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स्टार्टअप ने बदली युवा भारत की तस्वीर, करनाल का दम्पति बना युवाओं के लिए मिसाल

करनाल के ऐसे ही युवा कैप्टन अनुज आज दूसरों के लिए मिसाल बन गए हैं, जिन्होंने खुद पर बीतने के बाद एक ऐसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की स्थापना कर डाली, जिस पर जाकर कोई भी व्यक्ति बिना समय गंवाए विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह और सेवाएं ले सकता है.

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Published : Aug 1, 2019, 10:45 AM IST

करनाल का दम्पति बना युवाओं के लिए मिसाल

करनाल: स्टार्टअप इंडिया ने युवा भारत की तस्वीर बदल कर रख दी है. छोटे शहरों के युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने में सक्षम बनाने के लिए केंद्र सरकार की ये योजना एक अहम कदम साबित हो रही है. जिसके तहत खुद का काम करने के मकसद से युवा उद्यमियों को ऐसा प्लेटफॉर्म मुहैया करवाना है, जहां से वो अपने सपनों को पूरा कर सके. नए दौर की जरूरतों और तकनीक को ध्यान में रखकर युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए हर संभव मदद उनके ही शहर में जा कर देना इस पहल का मकसद है. यही कारण है कि देश के छोटे और मझोले शहरों में इनोवेटिव स्टार्टअप की संख्या तेजी से बढ़ी है. इन उद्यमियों ने कामयाबी के लिए अपने जुनून को साबित भी किया है.

करनाल का दम्पति बना युवाओं के लिए मिसाल

ये भी पढ़ें- वर्दी में नजर आएंगे फरीदाबाद के ऑटो चालक, अपराध रोकने की कोशिश

करनाल के ऐसे ही युवा कैप्टन अनुज आज दूसरों के लिए मिसाल बन गए हैं, जिन्होंने खुद पर बीतने के बाद एक ऐसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की स्थापना कर डाली जिस पर जाकर कोई भी व्यक्ति बिना समय गंवाए विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह और सेवाएं ले सकता है.

यही नहीं बिना लाइन में लगे डॉक्टर से अपॉइंटमेंट भी ले सकता है. इस मेडिकल पोर्टल पर लैब टेस्ट की सुविधा भी उपलब्ध है. लैब कर्मी खुद घर जाकर मरीज का सैंपल ले जाता है. बीमार और बुजुर्ग लोगों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है.अनुज ने बताया कि इस तरह की सेवा शुरू करने का विचार उसे उस समय आया जब एक बार वो किसी ऐसी ही एक समस्या में फंस गए थे जहां उन्हें कोई चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाई, तभी उन्होंने एक ऐसे ऑनलाइन पोर्टल बनाने की ठान ली और वापस आते ही इस काम को शुरू कर दिया.

इस काम में स्टार्टअप योजना ने बड़ा योगदान दिया और इसकी बदौलत आज उनका ये पोर्टल कई शहरों और दूरदराज गांवों तक सफलतापूर्वक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करा रहा है. अब उनका अगला लक्ष्य हर ग्राम में सुविधा केंद्र खोलने का है. उन्होंने कहा कि जल्द ही वो एक अन्य संस्था के साथ मिलकर गांव की 10 लाख लड़कियों को 1 साल तक 10 लाख सेनेटरी पैड बांट देंगे ताकि उन्हें हाइजेनिक वातावरण मिल सके. अगर केंद्र सरकार मदद करें तो वे इस पोर्टल के माध्यम से देश के बीपीएल लोगों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा देना चाहते हैं.

इस कार्य में उनकी पत्नी डॉ पारुल भी कंधे से कंधा मिलाकर योगदान दे रही है और दोनों मिलकर हर व्यक्ति तक मेडिकल सेवा पहुंचाने में लगे हैं ताकि स्वस्थ और सुंदर भारत का सपना साकार हो सके.

करनाल: स्टार्टअप इंडिया ने युवा भारत की तस्वीर बदल कर रख दी है. छोटे शहरों के युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने में सक्षम बनाने के लिए केंद्र सरकार की ये योजना एक अहम कदम साबित हो रही है. जिसके तहत खुद का काम करने के मकसद से युवा उद्यमियों को ऐसा प्लेटफॉर्म मुहैया करवाना है, जहां से वो अपने सपनों को पूरा कर सके. नए दौर की जरूरतों और तकनीक को ध्यान में रखकर युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए हर संभव मदद उनके ही शहर में जा कर देना इस पहल का मकसद है. यही कारण है कि देश के छोटे और मझोले शहरों में इनोवेटिव स्टार्टअप की संख्या तेजी से बढ़ी है. इन उद्यमियों ने कामयाबी के लिए अपने जुनून को साबित भी किया है.

करनाल का दम्पति बना युवाओं के लिए मिसाल

ये भी पढ़ें- वर्दी में नजर आएंगे फरीदाबाद के ऑटो चालक, अपराध रोकने की कोशिश

करनाल के ऐसे ही युवा कैप्टन अनुज आज दूसरों के लिए मिसाल बन गए हैं, जिन्होंने खुद पर बीतने के बाद एक ऐसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की स्थापना कर डाली जिस पर जाकर कोई भी व्यक्ति बिना समय गंवाए विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह और सेवाएं ले सकता है.

यही नहीं बिना लाइन में लगे डॉक्टर से अपॉइंटमेंट भी ले सकता है. इस मेडिकल पोर्टल पर लैब टेस्ट की सुविधा भी उपलब्ध है. लैब कर्मी खुद घर जाकर मरीज का सैंपल ले जाता है. बीमार और बुजुर्ग लोगों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है.अनुज ने बताया कि इस तरह की सेवा शुरू करने का विचार उसे उस समय आया जब एक बार वो किसी ऐसी ही एक समस्या में फंस गए थे जहां उन्हें कोई चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाई, तभी उन्होंने एक ऐसे ऑनलाइन पोर्टल बनाने की ठान ली और वापस आते ही इस काम को शुरू कर दिया.

इस काम में स्टार्टअप योजना ने बड़ा योगदान दिया और इसकी बदौलत आज उनका ये पोर्टल कई शहरों और दूरदराज गांवों तक सफलतापूर्वक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करा रहा है. अब उनका अगला लक्ष्य हर ग्राम में सुविधा केंद्र खोलने का है. उन्होंने कहा कि जल्द ही वो एक अन्य संस्था के साथ मिलकर गांव की 10 लाख लड़कियों को 1 साल तक 10 लाख सेनेटरी पैड बांट देंगे ताकि उन्हें हाइजेनिक वातावरण मिल सके. अगर केंद्र सरकार मदद करें तो वे इस पोर्टल के माध्यम से देश के बीपीएल लोगों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा देना चाहते हैं.

इस कार्य में उनकी पत्नी डॉ पारुल भी कंधे से कंधा मिलाकर योगदान दे रही है और दोनों मिलकर हर व्यक्ति तक मेडिकल सेवा पहुंचाने में लगे हैं ताकि स्वस्थ और सुंदर भारत का सपना साकार हो सके.

Intro:स्टार्टअप इंडिया ने बदली युवा भारत की तस्वीर, करनाल के कैप्टन अनुज और उनकी धर्मपत्नी डॉक्टर पारुल बने युवाओं के लिए मिसाल, जब खुद पर बीती तो बना दिया ऑनलाइन मेडिकल प्लेटफॉर्म ,घर पर बैठे ले सकते हैं डॉक्टर्स की सेवाएं, देश के अनेक शहरों के अस्पतालों को जोड़ा ऑनलाइन पोर्टल से, ग्रामीण और दूरदराज इलाकों तक हुई स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान ।


Body:स्टार्टअप ने युवा भारत की तस्वीर बदल कर रख दी है । छोटे शहरों के युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने में सक्षम बनाने के लिए केंद्र सरकार की यह योजना एक अहम कदम साबित हो रही है जिसके तहत खुद का काम करने के मकसद से युवा उद्यमियों को ऐसा प्लेटफॉर्म मुहैया करवाना है जहां से वह अपने सपनों को पूरा कर सके नए दौर की जरूरतों और तकनीक को ध्यान में रखकर युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए हर संभव मदद उनके ही शहर में जा कर देना इस पहल का मकसद है । यही कारण है कि देश के छोटे और मझोले शहरों में इनोवेटिव स्टार्टअप की संख्या तेजी से बढ़ी है ।इन उद्यमियों ने कामयाबी के लिए अपने जुनून को साबित भी किया है । करनाल के ऐसे ही युवा कैप्टन अनुज आज दूसरों के लिए मिसाल बन गए हैं , जिन्होंने खुद पर बीतने के बाद एक ऐसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की स्थापना कर डाली जिस पर जाकर कोई भी व्यक्ति बिना समय गवाए विशेषक डॉक्टर की सलाह व सेवाएं ले सकता है । यही नहीं बिना लाइन में लगे डॉक्टर से अपॉइंटमेंट भी ले सकता है ।इस मेडिकल पोर्टल पर लैब टेस्ट की सुविधा भी उपलब्ध है । लैब कर्मी खुद घर जाकर मरीज का सैंपल ले जाता है । बीमार और बुजुर्ग लोगों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है ।


Conclusion:वीओ - अनुज ने बताया कि इस तरह की सेवा शुरू करने का विचार उसे उस समय आया जब एक बार वह किसी ऐसी ही एक समस्या में फंस गए थे जहां उन्हें कोई चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाई, तभी उन्होंने एक ऐसे ऑनलाइन पोर्टल बनाने की ठान ली और वापस आते ही इस काम को शुरू कर दिया । इस काम में स्टार्टअप योजना ने बड़ा योगदान दिया और इसकी बदौलत आज उनका यह पोर्टल कई शहरों और दूरदराज गांवों तक सफलतापूर्वक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करा रहा है। अब उनका अगला लक्ष्य हर ग्राम में सुविधा केंद्र खोलने का है ।

उन्होंने कहा कि जल्द ही वह एक अन्य संस्था के साथ मिलकर गांव की 10 लाख लड़कियों को 1 साल तक 10 लाख सेनेटरी पैड बांट देंगे ताकि उन्हें हाइजेनिक वातावरण मिल सके । अगर केंद्र सरकार मदद करें तो वे इस पोर्टल के माध्यम से देश के बीपीएल लोगों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा देना चाहते हैं ।इस कार्य में उनकी पत्नी डॉ पारुल भी कंधे से कंधा मिलाकर योगदान दे रही है और दोनों मिलकर हर व्यक्ति तक मेडिकल सेवा पहुंचाने में लगे हैं ताकि स्वस्थ और सुंदर भारत का सपना साकार हो सके।

बाईट - कैप्टन-अनुज
बाईट - डॉ पारुल
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