठ्यक्रम पूरा कराएंगे गांव के काबिल युवा

करनालः जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना फेल होती दिखाई दे रही है. जिले के करीब 5000 किसानों को प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत 2018 में बर्बाद हुए खरीफ की फसलों का मुआवजा अभी तक नहीं मिला है.

फसल की बर्बादी का नुकसान झेल रहे किसान बैंक और बीमा कंपनियों के बीच फंस गए हैं और दावों के निपटान के लिए जिम्मेदार एजेंसियों की ओर से की जा रही देरी को लेकर किसानों में आक्रोश है.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दावों का भुगतान नहीं कर रही बीमा कंपनी, किसान परेशान

बैंक और बीमा कंपनी के बीच फंसे किसान
दरअसल बैंकों की ओर से की गई लिपिक गलतियों के चलते बीमा कंपनियों ने लभगभ 4395 किसानों के दावों को खारिज कर दिया है. वहीं बैंकों का कहना है कि कंपनी किसानों को फसल के नुकसान का पैसा चुकाएगी, क्योंकि इसके द्वारा प्रीमियम काटा गया था.

वहीं बीमा कंपनी का कहना है कि गलती बैंक ने की है, इसलिए वो गलत हैं, लिहाजा किसानों की नुकसान की भरपाई बैंक करें. बीमा कंपनी ने 2018 खरीफ सीजन में प्रीमियम के रूप में 1513.7 लाख रुपये इकट्ठा किया था.

कार्रवाई की मांग कर रहे किसान
बीमा योजना के लिए प्रीमियम काटते वक्त बैंकों ने जो गलती की, इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. जिससे किसान नाराज हैं और राज्य और केंद्र सरकार से बकाएदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

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बैंकों की गलती का खामियाजा भुगत रहे किसान
आंकड़ों के मुताबिक ज्यादा बारिश के चलते फसल के नुकसान का सामना करने के बाद 15474 किसानों ने दावों के लिए कृषि विभाग से संपर्क किया था. जिनमें से 3474 किसानों के आवेदन खारिज कर दिए गए थे, क्योंकि उन्होंने नुकसान के 48 घंटे बाद दावों के लिए आवेदन दायर किया था.

बाकी 12000 आवेदक वास्तविक पाए गए, जिनमें से लगभग 5000 किसान 2018 से अपने मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं. इनमें से 4395 किसान ऐसे हैं, पीएमएफबीवाई (प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना) पोर्टल पर जिनका विवरण उनके बैंकों ने सही ढंग से दर्ज नहीं किया था.

केंद्र सरकार का दरवाजा खटखटा रही राज्य सरकार
वहीं मामले में करनाल के उप कृषि निदेशक आदित्य डबास ने भी स्वीकार किया है कि लगभग 5000 किसानों की फसल बीमा दावों का निपटान किया जाना बाकी है. उन्होंने कहा हाल ही में हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने केंद्र सरकार के वित्त विभाग पीएमएफबीवाई (प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के निदेशक को मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए पत्र लिखा है.

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Intro:सरकार की प्रधानमंत्री बीमा योजना के दावे हुए फेल, करनाल जिले के लगभग 5000 से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत 2018 खरीफ के मौसम में फसल के नुकसान का मुआवजा अभी तक नहीं प्राप्त हुआ, दावों के निपटान में देरी से किसानों में आक्रोश ।


Body:2018 खरीफ गर्मी की बुवाई के मौसम में फसल के नुकसान का सामना करने वाले 5000 से अधिक किसानों को अभी तक करनाल जिले में प्रधानमंत्री बीमा योजना पीएम पीएमएफबीवाई के तहत मुआवजा प्राप्त करना है । उनके बैंकों द्वारा लिप्किय गलतियों के कारण बीमा कंपनी ने लगभग 4395 किसानों के दावों को खारिज कर दिया है । बैंकों ने कहा है कि कंपनी किसानों को फसल के नुकसान का पैसा चुकाएगी क्योंकि इसके द्वारा प्रीमियम काटा गया था, दूसरी और कंपनी ने कहा कि गलती बैंक द्वारा की गई थी इसलिए वे गलती पर थे और इसके लिए उन्हें भुगतान करना चाहिए । दावों के निपटान में देरी से किसानों में आक्रोश पैदा हो रहा है । वह मांग कर रहे हैं कि राज्य और केंद्र सरकार बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई करें । आंकड़ों के अनुसार अत्यधिक बारिश के कारण नुकसान का सामना करने के बाद 15474 किसानों ने दावों के लिए कृषि विभाग से संपर्क किया था । 3474 किसानों के आवाज आवेदन खारिज कर दिए गए थे क्योंकि उन्होंने नुकसान के 48 घंटे बाद दावों के लिए दायर किया था । शेष 12000 आवेदक वास्तविक पाए गए उनमें से लगभग 5000 किसान 2018 से अपने मुआवजे की प्रतीक्षा कर रहे हैं जिनमें से 4395 किसान ऐसे थे जिनके पीएमएफबीवाई पोर्टल पर विवरण उनके बैंकों द्वारा सही ढंग से दर्ज नहीं किए गए थे । बीमा कंपनी ने 2018 खरीफ सीजन में प्रीमियम में रुपए 15 13.7 लाख का संग्रह किया था ।


Conclusion:करनाल के उप कृषि निदेशक आदित्य डबास ने स्वीकार किया है लगभग 5000 किसानों की फसल बीमा दावों का निपटान किया जाना बाकी है ।उन्होंने कहा हाल ही में हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने केंद्र सरकार के वित्त विभाग पीएमएफबीवाई के मुख्य अधिक का कार्यकारी अधिकारी और राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के निर्देशक को मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए पत्र जारी किया है । वाइट - आदित्य डबास - उप निदेशक कृषि विभाग
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